बरसाना में लट्ठमार होली 2024: इतिहास, महत्व और इस अनोखे होली उत्सव
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बरसाना की लट्ठमार होली, जिसे "लाड्डू होली" भी कहा जाता है,
एक अनोखा उत्सव है जो राधा और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है।
यह उत्सव होली से पहले, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की 9वीं तिथि को मनाया जाता है।
इस उत्सव की शुरुआत राधा और कृष्ण के बीच प्रेम लीला से जुड़ी है।
कहा जाता है कि कृष्ण राधा और उनकी सहेलियों को परेशान करने के लिए बरसाना आते थे।
जवाब में, राधा और गोपियां उन्हें लाठी से भगाती थीं।
यह उत्सव प्रेम, हंसी और मस्ती का प्रतीक है।
इस उत्सव में, बरसाना के पुरुष, जिन्हें "लाठमार" कहा जाता है,
रंगीन कपड़े पहनते हैं और लाठी लेकर रास-लीला के मैदान में इकट्ठा होते हैं।