राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको अयोध्या राम मंदिर के बारे में बताने जा रहा हूँ इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अयोध्या राम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। जब से अयोध्या राम जन्म भूमि का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आया हुआ है, तब से ही अयोध्या राम मंदिर देश और दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताना चाहते हैं कि, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और जल्द ही निर्माण काम पूरा हो जाएगा। इस मंदिर का निर्माण करवाने के लिए जो पैसा लग रहा है वह सामान्य हिंदुओं के द्वारा दान किया गया पैसा है। विदेश से भी बड़े पैमाने पर लोगों ने मंदिर के निर्माण के लिए दान किया हुआ है। चलिए आर्टिकल में जानते हैं कि, अयोध्या राम मंदिर क्या है और अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे तथा अयोध्या राम मंदिर का इतिहास क्या है।
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अयोध्या राम मंदिर 2023
भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसलिए अयोध्या में वर्तमान के समय में उनका भव्य मंदिर बन रहा है। इसलिए राम भगवान के मंदिर को अयोध्या राम मंदिर कहा जाता है। भगवान श्री राम के इस मंदिर को हिंदू पक्ष ने बहुत लंबी लड़ाई लड़कर कानूनी रूप से मुस्लिम पक्ष से प्राप्त किया है और इस प्रकार से अब अयोध्या में भगवान श्री राम का विराट मंदिर बन रहा है।
Ayodhya Ram Mandir Nirman Estimated Cost
राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण इस मंदिर के निर्माण में जो पैसा लग रहा है, उसे बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी के द्वारा देश के करोड़ों हिंदुओं से दान के तौर पर इकट्ठा किया गया है। मंदिर का जो भी पैसा जनता ने दिया है, उसका सारा लेखा-जोखा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री चंपत राय के पास मौजूद है। अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के अलावा माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की सोने की मूर्तियां लगाई जाएगी। अयोध्या में निर्मित हो रहे विशाल राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। मंदिर निर्माण के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उस कमेटी के द्वारा इस जानकारी को प्रस्तुत किया गया है।
Ayodhya Ram Mandir Nirman Opening Date (Udghatan)
इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि, अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनने के पश्चात मंदिर का उद्घाटन 15 जनवरी से 24 जनवरी साल 2024 के बीच के दरमियान हो सकता है। वैसे तो भव्य उद्घाटन समारोह की शुरुआत 15 जनवरी से ही शुरू हो जाएगी। हालांकि दूसरी तरफ ऐसा भी कहा जा रहा है कि, प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख को कंफर्म किया जाएगा।
अयोध्या राम मंदिर का इतिहास
भगवान श्री विष्णु के 7वें अवतार के तौर पर भगवान श्री राम को जाना जाता है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में इस बात का वर्णन है कि, त्रेता युग में अयोध्या में ही भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। यही वजह है कि, अयोध्या को राम जन्मभूमि भी कहा जाता है।
अयोध्या राम मंदिर किसने बनवाया था
जानकारी के अनुसार ईशा के लगभग 100 साल पहले उज्जैoन के सम्राट विक्रमादित्य एक दिन अयोध्या पहुंचे थे और उन्हें वहां पर कुछ चमत्कार दिखाई देने लगे। तब उन्होने अपनी खोज को शुरू किया और वहां पर मौजूद साधु संतों की कृपा से उन्हें पता चला कि, यहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और यहां पर उनका एक भव्य मंदिर भी है। इस प्रकार से संतों के आदेश पर सम्राट के द्वारा अयोध्या में भव्य मंदिर के साथ ही साथ सरोवर और महल का निर्माण करवाया गया।
अयोध्या राम मंदिर विवाद क्या है
राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण जानकारी के अनुसार 15वीं शताब्दी में मुगल शासक के द्वारा अयोध्या में मौजूद भगवान श्री राम के मंदिर को खंडित करके वहां पर एक भव्य मस्जिद का निर्माण करवाया गया था और तब से ही अयोध्या में राम जन्मभूमि विवादों में आ गई। हिंदुओं के द्वारा अयोध्या राम जन्म भूमि पर दावा करने के पश्चात साल 1850 से इस मामले पर तगड़ा विवाद पैदा हो गया। इसके पश्चात विभिन्न हिंदू संगठनों के द्वारा विवादित मस्जिद को हटाकर के राम मंदिर का निर्माण करवाने की मांग की जाने लगी, परंतु काफी समय गुजरने के बावजूद भी कुछ भी निर्णय नहीं आ सका।
इस प्रकार से साल 1992 के दशक में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की अगुवाई में हिंदुओं की एक बड़ी भीड़ अयोध्या में मौजूद मस्जिद की तरफ बढी। वहां पर पुलिस प्रशासन ने हिंदुओं की भीड़ को रोकने का काम किया परंतु वह नाकामयाब रही। इस प्रकार से हिंदुओं की भारी भीड़ मस्जिद के ढांचे तक पहुंची और उन्होंने मस्जिद के गुंबद को तोड़कर उसे नेस्त नाबूद कर दिया साथ ही मस्जिद के बड़े ढांचे को नुकसान पहुंचाया।
अयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण –अयोध्या राम मंदिर विवाद: इसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के द्वारा साल 2019 में एक फैसला सुनाया गया, जिसके अंतर्गत विवादित जगह को गवर्नमेंट ने एक ट्रस्ट को सौंपने के लिए कहा। इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया और यह जमीन इसी ट्रस्ट को सौंप दी गई। इसके पश्चात साल 2020 के मार्च महीने से राम मंदिर के निर्माण का काम चालू हो गया और अंदाजा है कि यह काम साल 2024 तक पूरा हो जाएगा और 2024 में ही मंदिर का उद्घाटन भी हो जाएगा।
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अयोध्या राम मंदिर निर्माण कितना हुआ (कार्य)
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपद राय के द्वारा कहा गया कि, साल 2023 में अगस्त के महीने तक अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर निर्माण का काम तकरीबन 70% तक पूरा हो चुका है। इस प्रकार से राम मंदिर निर्माण का पहला चरण कंप्लीट हो गया है।
Ayodhya Ram Mandir Trust Members List
अयोध्या राम मंदिर के ट्रस्ट मेंबर के नाम निम्न अनुसार है।
पद्मश्री श्री. के. परासरण
स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज
युगपुरुष परमानंद गिरी जी महाराज
स्वामी विश्वप्रशन्नतीर्थ जी महाराज
स्वामी गोविन्द देव गिरी जी महाराज
श्री विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
डॉ० अनिल मिश्र
डॉ कामेश्वर चौपाल
महेंद्र नित्यागिरी दास महाराज
चंपत राय
महंत दिनेन्द्र दास जी
श्री ज्ञानेश कुमार
अवनीश अवस्थी
डीएम अयोध्या
श्री नृपेंद्र मिश्र, आई. ए. एस
श्री राम मंदिर का शिलान्यास समारोह
राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण –भारतीय प्राइम मिनिस्टर श्रीमान मोदी जी के द्वारा साल 2020 में 5 अगस्त के दिन दोपहर को 12:00 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास किया गया था और उन्होंने चांदी की ईट की स्थापना मंदिर की जमीन पर की थी। शिलान्यास होने के 3 दिन पहले से पंडितों के द्वारा वैदिक अनुष्ठान किया गया था। शिलान्यास के दरमियान भगवान श्री राम की पूजा अर्चना की गई थी। प्रमुख नदियों का पानी और मिट्टी भी इस्तेमाल में लिया गया था, जिसमें गंगा, सिंधु, जमुना, सरस्वती, कावेरी नदी की मिट्टी और पानी थे। समारोह के उत्सव में अयोध्या में तकरीबन 7000 दिए अलग-अलग मंदिरों में जलाए गए थे।
Ayodhya Ram Mandir Size
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ की जमीन में हो रहा है, जिसमें 54, 700 वर्ग फुट की जमीन शामिल है और इस मंदिर का पूरा परिसर तकरीबन 70 एकड़ में फैला हुआ है। मंदिर में इतनी जगह है कि, लाखों भक्त एक साथ भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे। इस मंदिर का निर्माण करने की जिम्मेदारी मंदिर निर्माण कमेटी के द्वारा लार्सन ऐंड टुब्रो कंपनी को दी गई है।
अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे
ट्रेन के माध्यम से :- अयोध्या जाने के लिए यदि आप रेलवे के माध्यम से जा रहे हैं, तो आप देश के किसी भी कोने से ट्रेन के माध्यम से डायरेक्ट अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं या फिर फैजाबाद रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं। वहां से लोकल टैक्सी या फिर बस या फिर टेंपो के माध्यम से राम मंदिर पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज के माध्यम से :- यदि आप हवाई जहाज से आ रहे हैं, तो आप गोरखपुर हवाई एयरपोर्ट पर उतर सकते हैं और वहां पर प्राइवेट वाहन के माध्यम से अयोध्या आ सकते हैं।
बस या 2 पहिया या 4 पहिया वाहन के माध्यम से :– यदि गाड़ी और मोटरसाइकिल के द्वारा कोई अयोध्या जा रहा है, तो वह लखनऊ की तरफ से आगे बढ़ते हुए अमेठी, सुल्तानपुर से फैजाबाद से होते हुए अयोध्या जा सकता है, वहीं बिहार की तरफ से गोरखपुर, बस्ती होते हुए आदमी फैजाबाद और अयोध्या पहुंच सकते हैं।
Ayodhya Ram Mandir Timeline
अयोध्या राम जन्म भूमि की टाइमलाइन कुछ इस प्रकार है।
साल 1528 से लेकर के 1529 के दरमियान मुगल आक्रांता बाबर के द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि की जगह पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया गया।
साल 1850 में राम जन्मभूमि की जमीन को लेकर के हिंदू और मुसलमान में सांप्रदायिक हिंसा की बड़े पैमाने पर शुरुआत हो गई।
साल 1949 में राम जन्मभूमि की जगह पर भगवान राम की मूर्ति मिली, जिसकी वजह से सांप्रदायिक तनाव में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई।
साल 1950 में मूर्ति पूजा की अनुमति पाने के लिए हिंदू पक्ष के द्वारा फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो मुकदमा दायर किया गया।
सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड के द्वारा मूर्ति को हटाने की मांग साल 1961 में अदालत से की गई।
जिला कोर्ट के द्वारा हिंदू पक्ष के लिए साल 1986 में मंदिर के स्थल को खोलने का आदेश दिया गया, ताकि हिंदू पक्ष पूजा कर सके।
हिंदुओं की भारी भीड़ के द्वारा साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया।
प्रयागराज हाई कोर्ट के द्वारा सुननी बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलाल के बीच तीन हिस्से में जगह को साल 2010 में बांटने का आदेश दिया गया।
हाई कोर्ट के द्वारा प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश पर साल 2011 में रोक लगा दी गई।
सुब्रमण्यम स्वामी के द्वारा साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई और याचिका में राम मंदिर का निर्माण करवाने की डिमांड की गई।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साल 2019 में एक्सेप्ट किया गया कि, भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या ही है और सुप्रीम कोर्ट ने पूरी 2.77 एकड़ विवाहित जमीन भूमि ट्रस्ट को सौपने के लिए कहा और मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दूर गांव में देने के लिए कहा गया। राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा साल 2020 में राम जन्मभूमि का पूजन किया गया और शिलान्यास भी किया गया। राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण
FAQ
Q : राम मंदिर का मालिक कौन है?
Ans : राम मंदिर का मालिक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कहा जा सकता है, क्योंकि इसी के द्वारा मंदिर के निर्माण की सारी जिम्मेदारी देखी जा रही है और फंड जारी किया जा रहा है।
Q : राम मंदिर क्यों बनाया जा रहा है?
Ans : अयोध्या भगवान श्री राम की जन्म भूमि है। इसलिए वहां पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इससे न सिर्फ अयोध्या के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
Q : अयोध्या का असली नाम क्या है?
Ans : अयोध्या का असली नाम अजोध्या एवं अवधपुरी भी है। वैसे इसे रामनगरी या साकेत नगरी भी कहा जाता है।