Monday, October 7, 2024
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Cybersickness (साइबर सिकनेस) क्या है, लक्षण, ईलाज, उपाय Symptom, Treatment

Cybersickness (साइबर सिकनेस) क्या है, लक्षण, ईलाज, उपाय – आज के समय में हर कोई मोबाइल फोन का यूज करता है इसमें हम यूट्यूब अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लेते हैं जिसे हम अपना पूरा दिन फोन के जरिए पूरा दिन बिता लेते हैं



ऐसे में कहीं ना कहीं आप इस बात से सहमत है कि ज्यादा फोन इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में कुछ ना कुछ कमी ऐसे में आज मैं आपको साइबर सिकनेस का शिकार हो जाते हैं ऐसे में सबसे जरूरी यही है कि आपको साइबर सिकनेस के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है

अब साइबर सिकनेस से बचने के क्या उपाय होते थे इस पोस्ट के जरिए हमने कुछ तरीके आपको बताए हैं जो आपके लिए बेहद जरूरी है तो आइए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी और समझते हैं साइबर सिकनेस है क्या

साइबर सिकनेस, जिसे वर्चुअल रियलिटी सिकनेस या सिम्युलेटर सिकनेस के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी घटना है जो तब होती है जब कोई व्यक्ति वर्चुअल रियलिटी (वीआर) या अन्य इमर्सिव तकनीकों का उपयोग करते समय असुविधा या मतली का अनुभव करता है। यह मोशन सिकनेस के समान है लेकिन दृश्य और वेस्टिबुलर (संतुलन और स्थानिक अभिविन्यास) संघर्षों द्वारा ट्रिगर किया जा सकता है जो अक्सर वीआर उपकरणों का उपयोग करते समय उत्पन्न होते हैं।

आभासी वास्तविकता का उपयोग करते समय, आंखें आभासी वातावरण में गति और परिवर्तन को देखती हैं, जबकि वेस्टिबुलर प्रणाली, संतुलन और अभिविन्यास के लिए जिम्मेदार, बहुत कम या कोई संगत भौतिक गति का पता नहीं लगाती है। इस संवेदी बेमेल के कारण मतली, चक्कर आना, सिरदर्द, आंखों में खिंचाव, भटकाव और सामान्य परेशानी जैसे लक्षण हो सकते हैं। कुछ व्यक्तियों को पसीना, थकान या उल्टी का भी अनुभव हो सकता है।

Cybersickness क्या है

साइबरसिकनेस (Cybersickness) एक रोग है जो वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) या अन्य घुलनशील तकनीकों का उपयोग करते समय व्यक्ति को अस्वस्थता या मतली का अनुभव कराता है। इसका मतलब है यह एक आंतरिक दशा है, जो चाहे वह घरेलू निर्मित वर्चुअल रियलिटी हो या पेशेवर वार्चुअल रियलिटी, के साथ होती है। यह चक्कर आना, दर्द सिर, आंखों में थकान, अस्वस्थता, भ्रम और सामान्य असहजता के रूप में अभिजात हो सकता है। कुछ लोगों को पसीना, थकान या उल्टियां आने का भी अनुभव हो सकता है।





जब व्यक्ति वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करता है, तो उनकी आंखें जो विशेषज्ञता और भौतिकीय वातावरण में बदलते हैं, वहीं परिस्थितियों को देखती हैं, जबकि वास्तविकता में नहीं होता है। यह दृष्टि-संघटन बिल्कुल सामान्य है, और कुछ लोग इसे अस्वस्थता या मतली की तरह महसूस कर सकते हैं।

साइबर सिकनेस क्यों होता है

कहीं ना कहीं आप लोग इस बात को जानते हैं कि हमारा जो दिमाग कंप्यूटर से भी ज्यादा काम करता है यानी कि जो हम जो सोचते लगते हैं वह Analysis करने लगते हैं या फिर हम एक बार किसी भी content या तो video को देख लेते हैं तो तब हमारे मन में कार्य करना शुरू कर देता है तो ऐसे में यह जाहिर होता है

कि कंप्यूटर से ज्यादा हमारा माइंड काम करता है पर बात करें सोशल मीडिया पूरा दिन use करते रहते हैं ऐसे में हम वह चीज देख लेते हैं जो हमारी दिमाग में फिट हो जाता है और कुछ चीजें दिमाग में फिट नहीं होती है इस वजह से कई बार हम उस चीजों को 5 मिनट के अंदर भुल जाते हैं

जो हम कंटिन्यू मोबाइल फोन का यूज करते हैं तो ऐसे में हमारी आंखें झुक जाती है तथा पलकें स्थिर हो जाते हैं इसलिए इस कारण यही कहा जाता है कि कि हमें कुछ समय के लिए फोन को अपने से दूर रखना चाहिए कई घंटों तक मोबाइल या किसी भी स्क्रीन पर नजर टिकाए रखने से साइबर सिकनेस से परेशानी शुरू हो जाती है

Cybersickness के लक्षण 

आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह कोई बीमारी नहीं है यह केवल ज्यादा मोबाइल का use करने के कारण होता है यानी कि आपको चक्कर जैसा महसूस होने लग जाता है इत्यादि कुछ और भी लक्षण है जो कि आपको निम्न में हमने पूरी तरीके से समझाया है

मन में परिवर्तन

इतना आप लोग जान चुके हैं कि यह कोई बीमारी नहीं है यदि आप इसका शिकार बन जाते हैं तो इसमें आपका बार-बार आपका मन करने का या फिर ना करने को करता है

थकावत होना

अगर कोई व्यक्ति साइबर सिकनेस परेशानी से परेशान है तो उस व्यक्ति को बिना ज्यादा काम किये थाकान जो होने लगती है

आलसीपना और सुस्ती आना

जब कोई व्यक्ति ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने पर कोई अन्य काम करने की इच्छा नहीं है क्योंकि उसका दिमाग पूरी तरह से थक जाता है जिस काम में कोई किसी का काम ना किया जा सकता है

हल्का सरदर्द 

cybersickness को बड़ा लक्षण माना जाता है। पर हल्का सा आपके स्क्रीन को देखने के वजह से हल्का सर भारी होना और आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है

सिरदर्द 

यदि आप फोन को सुबह से चला रहे है तो आपके उस समय सर काफी तेज दर्द होने लगेगा। अगर ऐसा किसी को होता है तो जिससे यह पता चलता है की उस व्यक्ति को cybersickness हैं।

चक्कर आना 

मन में उलझन सी होने लगती है यानी की अच्छा महसूस नहीं होता किसी व्यक्ति को ऐसा महसूस हो रहा है। तो उससे भी cybersickness की परेशानी हो सकती हैं।

उल्टी आना 

cybersickness में कई बार ऐसा होता है की लोगों की हालत ज्यादा खराब कर देता है कि उन्हें बिल्कुल नींद नहीं आती है। और नींद आने के वजह से हम लोगों को खाना भी सही से डाइजेस्ट नहीं कर पाते और हमें उलटी हो जाती है

Cybersickness से होने वाली परेशानियाँ

Efficiency में कमी:

साइबरसिकनेस के लक्षणों के कारण, व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति साइबरसिकनेस के लक्षणों से प्रभावित होता है, तो उसे उचित कार्य करने में मुश्किलें हो सकती हैं और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

व्यक्तिगत अनुभव में अवरोध:

साइबरसिकनेस के लक्षणों के कारण, व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत अनुभवों का आनंद नहीं लेने में असुविधा हो सकती है। वर्चुअल रिऐलिटी, वीडियो गेम्स या अन्य डिजिटल परिवर्तनों का आनंद लेने की बजाय, उन्हें साइबरसिकनेस के लक्षणों से निपटना पड़ सकता है।

Health समस्याएं:

लंबे समय तक साइबरसिकनेस के लक्षणों का सामना करने के कारण, व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसमें मतली, सिरदर्द, चक्कर आना और आंखों में असहजता शामिल हो सकती है

Cybersickness का ईलाज

आपको साइबरसिकनेस के लक्षण हो रहे हैं, तो सबसे पहले अपने मोबाइल का उपयोग को बंद करें और शांति और आराम का समय लें। अपने आप को विश्राम देने से आपकी स्थिति में सुधार हो सकता है।

  • इबरसिकनेस के लक्षणों को कम करने के लिए, धीरे-धीरे उपयोग को बढ़ाएं। आरंभ में कम समय के लिए ही उपयोग करें और फिर स्थिरता को बढ़ाते जाएं। इससे आपके शरीर को साइबरसिकनेस के लक्षणों से संघर्ष करने का समय मिलेगा।
  • सुनिश्चित करें कि आपके उपयोग का स्थान उचित वेंटिलेशन के साथ आरामदायक हो। तंदुरुस्त हवा और उचित वेंटिलेशन साइबरसिकनेस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • Cybersickness से ग्रसित व्यक्ति को मेडिटेशन भी जरूर करना चाहिए तभी वह इस परेशानी से खुद को जल्दी ठीक कर सकते हैं।

Cybersickness से खुद को कैसे बचायें

सबसे पहले में आपको यही सलाह दूंगी की आप अपने मोबाइल का कम से कम यूज़ करना शुरू करे ऐसा नहीं है की आपके मोबाइल का यूज़ करने से केवल साइबर सिकनेस जैसी परेशानी हो बल्कि आपके आँखों के लिए भी नुकसानदायक साबित होती है

यदि आंखों में भारीपन महसूस हो तो आंखें बंद कर लेनी चाहिए। और कोशिश करना चाहिए कि हर आधे घंटे में ठंडे पानी से अपना आंख धोया जाए। ठंडे पानी से आंख धोने पर उसे काफी आराम मिलता है। इन तरीकों का उपयोग करके cybersickness से बचा जा सकता है




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