Sunday, April 28, 2024
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SEO क्या है और कैसे करें | SEO best Tips In Hindi

SEO क्या है और कैसे करें –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको SEO क्या है  के बारे में बताने जा रहा हु। सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन टिप्स लिखी गई हैं इन्हें मैंने अपने अनुभव से सिखा हैं और मेरे जैसे अन्य ब्लॉगर की हेल्प के लिए मैंने SEO Tips In Hindi को हिंदी में लिखा हैं साथ ही मैंने अपने शुरुवात से लेकर अब तक के एक्सपीरियंस आपके साथ बाँटे हैं ताकि जो गलतियाँ मैंने की वो आप ना दौहरायें |


एक लेखिका के तौर पर मुझे समझ नहीं आता था कि ऐसा क्यूँ हो रहा हैं जबकि मैंने अपने काम में पूरी ताकत लगा रखी थी लेकिन दिन में गिने चुने क्लिक्स होते थे मेरे बॉस मुझे हमेशा सब्र रखने को कहते थे और विश्वास दिलाते थे एक दिन साईट चलेगी लेकिन कहीं न कहीं उन्हें भी लगता था कि साईट इतनी स्लो क्यूँ हैं

SEO क्या है और कैसे करें –हमने दीपावली वर्ष 2013 दिसम्बर में शुरू की थी तब हमें पता चला था गूगल एडसेन्स हिंदी साईट को सपोर्ट नहीं करते. वहीँ हमें कुछ निराशा हाथ लगी, लेकिन हमने काम ज़ारि रखा पर साईट में कुछ खास सकारात्मक बदलाव नहीं मिले. इसके बाद दिसम्बर 2014 में गूगल ने अपने एड वर्ल्ड में हिंदी को जगह दे दी और वहाँ से हमें नया उत्साह मिला. उसके बाद हमने कारणों को ढूंढा कि क्यूँ हमारी साईट इतनी स्लो हैं और हमें SEO Tips के बारे में पता चला जिसे धीरे- धीरे हमने अपनी साईट में डालना शुरू किया और उसके अच्छे बुरे प्रभाव को समझा जिसके बाद साईट बढ़ने लगी और आज भी हम SEO Tips को समझने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. SEO Tips का इस्तेमाल करने के बाद अब दीपावली पर डेली 3 हजार से 4 हजार क्लिक्स होते हैं जो अभी भी कम हैं अतः SEO Tips की दिशा में हम निरंतर प्रयासरत हैं

SEO क्या है एवं कैसे करें

आज मैंने अपने इस ब्लॉग में SEO best In Hindi लिखा ताकि मुझे जो परेशानी हुई वो किसी और को ना होने पायें. इसके बारे में बताने से पहले हम आपको SEO के बारे मैं बताने जा रहे हैं. किन्तु अगर आपने अभी तक वेबसाइट नहीं बनाई हो तो कृपा वेबसाइट बनाने का तरीका जरूर करें.

SEO का फुल फॉर्म

एसईओ का पूरा फॉर्म ‘सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन’ है

SEO क्या हैं

SEO एक वेब माइनिंग टूल हैं जिसके द्वारा सर्च इंजिन पर यूज़र्स द्वारा की जाने वाली क्वेरी अर्थात जो भी यूजर सर्च करना चाहता हैं, उसका सबसे उपयुक्त रिजल्ट उसे देता हैं | SEO टूल कीवर्ड के हिसाब से रिजल्ट की एक लिस्ट देता हैं इस रिजल्ट में बहुत सी साइट्स SEO द्वारा सजेस्ट की जाती हैं जिनमे यूजर की क्वेरी का आंसर होता हैं और यूजर अपनी पसंद अनुसार उन साइट्स पर विजिट कर सकता हैं|

SEO इसके लिए वेब पेजेस को crawl करता हैं जिसके बाद बेस्ट रिजल्ट चुनता हैं जिसे पेज की इंडेक्सिंग करना कहते हैं और इस सबके लिए SEO रोबोट/बोट एवम स्पाइडर का उपयोग करता हैं|

एक crawl प्रत्येक साइट्स, प्रत्येक पेज पर विज़िट करता हैं और साइट्स का चुनाव वह हाइपरटैक्स लिंक के जरिये करता है और फिर पेजेज़ की इंडेक्सिंग करता हैं|

इस प्रकार इंडेक्स पेजज़ को एक जगह स्टोर करके रखा जाता हैं|

इंडेक्सिंग के बाद यूजर की क्वेरी के हिसाब से रिजल्ट दिया जाता हैं इसमें क्वेरी के कीवर्ड को इंडेक्स पेजेज़ के साथ मिलान करके सबसे उपयुक्त रिजल्ट दिया जाता हैं|

SEO टिप्स

SEO क्या है और कैसे करें –ब्लॉगिंग के जरिये घर बैठे पैसा कमाया जा सकता हैं जिसके लिए आपमें लिखने का टैलेंट होना चाहिये और उसके साथ सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन SEO का ज्ञान जिससे आपके द्वारा लिखे गये ब्लॉग गूगल द्वारा पसंद किये जाए और पाठको को पढ़ने के लिए सर्चिंग के दौरान आसानी से मिले. इसके लिए पहले आपको SEO के बारे में जानना होगा और आर्टिकल लिखते वक़्त कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को नियम की तरह अपने आर्टिकल में शामिल करना होगा. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी साईट पर ट्रैफिक बढ़ेगा और अधिक से अधिक व्यूवर्स आपकी साईट पर आयेंगे जिससे आपकी साईट की रैंकिंग अच्छी होगी.

SEO का महत्व

यदि आप अपनी वेबसाइट को गूगल पर रैंक दिलाना चाहते हैं और उसमें ट्रैफिक बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज SEO होती है, क्योकि गूगल पर जो भी सर्च करते हैं यदि वह आपको वेबसाइट में है तो आपको इससे फायदा होगा, लेकिन यदि यह आपकी वेबसाइट में नहीं है तो आपकी वेबसाइट रैंक नहीं कर पायेगी. इसलिए SEO आपकी वेबसाइट के लिए बहुत ही आवश्यक है.

सर्च इंजन कैसे काम करता हैं

वैसे सभी सर्च इंजन की अपनी एक अल्गोरिथम होती हैं जिसके हिसाब से वे ऑप्टिमाइजेशन करते हैं एक बेसिक आईडिया नीचे दिया जा रहा हैं, आपको बता दें कि SEO तीन चरणों में काम करता हैं –

क्राव्लिंग

SEO क्या है और कैसे करें –क्राव्लिंग यह सबसे पहली स्टेप्स हैं जो वेब पेज की इंडेक्सिंग के लिए की जाती हैं इसमें web spider हाइपरटेक्स्ट पेजेज़ पर विजिट करता हैं और पेजज़ की इंडेक्सिंग करता हैं.

इंडेक्सिंग

क्राव्लिंग के दौरान जो भी वेब पेजेज इंडेक्स किये जाते हैं उनके डेटा को कलेक्ट करना, पार्स करना और स्टोर करना इंडेक्सिंग के अंतर्गत आता हैं जिससे समान डेटा एक साथ रखा जाता हैं जिसे इंडेक्सिंग कहते हैं|सर्च इंजिन में जो रिजल्ट प्राप्त होता हैं वह वेब पेजेज इन्ही इंडेक्स पेजज़ से चुने जाते हैं

मैचिंग

इंडेक्सिंग के बाद मैचिंग की प्रक्रिया शुरू होती हैं |जब यूजर सर्च इंजिन में क्वेरी डालता हैं तब मैचिंग की प्रकिया शुरू होती हैं जिसमे SEO टूल इंडेक्स पेजेज के पास जाकर क्वेरी के कीवर्ड के हिसाब से डेटा मैच करके वेब पेजज़ की एक लिस्ट देता हैं जिसका चुनाव वह वेब पेजज़ में लिखे मेटा डिस्क्रिप्शन से करता हैं |इस पूरी प्रक्रिया को मैचिंग कहते हैं |

यह SEO का एक स्माल इंट्रोडक्शन था जिसमे आप समझ सकते हैं इ एक SEO किस तरह से यूजर की क्वेरी के साथ डील करता हैं लेकिन यह पूरी प्रक्रिया रोबोटिक होती हैं जिसके लिए कुछ अल्गोरिथम यूज की जाती हैं और कोई भी सर्च इंजिन अपनी अल्गोरिथम बदलता रहता हैं |

अभी तक हमने यह बताया की एक यूजर की क्वेरी पर सर्च इंजिन किस तरह डील करता हैं लेकिन अगर आप एक ब्लॉगर हैं और अपनी साईट को टॉप तेम में देखना चाहते हैं तब आपको कुछ स्ट्रेटेजी फॉलो करनी होगी |

SEO कैसे करें

SEO क्या है और कैसे करें –सर्च इंजिन में वेबसाइट आसानी और शीघ्रता से टॉप टेन में नहीं आती इसके लिए वक्त लगता हैं साईट लगभग 6 महीने पुरानी होनी चाहिये और उसकी  क्राव्लिंग, इंडेक्सिंग और मैचिंग की प्रक्रिया सही तरह से होने चाहिये जिसके लिए आपको निम्न रूल्स को फॉलो करें |

साईट की स्पीड

साईट की स्पीड जितनी अच्छी होती हैं वह उतनी तेजी से वर्क करती हैं इसके लिए फ्रेम वर्क बेस्ट हैं उसका इस्तेमाल करे |सबसे पहले लोग ब्लॉग पोस्ट यूज करते थे लेकिन उसके बाद वर्डप्रेस पर आये जिसके अच्छे रिजल्ट सामने आये और अब एक लेटेस्ट फ्रेमवर्क जेनेसिस वर्ड प्रेस Genesis wordpress आया हैं जिसकी स्पीड और भी जयादा अच्छी हैं और रिजल्ट भी कई गुना बेहतर हैं अतः आप भी Genesis wordpress का इस्तेमाल करें |जिसे प्राप्त करने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें |

लिखने का एरिया चुने

लिखने के लिए एक अच्छा एरिया चूने जिसमे आपकी रूचि भी हो और वह व्यूर्स द्वारा पढ़ा भी जाता हो यह आप धीरे- धीरे सीख जायेंगे| कोशिश करे ऐसा टॉपिक चुने जिससे आप किसी कि मदद कर पायें क्यूंकि इस तरह के टॉपिक बहुत सर्च किये जाते हैं| जैसे आपने एरिया चुना फिटनेस से जुड़ी खबरे|

URL बनाये

URL सबसे महत्वपूर्ण होता हैं इससे ही आपके पेज कि क्र्वालिंग होती हैं अतः इसका चुनाव सावधानी से करें और अपने कीवर्ड को URL में जरुर डाले |

कीवर्ड

अब चुने गये एरिया में से एक छोटा शब्द निकाले जैसे फिटनेस से जुड़ी खबरों में आज के समय में वजन कम करना अधिक सर्च किया जाता हैं अतः आपका कीवर्ड होगा वजन कम करना | इस तरह आपने आपका कीवर्ड चुना |

कीवर्ड का इस्तेमाल

SEO क्या है और कैसे करें –अपने डेटा में कीवर्ड का इस्तेमाल कई बार करे लेकिन बहुत ज्यादा भी नहीं |कीवर्ड के कारण ही सर्च इंजन को समझ आता हैं कि यह पेज किस टॉपिक पर हैं क्यूंकि मैंने पहले ही बताया सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन एक रोबोटिक प्रक्रिया हैं उसमे ह्यूमन सेन्स नहीं होता हैं इसलिए कीवर्ड और URL काफी सोच कर बनाये जाते हैं |

डेटा में कीवर्ड की महत्वपूर्ण जगह

URL कीवर्ड में हो|

कीवर्ड टाइटल एवम सब टाइटल में हो|

कीवर्ड इमेज के नाम में हो|

कीवर्ड मेटा डिस्क्रिप्शन में हो|

ब्लॉग की लम्बाई :

ब्लॉग लिखने में कंजूसी ना करें| जितना विस्तार से लिखेंगे उतना अच्छा होगा| ब्लॉग में निम्न बातो का ध्यान रखे|

ब्लॉग में सब टाइटल बनाये|

पॉइंट्स में अपनी बात कहे|

आसानी से बाते समझाने के लिए अच्छी भाषा, सरल भाषा का इस्तेमाल करें|

हैडिंग बनाये

SEO क्या है और कैसे करें –डेटा के अन्दर सब हैडिंग बनाये जिससे आप अपनी बात विस्तार से कहेंगे और यह पाठको के लिए पढ़ने में भी आसान होगा| सब हैडिंग को अलग अलग कलर में लिखे .हेडिंग एवम महत्वपूर्ण शब्दों को बोल्ड एवम इटेलिक करे |सब हैडिंग में भी कीवर्ड डालने की कोशिश करें

रिलेटेड पेजेज़ का लिंक डाले

अपने पेज पर अपनी ही साईट का लिंक डाले इससे साईट इंटरनल तौर पर जुड़ती हैं जिससे क्राव्लिंग में मदद मिलती हैं| और सर्च इंजिन को पेज की इंडेक्सिंग में आसानी होती हैं |इस प्रक्रिया को ग्रुपिंग करना कहते हैं|

एक्सटर्नल लिंक बनाये

अपने साईट पर पॉपुलर साईट की लिंक डाले लेकिन रिलेटेड कंटेंट में रिलेटेड लिंक डालने से ही फायदा मिलेगा|

बेक लिनक्स बनाये

अपनी साईट के URL को दूसरी अच्छी साईट पर डाले इसके लिए आप उनसे रिक्वेस्ट कर सकते हैं या उनके कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपने पेज का URL डाल सकते हैं इसे बेक लिनक्स कहते हैं|

कमेंट बढ़ाये

आपके पोस्ट में जितने ज्यादा कमेंट होंगे आपको उतनी ही सफलता मेलेगी अतः इस तरह के पोस्ट लिखे कि पाठक कमेंट करने पर मजबूर हो जायें|

सोशल वेबसाइट से जुड़े

फेसबुक, ट्विटर, एवम गूगल प्लस आदि जैसी सोशल वेबसाइट पर अपनी साईट का पेज बनाये| साईट के प्रमोशन का यह सबसे सीधा, आसान और सस्ता काम आने वाला तरीका हैं क्यूंकि सोशल वेबसाइट से ही रेगुलर रीडर्स मिलने के ज्यादा चांसेस होते हैं|

रेगुलारिटी बनाये रखे

साईट पर महीने में कितने बोलग पोस्ट होंगे उसकी एक स्ट्रेटेजी बनाये और उसी के हिसाब से काम करे क्यूंकि इससे साईट की रैंकिंग पर असर आता हैं भले एक दिन में एक अथवा दो से तीन दिन में एक आर्टिकल डाले लेकिन जो भी तय करे उस पर अमल जरुर करे|

Also Read:- Learn On Page SEO कैसे करे with Checklist | FREE SEO Training in Hindi

डेटा अपडेट करे

समय समय पर पुराने लिखे ब्लॉग को अपडेट करे और उसमे नया डेटा डाले|

मेटा डिस्क्रिप्शन

अपने ब्लॉग का मेटा डिस्क्रिप्शन लिखे जिसमे अपने ब्लॉग का सारांश लगभग 150 वर्ड्स में लिखे |इससे SEO को मैचिंग करने में आसानी होती हैं|

मेटा कीवर्ड

अपने ब्लॉग के महत्वपूर्ण कीवर्ड और उसके समानार्थी शब्दों को मेटा कीवर्ड में डाले|

SEO के प्रकार

आमतौर पर SEO 2 प्रकार की होती है On Page SEO एवं Off Page SEO. SEO के दोनों ही प्रकार किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। जहां on Page SEO साइट को गूगल पर मजबूत बनाती है वही off Page SEO साइट का बैकअप मजबूत करती है। साइट पर सबसे मुख्य होता है ट्रैफिक को बढ़ाना और उसके लिए दो इंपॉर्टेंट फेक्टर है जिनका ख्याल रखना बहुत जरूरी है और वह है on Page और off Page SEO. अब यह दोनों होते क्या है और किस तरह से काम करते हैं आइए जान लेते हैं।

On Page SEO

SEO क्या है और कैसे करें –हम जिस विषय से संबंधित अपनी साइट को तैयार करते हैं उसके कुछ कीवर्ड रिसर्च करने के बाद उसी तरह का कॉन्टेंट लिखकर अपनी वेबसाइट पर डालते हैं। वेबसाइट पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के अनुसार हमें कुछ सेटिंग भी करनी होती है ताकि हम कांटेक्ट को सेट करके गूगल में रैंक कराने के लिए तैयार कर सकें। ऑन पेज सेट करने के बाद ही किसी वेबसाइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने में मदद मिलती है।

On Page SEO फैक्टर्स

वेबसाइट का ऑन पेज सेट करने के लिए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फैक्टर हैं जिनके बारे में हम आपको यहां पर बताएंगे

  • वेबसाइट डिजाइन :- ऑन पेज सेटिंग में वेबसाइट का डिजाइन बहुत ज्यादा मायने रखता है कि आपके वेबसाइट पर जो डिजाइन आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह कैसा है क्या वह गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार है या नहीं। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार आपकी वेबसाइट का डिजाइन बहुत ही सिंपल और आपके विषय को डिफाइन करने वाला होना चाहिए।
  • वेबसाइट स्पीड :– आपकी वेबसाइट की स्पीड भी बहुत अच्छी होनी चाहिए क्योंकि ऑन पेज सेटिंग में इसका बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान होता है। गूगल में अच्छे स्थान पर अपनी वेबसाइट पहुंचाने और ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने के लिए वेबसाइट की स्पीड बहुत अच्छी होनी चाहिए। आपकी वेबसाइट की स्पीड कम से कम 80 से ऊपर होनी चाहिए।
  • वेबसाइट स्ट्रक्चर :- आपके वेबसाइट के स्ट्रक्चर से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है इसलिए गूगल को अपनी वेबसाइट के बारे में बताने के लिए अपनी वेबसाइट का स्ट्रक्चर अच्छे से तैयार करें। जब आपकी वेबसाइट का स्ट्रक्चर गूगल को आपकी वेबसाइट के बारे में बताएगा तभी आसानी से आपकी वेबसाइट गूगल में रैंक होने लगती है।
  • वेबसाइट फ़ेविकॉन :– आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है वह दर्शाने के लिए एक छोटा सा आइकन आपकी वेबसाइट पर लगाया जाता है जिससे आपकी वेबसाइट की पहचान होती है। अगर आप किसी साइट को ओपन करेंगे तो आपको शाहिद के नाम के साथ एक छोटा सा आइकन दिखाई देगा उसे फेविकॅन कहते हैं।
  • मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट :- आज के समय में हर कोई मोबाइल पर इंटरनेट यूज करते हैं इसलिए आप की वेबसाइट अगर मोबाइल फ्रेंडली है तो बहुत जल्दी आपको ऑर्गेनिक ट्रैफिक मिलेगा। इसलिए अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
  • टाइटल टैग :– आपकी वेबसाइट पर कांटेक्ट बहुत महत्व रखता है ऐसे में उस पर टाइटल टैग होना बहुत जरूरी है जो आपकी वेबसाइट या ब्लॉग से संबंधित जानकारी गूगल को दें। टाइटल टैग आपके कॉन्टेंट के बारे में बताता है कि आपका कॉन्टेंट किस विषय से संबंधित है।
  • मेटा डिस्क्रिप्शन :– किसी भी कॉन्टेंट या ब्लॉक में मेटा डिस्क्रिप्शन का होना बहुत जरूरी है जो यह बताता है कि आपके उस पेज या वेबसाइट पर किस चीज के बारे में बताया गया है। मेटा डिस्क्रिप्शन ऐड करने के लिए वर्डप्रेस की साइट में अलग से विकल्प होता है और अन्य साइट में कोडिंग की सहायता से ऐड किया जाता है।
  • कीवर्ड डेंसिटी :- किसी भी कांटेक्ट में ऑन पेज सेटिंग करने के लिए कीवर्ड डेंसिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार एक कॉन्टेंट में कुछ कीवर्ड डेंसिटी निर्धारित की जाती है उसी के अनुसार अपने कांटेक्ट में कीवर्ड डालने अनिवार्य होते हैं। गूगल एल्गोरिदम के अनुसार ऑन पेज सेटिंग करने के बाद ही आपकी साइट जल्दी गूगल में क्रॉल होती है और ऑर्गेनिक ट्रैफिक हासिल कर पाती है।
  • इमेज ऑल टैग :– जिसकी वर्ड का इस्तेमाल आपने अपने कॉन्टेंट में किया है यदि आप उसे इमेज ऑल टैग में भी यूज करेंगे तो वह बहुत जल्द गूगल में क्रॉल हो जाता है। ऑन पेज सेटिंग का यह बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर है। आप जो भी कॉन्टेंट के बीच में इमेज डालते हैं उसमें कीवर्ड का ऑल टैग जरुर लगाएं ताकि आपके कांटेक्ट के साथ आपकी इमेज भी ऑन पेज सेटिंग के अनुसार सेट की जा सके।
  • यूआरएल स्ट्रक्चर :– आपके कांटेक्ट या वेबसाइट का यूआरएल स्ट्रक्चर कैसा है यह भी ऑन पेज सेटिंग में देखना बहुत जरूरी होता है। यूआरएल से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट के कौन से पेज या ब्लॉग में किस टॉपिक के बारे में बताया गया है।
  • इंटरनल लिंक :- अपने एक ब्लॉक को दूसरे ब्लॉक के साथ इंटरलिंक करने से आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉक तक जाता है जिससे ट्रैफिक बढ़ाने में मदद मिलती है। अधिक ट्रैफिक और ऑन पेज सेटिंग करने के लिए इंटरलिंकिंग करना बहुत आवश्यक होता है।
  • हाईलाइट इंपॉर्टेंट कीवर्ड :– जो भी इंपॉर्टेंट कीवर्ड आपने अपने कंटेंट में यूज किए हैं उन्हें हाईलाइट जरूर करें उससे गूगल उन कीवर्ड को देखता है और आपके उस ब्लॉक को आसानी से और जल्दी क्रॉल करता है।
  • यूज हेडिंग टैग :- वर्डप्रेस में जब भी आप कांटेक्ट लिखकर पोस्ट करते हैं तो वहां पर आपने देखा होगा कुछ हेडिंग टैग भी आते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले हेडिंग टैग H1 से H6 तक होते हैं। आपके कंटेंट का जो भी पार्ट मेन होता है उसे h1 टैग में रखें और बाकी सबको उनकी जरूरत के अनुसार अन्य h-tag में लगा दे। इससे आपका कंटेंट आकर्षित भी लिखेगा और ऑन पेज में मदद करेगा।
  • पोस्ट गुड लेंथ :– ऑन पेज सेटिंग में यह बहुत मायने रखता है कि आपने अपने कंटेंट में कितने शब्दों का इस्तेमाल किया है। आपका कंटेंट किसी भी विषय पर हो उस विषय से संबंधित सभी जानकारी आपकी पोस्ट में होनी चाहिए कम से कम 2000 शब्दों का एक कंटेंट आप को ऑन पेज SEO के अनुसार तैयार करना जरूरी होता है।
  • गूगल साइट मैप :- अपने ब्लॉग या पोस्ट को सर्च इंजन तक पहुंचाने के लिए गूगल साइट मैप में अपने ब्लॉग या पोस्ट का लिंक डाला जाता है ताकि आपका ब्लॉग जल्दी से गूगल के सर्च इंजन में पहुंच जाए।
  • चेक ब्रोकन लिंक्स :- कभी-कभी पोस्ट के दौरान कुछ पॉइंट या लिंक छूट जाते हैं जिससे आपकी पोस्ट या ब्लॉक का लिंक ब्रोकन हो जाता है ऐसे लिंक गूगल में क्रॉल नहीं होते हैं इसलिए समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर डाले हुए ब्लॉग या पोस्ट के लिंक को चेक करते रहें।
  • SEO फ्रेंडली URL :– आपके कांटेक्ट का यूआरएल SEO फ्रेंडली होना चाहिए मतलब छोटा आसान और मीनिंग फुल। ताकि वे आसानी से खोजकर्ताओं तक पहुंच सके। मतलब अगर कोई गूगल में सर्च करता है तो आसानी से आपका यूआरएल क्रॉल होकर सर्च करने वाले व्यक्ति तक पहुंचे।
  • गूगल एनालिटिक्स :– आपकी वेबसाइट पर कौन से ब्लॉग पर कितने रीडर्स आते हैं और किस टाइम आते हैं इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपनी वेबसाइट गूगल एनालिटिक्स के साथ जोड़नी बहुत जरूरी है।
  • सोशल मीडिया बटन :- आपकी वेबसाइट के पेज पर सोशल मीडिया से संबंधित सारे बटन होने चाहिए ताकि कोई रीडर आपकी पोस्ट को पड़ता है और उसे पसंद आती है तो वह आसानी से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उसे शेयर कर सके।
  • एचटीएमएल पेज साइज :- अगर आपकी वेबसाइट एचटीएमएल पर है तो उसका पेज साइज गूगल एल्गोरिदम के अनुसार होना बहुत आवश्यक होता है। यह ऑन पर सेटिंग का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
  • Clear Page cache :– कभी-कभी गूगल पर जवाब का पेट्रोल कर जाता है तो उसमें थोड़ा बहुत कूड़ा कचरा आ जाता है जिसे कुकीज या cache कहते हैं। अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर जिससे उसे समय-समय पर क्लीन करना बहुत जरूरी होता है।


  • वेबसाइट सिक्योरिटी Https etc :– अपनी वेबसाइट और ब्लॉग की सिक्योरिटी का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी बनता है। बहुत सारे हैकर्स और हेटर ऐसे होते हैं जो आपकी वेबसाइट को नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर ब्लॉक भी करा सकते है। ऐसे में अपनी वेबसाइट को सुरक्षित रखना केवल आपके हाथों में होता है।
  • ऊपर बताए गए सभी बिंदु ऑन पेज SEO सेटिंग के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक और अनिवार्य हैं। यदि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर इन सभी बातों का ध्यान रखकर काम करते हैं तो आपकी वेबसाइट गूगल में बहुत जल्दी टॉप रैंकिंग में शामिल हो जाएगी। अब बात कर लेते हैं कुछ महत्वपूर्ण off Page SEO फैक्टर्स के बारे में
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