मुगल काल में बादशाह के हरम की अनेकों कहानियां लिखी गई हैं. वहां होने वाली बर्रबता पर भी दुनियाभर के कहानीकारों ने अपनी किताबों में खुलकर जिक्र किया है.
हरम में मौजूद कुछ महिलाएं शाही परिवार के लोगों से शादी के बाद यहां पहुंची हैं. कुछ पर बादशाह के फिदा हो गए और इस वजह से उन्हें हरम का हिस्सा बनना पड़ा है. वहीं कुछ शहजादों द्वारा चुनी गई हैं.
'यहां मौजूद कई महिलाओं का जन्म ही हरम के अंदर हुआ है. कुछ महिलाओं का कहना है कि एक बार हरम का हिस्सा हो जाने के बाद बाहरी दुनिया का कोई भी शख्स यहां की महिलाओं का चेहरा नहीं देख सकता है
मुगल साम्राज्य के हरम का पूरा कार्यभार उन्हीं के कंधों पर आ गया था. हालांकि, उन्होंने दिल्ली में की महल बनवाए. चांदनी चौक का निर्माण भी जहांआरा ने ही करवाया था.