Friday, May 3, 2024
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क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला | Pulwama Terror Attack in Hindi

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-हेलो दोस्त मेरा नाम मोहित है आज में आपको पुलवामा आतंकी हमला के बारे में बताने जा जा रहा हु। आज एक बार फिर से हिंदुस्तान में आतंकियों ने अपने इरादे साफ किए है और अपनी बुरी नियत लेकर एक बार फिर हिंदुस्तान पर हमला किया है. अब तक प्राप्त खबरों के मुताबिक इस हमले में लगभग 30 जवान शहीद हुये है और कई अस्पताल में इलाज ले रहें है. यह पिछले 5 सालो में 18वा बड़ा हमला है. इस हमले की ज़िम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है. कहाँ जा रहा है की खुफिया एजेंसियों ने पहले ही 8 फरवरी को आतंकी हमले की संभावना व्यक्त की थी.

पुलवामा आतंकी हमला

इस हमले में आतंकियों ने सीआरपीएफ़ के 2547 जवानो को निशाने पर रखा था. जब इन जवानो का काफिला 78 गाड़ियों में सवार होकर जम्मू से श्रीनगर  की ओर नेशनल हाइवे से जा रहा था, तब पुलवामा नामक गाँव में आतंकियों की स्कोर्पियों, जवानो की गाड़ी से आकर टकराई और जोरदार धमाका हुआ. इसके बाद भी आतंकियों ने जवानों पर गोलियां बरसाना शुरू किया. कहाँ जा रहा है कि आतंकियों कि गाड़ी में 200 किलो बारूद था, तो आप सोच सकते है, कि यह धमाका कितना भयावह होगा. यह भारतीय जवानों पर आतंकियो का एक बहुत ही घिनोना हमला था.

कैसे हुआ पुलवामा आतंकी हमला-इस हमले के चलते आज प्रियंका गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस रद्द की है, यह उनका एक बेहद जिम्मेदाराना फैसला माना जा रहा है. देश के सभी जिम्मेदार लोगों ने भी इसके प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है. इस स्थिति में देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहां है, कि इस स्थिति में देश कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. इस स्थिति के बाद देशवासी एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत महसूस कर रहें है, आशा करते है कि हिंदुस्तान जल्द से जल्द इस हमले का बदला लेगा.

india pak wa

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-सन 1947 में भारत को ब्रिटिश राज से तो आजादी मिल गई थी, लेकिन उससे भारत दो भागों में विभाजित हो गया, एक हिंदुस्तान और दूसरा पकिस्तान. तब से अब तक इन दोनों ही देशों के बीच कई लड़ाईयां हुई है, जिसके विभिन्न कारण थे. ये लड़ाइयाँ सीमा विवाद, कश्मीर विवाद, जल विवाद, आतंकवादी विवाद और मिलिट्री स्टैंड – ऑफ को लेकर हुई है. अब तक भारत और पकिस्तान के बीच ऐसी 4 बड़ी लड़ाइयाँ हो चुकी हैं, और इसके अलावा कुछ छोटी लड़ाइयाँ भी हुई है. इनमें से अधिकांश युद्ध और संघर्ष में पाकिस्तान की हार हुई है. अतः इन दोनों ही देशों के बीच के रिश्तों में मतभेद बना हुआ है. आइये इस लेख के माध्यम से अब तक भारत और पकिस्तान के बीच जितनी भी लड़ाइयाँ हुई हैं उसके कारण, प्रभाव और परिणाम की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं.

भारत – पकिस्तान के बीच की लड़ाईयों के बारे में संक्षिप्त जानकारी (Indo – Pakistan All War Short Information)

क्र. (s.No.) लड़ाई (Conflict) सन (Year) परिणाम (Result)
1. पहली इंडो – पाकिस्तानी लड़ाई सन 1947 से सन 1948 तक युद्ध विराम

·         भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का विभाजन

2. दूसरी इंडो – पाकिस्तानी लड़ाई सन 1965 युद्ध विराम

·         ताशकेंट घोषणा एवं

·         कोई क्षेत्रीय परिवर्तन नहीं हुआ

3. बांग्लादेश मुक्ति युद्ध सन 1971 पाकिस्तान की हार

·         बांग्लादेश की आजादी

4. सियाचिन संघर्ष सन 1984 पाकिस्तान की हार

·         भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर कब्ज़ा किया

5. कारगिल युद्ध सन 1999 पकिस्तान की हार

·         कारगिल पर भारत का कब्ज़ा एवं

·         भारतीय सेना वैसी ही स्थिति में वापस लौट आई

कारगिल पर भारत का कब्ज़ा एवं

भारतीय सेना वैसी ही स्थिति में वापस लौट आई

पहली इंडो – पाकिस्तानी लड़ाई सन 1947 – 1948 (First Indo – Pakistani War 1947 – 1948)

कारण

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-स्वतंत्रता प्राप्त करने के तुरंत बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ. जिसे पहली इंडो -पाकिस्तानी लड़ाई या प्रथम कश्मीर युद्ध कहा जाता है. कश्मीर समस्या भारत और पकिस्तान के बीच विवाद का केंद्र रही हैं. कश्मीर एवं जम्मू में हिन्दू शासित रियासत थी. कश्मीर के महाराजा हरि सिंह कश्मीर को स्वतंत्र राज्य बनाना चाहते थे. किन्तु वहां मुस्लिम आबादी ज्यादा थी, जोकि पाकिस्तान में शामिल होना चाहती थी. इसलिए यह संघर्ष मुस्लिम आबादी को लेकर ही शुरू हुआ था. सितंबर सन 1947 में पश्चिमी हिस्से में मुसलमानों की हत्या कर देने की वजह से दंगे भड़क उठे, जिससे इस हिस्से के लोगों ने महाराजा के खिलाफ विद्रोह किया. और अपनी आजाद कश्मीर सरकार की घोषणा की. फिर अक्टूबर में पाकिस्तान ने राज्य पर नियंत्रण पाने के प्रयास में अपनी पाकिस्तानी जनजातीय सेनाओं को कश्मीर भेजा.

इस घुसपैठ से घबराए महाराजा ने भारत से सहायता मांगी. तब भारत ने उनका समर्थन करने के लिए एक शर्त रखी, कि राजा सिंह जम्मू और कश्मीर को भारत को सौंप दें. महाराजा हरि सिंह ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया. अंत में भारत ने कश्मीर में अपनी सेना भेज दी. पाकिस्तान को जम्मू – कश्मीर का भारतीय राज्य के शामिल होना पसंद नहीं आया. उन्होंने उस क्षेत्र के लिए लड़ना जारी रखा. कुछ शहरों पर कब्ज़ा कर लिया और हिन्दुओं को मजबूर किया. किन्तु भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए कुछ क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में रखा और कुछ को सुरक्षित किया. इसे आजाद कश्मीर आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है.

परिणाम एवं प्रभाव

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-भारत – पाकिस्तान युद्ध सन 1949 के जनवरी में एक संघर्ष विराम के साथ समाप्त हुआ. जब यह युद्ध समाप्त हुआ, तब उस समय कश्मीर का दो भागों में विभाजन हो गया. भारत का नियंत्रण जम्मू, लद्दाख और कश्मीर घाटी पर था, जबकि पाकिस्तान के पास आजाद कश्मीर और गिलगित – बल्तिस्तान का नियंत्रण था. इस तरह से पाकिस्तान कश्मीर के जिस हिस्से को नियंत्रित करता है, उसे भारत में ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ कहा जाता है. और भारतीय कश्मीर को पाकिस्तान में ‘भारतीय अधिकृत कश्मीर’ कहा जाता है.

युद्ध समाप्त होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी ने नया संयुक्त राष्ट्र संगठन बनाया था, जिसके माध्यम से उन्होंने आदर्शवादी मार्ग पर चलते हुए एवं अपने कूटनीतिक साधनों का उपयोग कर पाकिस्तान को जम्मू – कश्मीर से अपनी अनियमित सेनाओं को वापस लेने के लिए मजबूर किया.

यह भारत और पाकिस्तान के बीच की पहली लड़ाई थी, और यह समस्या दोनों देशों के बीच बहुत ही गंभीर समस्याओं में से एक है.

कारण

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-सबसे पहले तो भारत के विभाजन के कारण वहां की नदी के पानी के बटवारे को लेकर विवाद हुआ. दरअसल लगभग सभी नदियों सिन्धु, चिनाब, सतलज, ब्यास और रावी आदि का पानी भारत से बहता है. सन 1948 में भारत ने इन नदियों का पानी रोक दिया था. जिससे काफी विवाद हुआ, इस विवाद के चलते सन 1960 में नेहरु और अयूब खान के बीच सिन्धु जल समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इसके बाद पाकिस्तान को झेलम, चिनाब और सिन्धु नदी का पानी इस्तेमाल करना था, जबकि भारत को सतलज, ब्यास और रावी नदी के पानी का इस्तेमाल करना था. तब सीमा आयोग द्वारा विवाद को निपटाने की कोशिश की गई थी, किन्तु यह विवाद फिर भी शांत नहीं हुआ.

इसके बाद सन 1965 में भारतीय राज्य गुजरात में कच्छ क्षेत्र के रण पर भारत ने नियंत्रण किया था. तब पाकिस्तान ने पिछले सभी विवादों के चलते एवं कच्छ क्षेत्र के रण को हड़पने के उद्देश्य से कच्छ सीमा के पास अपनी सेना भेजी, उनका मनाना था कि स्थानीय आबादी भारतीय नियंत्रण से बाहर होना चाहती है. भारत ने इस विवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सिफारिश की. पाकिस्तान ने इसे भारत की कमजोरी समझी और कश्मीर को भी हड़पने की योजना बनाई. इस उच्च तनाव के साथ पाकिस्तान ने 1965 के अगस्त में ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया और भारतीय राज्य कश्मीर पर आक्रमण करना शुरू कर दिया. भारत ने भी पाकिस्तान द्वारा किये गये हमले का पूरा जवाब दिया. इस तरह से यह युद्ध शुरू हुआ.

परिणाम एवं प्रभाव

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा शांति की बातचीत करने के बाद युद्ध को समाप्त करने का आदेश दिया. हालाँकि भारत और पाकिस्तान दोनों ने युद्ध जीतने का दावा किया था. यह युद्ध केवल 17 दिनों तक चला, लेकिन इसके परिणामस्वरूप हजारों सैनिक शहीद हो गए थे.

युद्ध की समाप्ति के बाद जनवरी सन 1966 में भारत और पाकिस्तान ने एक शांति संधि के लिए ताशकेंट घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये, ताकि सभी विवादों को दोनों पक्षों के तहत सुलझाया जा सके और शांति से रहने का प्रयास किया जा सके. इस घोषणा पत्र में सन 1949 में स्थापित सीमाओं पर विजय प्राप्त करने, सैनिकों को सीमा से हटने और वापस लौटने के बारे में लिखा था.

इस युद्ध की समाप्ति के बाद कोई भी क्षेत्रीय परिवर्तन नहीं हुआ था.

सन 1965 का यह युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा टैंक युद्ध था, जिसमें सैनिकों का सबसे बड़ा समूह शामिल था.

कारण

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-भारत – पाकिस्तान की सन 1971 की लड़ाई पहली ऐसी लड़ाई थी, जोकि कश्मीर समस्या को लेकर नहीं थी. यह लड़ाई पाकिस्तान को दो भागों पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में विभाजित करने को लेकर हुई थी. पूर्वी पाकिस्तान पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होकर खुद का शासन करना चाहता था. दरअसल ये दोनों राज्यों को ब्रिटिशों से आजादी के समय भारत से अलग कर दिया गया था. यह विवाद इसलिए हुआ क्योकि पूर्वी पाकिस्तान का कहना था कि पश्चिमी पाकिस्तान राजनीतिक शक्ति के चलते उनका शोषण कर रहा है. सन 1970 में पूर्वी पाकिस्तान की एक पार्टी चुनाव जीत गई, जिससे पश्चिमी पाकिस्तान ने इसके परिणामों को मानने से इनकार कर दिया. इस फैसले के कारण पूर्वी पाकिस्तान में राजनीतिक अशांति फ़ैल गई. पश्चिमी पाकिस्तान ने इसे नियंत्रित करने के लिए सैन्य बल का प्रयोग किया. इसके चलते पूर्वी पाकिस्तान ने खुद को एक अलग स्वतंत्र राज्य ‘बांग्लादेश’ बनाने की घोषणा कर दी, इसलिए इस युद्ध को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध भी कहा जाता है.

बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान, यहाँ के कई निवासियों ने भारत में शरण ली. इसमें भारत के प्रधानमंत्री ने एक स्वतंत्र बंगाली राज्य का समर्थन करते हुए इस गृहयुद्ध में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया. कुछ लोगों का मानना है कि यह निर्णय भारत और पाकिस्तान के पिछले संबंधों के कारण लिया गया था, तो कुछ कहते हैं कि यह भारत में शरण लेने वाले शरणार्थियों को भारत में आने से रोकने के लिए लिया गया था. भारत ने बांग्लादेश में विद्रोही सैनिकों का समर्थन करना शुरू किया. इससे पाकिस्तान भी शांत नहीं बैठा, उसने सन 1971 में कश्मीर में एक भारतीय हवाईअड्डे पर हमला कर दिया. इस हमले के बाद भारत ने भी पाकिस्तान के पूर्वी और पश्चिमी दोनों की क्षेत्रों में हमला कर दिया. इस तरह से यह युद्ध अधिकारिक तौर पर भारत – पाकिस्तान युद्ध के रूप में शुरु हो गया.

प्रभाव एवं परिणाम

2 सप्ताह तक यह युद्ध चलता रहा, फिर बांग्लादेश में पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इस आत्मसमर्पण के बाद पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश की स्थापना की गई, और पाकिस्तान से बांग्लादेश पूरी तरह से अलग हो गया. इस युद्ध के चलते कई लोग मारे गये थे. बांग्लादेश के अलग होने के बाद सन 1972 में वहां के पहले राष्ट्रपति मुजीबर रहमान बने थे.

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-इस युद्ध के चलते भारत ने पाकिस्तान के कई पूर्वी एवं पश्चिमी क्षेत्र में अधिकार जमा लिया था. किन्तु सन 1972 में ही भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़ेड ए भुट्टो के बीच एक समझौता हुआ. इस समझौते में भारत ने अपनी सद्भावना के चलते अधिकार किये हुए क्षेत्र को पाकिस्तान को वापस लौटा दिया. यह समझौता दोनों राज्यों के बीच शांति और व्यवस्था के लिए किया गया था, जिसे ‘शिमला समझौता’ कहा जाता है. इस समझौते के अनुसार किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाना था, एक – दूसरे के खिलाफ सेना का उपयोग नहीं करना था, किसी भी क्षेत्र में हिंसा नहीं करनी थी और एक – दूसरे की राजनीतिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप भी नहीं करना था.

यह लड़ाई 13 दिनों तक चली थी, और इसे इतिहास में सबसे छोटी लड़ाईयों में से एक माना जाता है.

इंडो – पाकिस्तानी लड़ाई सन 1999 / कारगिल युद्ध (Indo – Pakistani War 1999 / Kargil War)

कारण

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-सन 1999 में हुई भारत पाकिस्तान लड़ाई को कारगिल युद्ध भी कहा जाता है, जो सन 1999 के मई और जुलाई महिने के बीच में हुई थी. इस युद्ध को पाकिस्तान ने बढ़ावा दिया था. पाकिस्तान के सैनिकों और कश्मीरी आतंकवादियों ने भारत के जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में और एलओसी पर घुसपैठ की थी. इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों की जबरन घुसपैठ के कारण राज्य के उत्तरीय क्षेत्र से भारतीय क्षेत्र लद्दाख अलग हो गया था, इससे भारतीय सेना को बहुत बड़ा झटका लगा. किन्तु भारत ने इसका जवाब एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिक्रिया के साथ दिया. भारतीय सेना ने कारगिल सेक्टर से दुश्मनों को बाहर निकालने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ तुरंत शुरू किया. राज्य के शक्तिशाली कारगिल क्षेत्र में टाइगर हिल सबसे ऊँची चोटी में से एक था, जोकि इस युद्ध के दौरान आकर्षण का केंद्र बना. भारतीय वायुसेना भी ऑपरेशन विजय में शामिल हुई, और अंत में 60 दिन से भी अधिक की यह घमासान लड़ाई के बाद भारत ने टाइगर हिल पर फिर से कब्ज़ा कर लिया और पाकिस्तानी सेना को अपने क्षेत्र में वापस जाने के लिए मजबूर किया.

प्रभाव एवं परिणाम

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-21 फरवरी 1999 को भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के उस समय के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ दोनों ने लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये. इसका फैसला दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनाये रखने के लिए एवं वहां के लोगों के विकास और समृद्धि के लिए लिया गया था.

इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी, किन्तु भारतीय सेना ने वहां कोई क्षेत्रीय परिवर्तन नहीं किया, और वैसी ही स्थिति में वापस लौट आये.

महत्वपूर्ण दिवस

इन युद्ध एवं संघर्ष को याद करने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश में कुछ महत्वपूर्ण दिवस मनाये जाते हैं जोकि इस प्रकार हैं –

क्र.म. देश दिवस तारीख सन
1. पाकिस्तान में यौम-ए-तकबीर के रूप में (महानता का दिन) 28 मई सन 1998 से
2. भारत में कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई सन 1999 से
3. पाकिस्तान में रक्षा दिवस (यौम-ए-दिफ़ा) 6 सितंबर सन 1965 से
4. पाकिस्तान में वायुसेना दिवस (यौम-ए-फिज़ाया) 7 सितंबर सन 1965 से
5. पाकिस्तान में विजय दिवस / नौसेना दिवस (यौम-ए-बाहर्या) 8 सितंबर सन 1965 से
6. भारत में नौसेना दिवस 4 दिसंबर सन 1971 से
7. भारत में विजय दिवस 16 दिसंबर सन 1971 से
8. बांग्लादेश में बिजॉय दिबोश 16 दिसंबर सन 1971 में

अन्य लड़ाईयां

भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के समय से लेकर अब तक बड़ी और छोटी सभी तरह की लड़ाइयाँ एवं संघर्ष हुए हैं. इसलिए इनके बीच हमेशा से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है.

सन 1984 में कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर पर कब्ज़ा करने के लिए भारत ने मिशन मेघदूत लांच किया था. उसके बाद सन 1985, 1987 और 1995 में ग्लेशियर क्षेत्र से पाकिस्तान ने भारत को बाहर निकालने के लिए कई प्रयास किये. इस तरह से यह विवाद भी काफी लंबा चला, किन्तु फिर भी भारत ने सियाचिन पर कब्ज़ा कर लिया.

इसके बाद सन 1990 के दशक के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की होड़ लगी हुई थी. इसलिए दोनों देशों के बीच की बॉर्डर को विश्व की सबसे डेंजरस बॉर्डर कहा जाता है.

दोनों देशों की सेना के सदस्यों के द्वारा सन 2011, 2013, 2014 और 2015 में हुई घटनाओं के चलते सीमा के अंदर हिंसा जारी रही. 2 साल पहले सन 2016 की जुलाई में कश्मीर घाटी में हिंसक संघर्ष हो रहा था, जिसमे नागरिक एवं सुरक्षा बल भी अपनी पूरी सेना के साथ शामिल हुए थे. हालाँकि यह क्षेत्र मुस्लिम डोमिनेटेड हैं लेकिन इसमें भारत का नियंत्रण है. ये हिंसक गतिविधियाँ सार्वजानिक क्षेत्रों और पुलिस स्टेशनों में हुई थीं, जिसमें 7,000 नागरिक घायल हो गए थे और कम से कम 70 से 90 लोगों की मृत्यु हो गई थी.

सन 2016 में उरी हमला

क्यों हुआ पुलवामा आतंकी हमला-सन 2016 में सितंबर की 18 तारीख को 4 आंतकवादियों ने कश्मीर घाटी में उरी शहर के बाहर भारतीय आर्मी ब्रिग्रेड पर हमला किया. इन आतंकवादियों ने शोर्ट सक्सेशन में लगभग 17 ग्रेनेड फेंके, जिससे ईंधन टैंक में आग लग गई. इस आग ने ब्रिगेड के चारों ओर स्लीपिंग क्वार्टर्स और कई टेंट्स को जला दिया. इसमें 18 सैनिक शहीद हो गए, और बाकि के लगभग 32 सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे. यह हमला पिछले 14 सालों में सबसे डेंजरस माना जाता है. इसके चलते दोनों देशों ने हाई अलर्ट पर सेना तैनात कर संघर्ष किया. फिर भारत ने उस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी.

इससे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पाकिस्तान की आलोचना की और उसे अंतर्राष्ट्रीय अलगाववादी देश कहा. हालाँकि पाकिस्तान ने यह मानने से इनकार कर दिया, कि इसमें उनका कोई हाथ था. इस तरह के हमले एवं पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के चलते यह भारत के लिए चिंता का विषय बना गया था. इससे बचने के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिस पर एक फिल्म बनी है, जिसका नाम है

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