आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार जो बदल देगी आपकी जिंदगी!!
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चाणक्य
उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ
राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति
आदि का महान ग्रंन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है।
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निर्बल राजा को तत्काल संधि करनी चाहिए।
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पडोसी राज्यों से सन्धियां तथा पारस्परिक व्यवहार का आदान-प्रदान और संबंध विच्छेद आदि का निर्वाह मंत्रिमंडल करता है।
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निकट के राज्य स्वभाव से शत्रु हो जाते है।
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किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है।
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ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।
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वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
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संकट में केवल बुद्धि ही का
म आती है।
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लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
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