ये हैं भारत की सबसे खूबसूरत रानियां, जिनकी बहादुरी के थे खूब चर्चे; AI ने दिखाई तस्वीरें

पद्मावती या पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रत्नसिंह (रतनसेन) [1302-1303 ई०] की रानी थी। इस राजपूत रानी के नाम का ऐतिहासिक अस्तित्व बहुत गौरवशाली है। और इनका ऐतिहासिक अस्तित्व तो प्रायः इतिहासकारों द्वारा काल्पनिक स्वीकार कर लिया गया है। इस नाम का मुख्य स्रोत मलिक मुहम्मद जायसी कृत 'पद्मावत' नामक महाकाव्य है।

रानी दुर्गावती (5 अक्टूबर 1524 – 24 जून 1564) भारत की एक प्रसिद्ध वीरांगना थीं,जिसने मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र पे शासन किया। उनका जन्म 5 अक्टूबर 1524 को कालिंजर के राजा कीर्तिवर्मन द्वितीय चन्देल (कीर्ति सिंह) के यहाँ हुआ उनका राज्य गढ़मंडला था,जिसका केंद्र जबलपुर था।

महारानी चिमनाबाई ऐसी ही एक महिला थीं। उन्हें बड़ौदा की महारानी की उपाधि दी गई। महारानी चिमनाबाई 1927 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की पहली अध्यक्ष बनीं और बड़ौदा की प्रमुख महिला नेताओं में से एक थीं। बड़ौदा की महारानी के रूप में उन्होंने महिलाओं को प्रेरित, प्रोत्साहित और सशक्त बनाया।

अहिल्यादेवी होलकर, मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं। उन्होने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया

रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। बताया जाता है कि सिर पर तलवार के वार से शहीद हुई थी लक्ष्मीबाई

रानी कर्णावती चित्तौड़ के राजा की विधवा थीं। रानी के दो पुत्र थे- राणा उदयसिंह और राणा विक्रमादित्य। ऐसे में महारानी कर्णावती ने राजपूतों और मुस्लिमों के संघर्ष के बीच हुमायूं के सामने प्रस्ताव रखा कि हम परस्पर संधि करके अपने समान शत्रु बहादुरशाह का मिलकर सामना करें।

जयपुर के भूतपूर्व राजघराने की राजमाता गायत्री देवी का जन्म २३ मई १९१९ को लंदन में हुआ था। राजकुमारी गायत्री देवी के पिता राजकुमार जितेन्द्र नारायण कूचबिहार के युवराज के छोटे भाई थे, वहीं माता बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे थीं।

सीता देवी (1915-2002), राजकुमारी कर्म के नाम से भी जाना जाता था और व्यापक तौर पे उस जमाने में उन्हें सबसे आकर्षक महिला के रूप में जाना जाता था।