उन्होंने कुंती के उपदेशों पर उन पांडवों से स्वयंवर के दौरान विवाह किया था।द्रौपदी के पति पांडव भाइयों के लड़ाई में उन्हें जीतने वाला शकुनि नाम का दुष्ट व्यक्ति था।
शकुनि ने द्रौपदी को चुनौती दी और उसे बोला कि वह उन पांडवों को स्वयंवर के दौरान वस्त्राभरण के समय जो भी वस्त्र पहने हुए हैं, उन्हें उतार कर उसे अपने सामने रख दे।
युद्ध के दौरान, धर्मराज युधिष्ठिर कौरवों के साथ जुड़े दोस्तों के लिए जुटे थे और उन्होंने एक जुआ खेला। इस जुआ में उन्हें हार जानकर उन्होंने अपनी पत्नी द्रौपदी को भी हार दिया।
दुखी होकर, कौरवों का राजा धृतराष्ट्र ने द्रौपदी को बुलाया और उसे अपमानित किया। उसने द्रौपदी से कहा कि उसे पांच बार वस्त्र उतारना होगा। इस घोर अपमान के बाद द्रौपदी बेहोश हो गई।