Quick Links
microphone क्या है
microphone क्या है –microphone एक उपकरण है जो ध्वनि को इलेक्ट्रिकल संकेतों में रूपांतरित करता है। यह एक ट्रांसड्यूसर होता है जो ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रिकल संकेतों में बदलता है। माइक्रोफोन को साधारणतया संगीत रिकॉर्डिंग, लाइव शो, वीडियो रिकॉर्डिंग, वॉयस मेल आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
यह एक आवाज उत्पन्न करने वाले स्रोत से ध्वनि को जमा करता है और उसे एक इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदलता है जो संगीत रिकॉर्डिंग, लाइव शो, वीडियो रिकॉर्डिंग या अन्य ऑडियो-वीडियो स्रोतों के लिए उपयोगी होता है।
विभिन्न प्रकार के माइक्रोफोन होते हैं जैसे कंडेंसर माइक्रोफोन, डायनामिक माइक्रोफोन, रिबन माइक्रोफोन, USB माइक्रोफोन, वायरलेस माइक्रोफोन आदि।
माइक्रोफोन कैसे काम करता है
- माइक्रोफोन एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो ध्वनि को इलेक्ट्रिकल संकेत में बदलता है। माइक्रोफोन में एक ट्रांसड्यूसर होता है, जो ध्वनि तरंगों को इलेक्ट्रिकल संकेतों में बदलता है।
- जब कोई वस्तु या व्यक्ति बोलता है या गाता है, तो उसकी आवाज ध्वनि तरंगों का उत्पादन करती है। इन ध्वनि तरंगों को माइक्रोफोन की एक ट्रांसड्यूसर नामक उपकरण से ग्रहण किया जाता है।
- ट्रांसड्यूसर के अंदर, एक विशेष धातु के संरचना होती है जो ध्वनि तरंगों के बल्ब में बदल जाती है। इससे एक विद्युत धारा उत्पन्न होती है जो माइक्रोफोन के बाहर के संबंधित उपकरणों तक भेजी जाती है।
- यह विद्युत धारा माइक्रोफोन में अभिलेख की जानकारी को दर्शाती है, जो एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण द्वारा आवाज के संकेतों में बदला जाता है। इस तरह से माइक्रोफोन ध्वनि को इलेक्ट्रिकल संकेतों में बदलता है जो विभिन्न ऑडियो-वीडियो उपकरणों के लिए उपयोग किया जाता है ।
microphone कब बना
माइक्रोफोन का विकास पहले से ही हो रहा था, लेकिन सबसे पहला आधुनिक माइक्रोफोन 1877 में अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रू वॉज से बनाया गया था। उन्होंने कर्बन माइक्रोफोन का आविष्कार किया था जो बाद में आधुनिक माइक्रोफोन के लिए आधार बन गया।
यह माइक्रोफोन एक आधुनिक रूप में 1920 के दशक में विकसित हुआ जब अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने डायनामिक माइक्रोफोन का आविष्कार किया। डायनामिक माइक्रोफोन एक आधुनिक तकनीक है जो आज भी उपयोग में है।
उसके बाद, दशकों में माइक्रोफोन के विभिन्न प्रकार विकसित हुए जिनमें कंडेंसर माइक्रोफोन, रिबन माइक्रोफोन और इलेक्ट्रेट माइक्रोफोन शामिल हैं।
आज के समय में माइक्रोफोन कई विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं और उन्हें संगीत, रिकॉर्डिंग, प्रसारण, कॉल सेंटर और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
microphone किसने बनाया
- माइक्रोफोन का आविष्कार 1877 में अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रू वॉज द्वारा किया गया था। उन्होंने कर्बन माइक्रोफोन का आविष्कार किया था जो बाद में आधुनिक माइक्रोफोन के लिए आधार बन गया।
- यह माइक्रोफोन एक आधुनिक रूप में 1920 के दशक में विकसित हुआ जब अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने डायनामिक माइक्रोफोन का आविष्कार किया। डायनामिक माइक्रोफोन एक आधुनिक तकनीक है जो आज भी उपयोग में है।
- उसके बाद, दशकों में माइक्रोफोन के विभिन्न प्रकार विकसित हुए जिनमें कंडेंसर माइक्रोफोन, रिबन माइक्रोफोन और इलेक्ट्रेट माइक्रोफोन शामिल हैं।
- आज के समय में माइक्रोफोन कई विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं और उन्हें संगीत, रिकॉर्डिंग, प्रसारण, कॉल सेंटर और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
microphone कितने प्रकार के होते है
microphone क्या है –माइक्रोफोन कई विभिन्न प्रकार के होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य प्रकार:
- डायनामिक माइक्रोफोन: यह माइक्रोफोन कर्बन और मैग्नेट संरचना का उपयोग करते हुए काम करते हैं। इनमें एक चालक द्रव्य को एक विस्तृत धातु के साथ जोड़ा जाता है, जो आवेगों को ध्वनि में परिवर्तित करता है।
- कंडेंसर माइक्रोफोन: इसमें एक नमूना प्लेट और एक बर्तन प्लेट होता है जो इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज को जमा करता है। ये माइक्रोफोन अत्यंत संवेदनशील होते हैं और स्टूडियो में रिकॉर्डिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- रिबन माइक्रोफोन: इस प्रकार के माइक्रोफोन में एक थिन रिबन आवेगों को पकड़ता है जो ध्वनि उत्पन्न करते हैं। ये माइक्रोफोन अत्यंत संवेदनशील होते हैं और स्टूडियो में रिकॉर्डिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- इलेक्ट्रेट माइक्रोफोन: इस प्रकार के माइक्रोफोन में इलेक्ट्रेट आवेगों को पकड़ता है।
microphone का उपयोग क्यों किया जाता है
माइक्रोफोन ध्वनि को आवेग में परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह सामान्यतया वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग के दौरान उपयोग किया जाता है, जहां से ध्वनि को उपयुक्त संसाधनों पर रिकॉर्ड किया जा सकता है।
इसके अलावा, माइक्रोफोन लाइव अभिवादन, संचार, वीडियो कॉलिंग, प्रेजेंटेशन आदि में भी उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, रेडियो, टेलीविजन, संगीत और फिल्म उद्योग, औद्योगिक उपयोग जैसे शोर निवारण उपकरणों के लिए भी माइक्रोफोन का उपयोग किया जाता है।
microphone के फायदे
माइक्रोफोन के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
- ध्वनि को आवेग में बदलना: माइक्रोफोन के माध्यम से ध्वनि को आवेग में बदला जा सकता है जो आवाज को वीडियो या ऑडियो संसाधनों पर रिकॉर्ड करने के लिए उपयोगी होता है।
- संचार: माइक्रोफोन का उपयोग संचार में आवाज को सुनने और बोलने के लिए किया जाता है, जो टेलीफोन वाणी, वीडियो कॉल, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए उपयोगी होता है।
- लाइव अभिवादन: माइक्रोफोन का उपयोग लाइव अभिवादन या संगीत कार्यक्रमों में लाइव आवाज को पकड़ने के लिए किया जाता है।
- शोर निवारण: शोर निवारण के लिए माइक्रोफोन का उपयोग भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, इसे उद्योग उपकरणों जैसे शोर निवारक के साथ जोड़ा जाता है ताकि शोर को कम किया जा सके।
microphone के नुकसान
माइक्रोफोन के कुछ नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:
- उच्च शोर स्तर: ज्यादा शोर स्तर पर माइक्रोफोन का उपयोग करने से, माइक्रोफोन के अंदर के उत्पादक उत्सर्जन उन्नत होते हैं जो इसकी श्रृंखला को नुकसान पहुंचा सकता हैं।
- फीडबैक: माइक्रोफोन से शोर स्तर ज्यादा होने पर, फीडबैक उत्पन्न हो सकता है जो आवाज की गुणवत्ता को ख़राब केर सकता है ।
- अनुपयुक्त उपयोग: माइक्रोफोन के अनुपयुक्त उपयोग से इसका नुकसान हो सकता है जैसे कि उच्च तापमान, शीतल जगहों पर रखा जाना जो माइक्रोफोन के अंदर के परिणाम को नुकसान पहुंचा सकता हैं।
- रात्रि संगीत कार्यक्रमों: रात्रि संगीत कार्यक्रमों में जोरदार संगीत के बीच माइक्रोफोन का उपयोग करना श्रोताओं को नुकसान पहुंचाता है।
- नीचे गुणवत्ता: कुछ सस्ते माइक्रोफोन बेकार गुणवत्ता के साथ आवाज को रिकॉर्ड कर सकते हैं।