स्वामी विवेकानंद का व्यवहार कैसा था

स्वामी विवेकानंद, भारतीय धार्मिक और दार्शनिक जो कि 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जीवित थे, का व्यवहार उत्कृष्ट और प्रभावशाली था।

उनके व्यवहार के पीछे एक मजबूत आदर्शवाद, आत्मसंयम, और विनम्रता की प्रेरणा थी। वह लोगों के प्रति सहानुभूति, सम्मान, और प्रेम के साथ व्यवहार करते थे।

स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषणों और सत्संगों के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत किया

जिससे उन्होंने लोगों के दिलों में गहरा प्रभाव छोड़ा। उन्होंने अपनी शिक्षाओं को अपने जीवन के माध्यम से प्रदर्शित किया 

और लोगों को अपने उदार और समर्पित व्यवहार से प्रभावित किया।

स्वामी विवेकानंद का व्यवहार बहुत सरल और सच्चा था। 

उनकी गहरी साधना, मनोशांति और सत्यनिष्ठा से उन्होंने अपने वचनों को जीवंत किया

और अपनी आदर्शों को अपने आप में प्रकट किया उनके व्यवहार में सर्वसामान्य मानवीयता, विचारशीलता और अनुशासन का आदर्श छिपा था।

स्वामी विवेकानंद अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति, अद्भुत विद्वत्ता, और अद्भुत प्रेरणादायी वाणी के माध्यम से लोगों को प्रभावित किया।