Holi Kyu Manayi Jati Hai नमस्कार दोस्तों आज में आपको Holi के बारे में बताने वाली हूँ कई लोग Holi के कुछ जरुरी तथ्य के बारे नहीं जानते है तो यदि आप जानना चाहते है तो आप इस पोस्ट के माध्यम से जानने वाले है आइए जानते है Holi क्यों मनाई जाती है।
Holi का त्योहार क्यों मनाते हैं?
Holi Kyu Manayi Jati Hai Holi भारत में एक प्रसिद्ध त्योहार है जो वर्षा ऋतु के शुरू होने के समय मनाया जाता है। यह त्योहार उत्सव, संस्कृति, संगीत, नृत्य, रंग और खानपान के साथ मनाया जाता है। इससे सम्बंधित कई पौराणिक कथाएं हैं जैसे कि कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है।
Holi समारोह Holi के दिन के समय किए जाने वाले सम्मेलन होते हैं। यह समारोह अधिकांश स्थानों पर स्थानों पर किए जाते हैं, जैसे कि स्थानों, स्कूलों, कॉलेजों, समुदाय स्थानों और समूह स्थानों में। यह समारोह धूमधाम, नृत्य, संगीत, खानपान, रंग और अन्य उत्सव के साथ मनाया जाता है। यह समारोह कुछ स्थानों पर समूचे समूचे नगर के साथ भी मनाया जाता है। यह समारोह लोगों को सामूहिकता के साथ सम्बंधित करता है और समूचे समूचे रंगों के साथ सम्बंधित करता है।
Holi का त्योहार
Holi का त्योहार भारत और नेपाल में प्रसिद्ध है। यह वर्षा ऋतु के शुरू होने के समय मनाया जाता है। यह त्योहार उत्सव, संस्कृति, संगीत, नृत्य, रंग और खानपान के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य पर भी मनाया जाता है। यह त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता है, जो कि परंपरागत रूप से पर्व के दौरान किया जाता है।
रंग Holi का भाग कैसे बने?
रंग Holi का एक प्रसिद्ध भाग है। Holi के दिन, लोग अपने घरों, सड़कों, स्थानों और बच्चों को रंग से सजाते हैं। यह रंग के प्रसिद्ध प्रतीक हैं जो सभी त्योहार के समय सजाये जाते हैं। Holi के दिन लोग सभी प्रकार के रंगों को सजाते हैं, जैसे कि पीला, हरा, सफेद, नीला और कई अन्य रंग। रंग Holi के दिन कुछ स्थानों पर स्वयं के हाथ से बने रंग को उपयोग किया जाता है, जैसे कि सूखे हुए फल और सब्जियों से बने रंग। Holi Kyu Manayi Jati Hai
होलिका दहन पूजा विधि
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को सुबह नहाकर होलिका व्रत का संकल्प करें। दोपहर में होलिका दहन स्थान को पवित्र जल से शुद्ध कर लें। उसमें लकड़ी, सूखे उपले और सूखे कांटे डालें। शाम के समय उसकी पूजा करें। होलिका के पास और किसी मंदिर में दीपक जलाएं। होलिका में कपूर भी डालना चाहिए। इससे Holi जलते समय कपूर का धुआं वातावरण की पवित्रता बढ़ता है। शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित करें। होलिका दहन के समय परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद घर से लाए हुए जौ, गेहूं, चने की बालों को Holi की ज्वाला में डाल दें। Holi की अग्नि और भस्म लेकर घर आएं और पूजा वाली जगह रखें।
होलिका दहन पूजा मंत्र
असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिषै:। अतस्तवां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।’ इस मंत्र का उच्चारण करते हुए होलिका की सात परिक्रमा करें। इसी मंत्र के साथ होलिका कोअर्ध्य भी दें।
Holi व्रत कथा हिंदी में