Friday, March 29, 2024
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What is NATO in Hindi (संस्थापक, स्थापना ,सदस्य देश)

What is NATO in Hindi (संस्थापक, स्थापना ,सदस्य देश) नाटो (NATO) क्या है, पूरा नाम, स्थापना कब हुईसदस्य देश, मुख्यालय कहां है (What is NATOFull Form in Hindi) (FoundersCountry ListHeadquarters)

जब world युद्ध की घटना घटित हुई थी तो उसके बाद पूरी दुनिया ही भयभीत हो गई थी। पूरा world यही चाहता था कि ऐसी घटना अब दोबारा से ना हो। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए दुनिया के कई देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की थी। इस गठन को शक्तिशाली बनाने के लिए एक सैन्य संगठन भी बनाया गया। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश: 4 अप्रैल 1949 को, 12 देशों के विदेश मंत्रियों ने जिनमें बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैण्ड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के देशों के विदेशमंत्री शामिल थे। सभी ने वाशिंगटन, डी. सी. के भागीय सभागार में उत्तरी अटलांटिक संधि (जिसे वाशिंगटन संधि भी कहा जाता है) पर हस्ताक्षर किए थे।

What is NATO in Hindi


What is NATO in Hindi अलग अलग देशो का समूह है जब दूसरा विश्वयुद्ध खत्म हुआ था तो उसके बाद पूरे यूरोप की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब हो गई थी। इस गिरावट की वजह से वहां के लोगों की जिंदगी काफी ज्यादा प्रभावित हो गई थी। नागरिक निम्न स्तर का जीवन जीने के लिए मजबूर थे। सोवियत संघ ने इसे एक मौका समझते हुए इसका फायदा उठाना चाहा। वह तुर्की और ग्रीस में साम्यवाद को स्थापित करके वर्ल्ड के बिजनेस पर अपना कंट्रोल करना चाहता था।

 

नाटो क्या है (What is NATO)

संगठन का नाम नाटो (NATO)
किसने स्थापना की अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन
कब 4 अप्रैल 1949
मुख्यालय ब्रुसेल्स बेल्जियम
उद्देश्य शामिल हुए देशों को साम्यवाद से बचाना और हमले के समय सहायता करना
कुल देश 30

यहां हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि नाटो एक सैन्य संगठन है जिसमें 30 देशों की सेना की मदद शामिल हैं।

नाटो की संरचना के अंग:


NATO का मुख्यालय ब्रसेल्स में हैं। इसकी structure 4 अंगों से मिलकर बनी है:-

  • परिषद: यह NATO का सर्वोच्च अंग है। इसका निर्माण राज्य के मंत्रियों से होता है। इसकी मंत्रिस्तरीय बैठक वर्ष में एक बार होती है। परिषद् का मुख्य उत्तरायित्व समझौते की धाराओं को लागू करना है।
  • उप परिषद्: यह परिषद् NATO के सदस्य देशों द्वारा नियुक्त कूटनीतिक प्रतिनिधियों की परिषद् है। ये नाटो के संगठन से सम्बद्ध सामान्य हितों वाले विषयों पर विचार करते हैं।
  • प्रतिरक्षा समिति: इसमें NATO के सदस्य देशों के प्रतिरक्षा मंत्री शामिल होते हैं। इसका मुख्य कार्य प्रतिरक्षा, रणनीति तथा NATO और गैर NATO देशों में सैन्य संबंधी विषयों पर विचार विमर्श करना है।
  • सैनिक समिति: इसका मुख्य कार्य NATO परिषद् एवं उसकी प्रतिरक्षा समिति को सलाह देना है। इसमें सदस्य देशों के सेनाध्यक्ष शामिल होते हैं।

 

FAQ About NATO in Hindi


Q : NATO से आप क्या समझते हैं?

Ans : यह एक संधि संगठन है जिसे इसलिए शुरू किया गया था ताकि बढ़ती हुई सांप्रदायिकता को रोका जा सके।

Q : क्या नाटो शुरू से ही एक सैन्य संगठन था?

Ans : जी नहीं शुरुआत में यह एक राजनीतिक संगठन था।

Q : क्या नाटो की टेररिज्म से लड़ने में कोई भूमिका है?

Ans : जी हां।

Q : क्या नाटो में कोई भी देश शामिल हो सकता है?

Ans : जी हां जो देश सांप्रदायिकता के खिलाफ है वह इसमें शामिल हो सकते हैं।

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