अकबर का काला सच जो आपको नहीं बताया जाता? जानकर आप भी न पसंद करेंगे

"अकबर का काला सच" भारतीय इतिहास में एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है। इसका मतलब होता है

कि अकबर के समय में कोई ऐसी घटना नहीं हुई जो उसने नहीं जानी हो या जिसके बारे में वह नहीं सोचता या उसने नहीं सुनी हो।

अकबर एक ऐसे सम्राट थे जो अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों पर विचार करते थे

और उनके समक्ष उनके सलाहकारों, मंत्रियों और दूसरे लोगों के विचार भी रखते थे।

अकबर के समय में अनेक धार्मिक सम्प्रदाय थे जो अलग-अलग विचार और संस्कृति रखते थे।

अकबर ने इन सभी सम्प्रदायों के साथ मैत्री बनाई और उनसे उनके विचारों और धर्म के बारे में अधिक जानकारी हासिल की।

इससे अकबर का विचारधारा में खुलापन और ज्ञान के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आया।

इसीलिए अकबर को एक ऐसा सम्राट माना जाता है जो धर्म, संस्कृति और ज्ञान के मामलों में खुले विचारों के धनी थे।

अकबर के समय में महिलाओं को समाज में एक उच्च स्थान नहीं था और उनकी स्थिति अत्यधिक पिछड़ी हुई थी।

लेकिन, अकबर के जीवन में ऐसी कुछ घटनाएं भी हुईं जो महिलाओं के अधिकारों को छेड़ती थीं।