Wednesday, April 17, 2024
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शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है शबे बारात कब है




शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है- शबे बरात यानी की रात और बरात दो शब्दों को मिलाकर बना है शबे बरात के दिन रोशनी का उजाला किया जाता है इसी टीम अन्ना से सच्चे मन से अपने गुनाहों की माफी मांगने से जन्नत में जगह मिलती है पर ऐसा कहा जाता है इस रात जो भी दुआएं मांगे वह पूरी भी होती है मुसलमानों में शबे बरात के अगले दिन रोजा रखा जाता है पर ऐसा कहा जाता है कब्रिस्तान में जाकर पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़ी जाती है और उनके बख्शीश के लिए दुआ करते हैं

शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है

शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है- शब-ए-बारात ईस्लामी कैलेंडर के महीने शबान की चौथी रात को मनाई जाती है। इस रात को मुस्लिम समुदाय अलविदा अता करने वाले महीने रमजान की तैयारी के लिए खर्च करते हैं।

शब-ए-बारात का मतलब होता है “रात के खजाने” या “माफ़ी की रात”. इस रात को भीड़ भरी जगहों पर लोग आमंत्रित होते हैं और दुआओं की मांग करते हैं। इस रात को इबादत की रात माना जाता है और लोग अल्लाह से बख्शिश मांगते हैं।

इस रात को मनाने का एक और कारण यह है कि इस रात को मान्यता है कि अल्लाह लोगों के नाम लिखते हैं जो उनके आगे से गुजरते हैं और उन्हें बख्शिश देते हैं। इस रात को याद करने के लिए लोग अपने अपने पूर्वजों की दुआओं को भी याद करते हैं और उन्हें भी दुआओं में शामिल करते हैं।

इस रात को मनाने के लिए लोग नमाज पढ़ते हैं, कुरान पढ़ते हैं, दुआएं मांगते हैं और चारित्रिक खाने के साथ अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलते हैं

शब-ए-बारात का मतलब

शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है- शब-ए-बारात ईस्लामी कैलेंडर के महीने शबान की चौथी रात को मनाई जाती है। इस दिन को “रात के खजाने” या “माफ़ी की रात” के नाम से जाना जाता है। यह रात मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से बख्शिश मांगते हैं और अपने अपने पूर्वजों की दुआओं को याद करते हैं। इस रात को मनाने के लिए लोग नमाज पढ़ते हैं, कुरान पढ़ते हैं, दुआएं मांगते हैं और चारित्रिक खाने के साथ अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलते हैं। इस रात को मनाने की मान्यता है कि इस रात को अल्लाह लोगों के नाम लिखते हैं जो उनके आगे से गुजरते हैं और उन्हें बख्शिश देते हैं।

शबे बारात कब है

शबे बारात इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार बरावफत रजब के चौथे या पांचवें रात को मनाई जाती है। 25 फरवरी 2024, रविवार को शबे बारात मनाई जा सकती है

FAQs 

Ques:- शब-ए-बारात क्या है?

शब-ए-बारात ईस्लामी कैलेंडर के महीने शबान की चौथी रात को मनाई जाती है। यह रात मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से बख्शिश मांगते हैं और अपने अपने पूर्वजों की दुआओं को याद करते हैं।

Ques:- शब-ए-बारात की तारीख क्या होगी?

शब-ए-बारात की तारीख कई देशों में अलग-अलग होती है लेकिन इसे ईस्लामी कैलेंडर के महीने शबान की चौथी रात के तौर पर मनाया जाता है। भारत में, 2023 में शब-ए-बारात की तारीख करीब गुरुवार, 13 अप्रैल 2023 होने की उम्मीद है।

Ques:- शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है?

शब-ए-बारात को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। इस रात को मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से अपनी गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं और अपने अपने पूर्वजों की दुआओं को याद करते हैं।



शब-ए-बारात क्यों मनाई जाती है- यहां तक यह पोस्ट फिनिश होता है पर ऐसे ही जानकारी जानने के लिए पहले JUGADME सब्सक्राइब करें और जैसे जब भी मैं आपके लिए कोई नया ब्लॉग पोस्ट बनाऊं आप तक आसानी से पहुंच सके।

 

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