Sunday, May 12, 2024
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15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है

15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है- 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की याद में मनाया जाता है। इस दिन, 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से आज़ादी प्राप्त की थी। पतंग उड़ाने का पर्व भी इस मौके पर आयोजित किया जाता है। 15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है


15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है

पतंग उड़ाने का पर्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा को याद दिलाने के लिए आयोजित किया जाता है। पतंग को उड़ाने से पहले विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गीत, नृत्य, नाटक आदि शामिल होते हैं। यह पर्व लोगों को उनके देश के स्वतंत्रता संग्राम के शीर्षकर्ताओं की याद दिलाता है और उनके बलिदान को सलामी देने का एक तरीका है।

इस पर्व के दौरान, लोग अपने संगठन, स्कूल, कॉलेज आदि के लोगों के साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं और राष्ट्रीय गान गाते हैं। यह एक एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक भी होता है। इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि यह नए पीढ़ियों को उनके देश के इतिहास और महान वीरों के प्रति जागरूक करता है, ताकि वे अपने देश के मूल्यों और संस्कृति के प्रति समर्पित बन सकें।

15 अगस्त कहा कहा मनाया जाता है

15 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह दिन पूरे देशभर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस की मुख्य अवधि में, दिल्ली के लाल किले पर एक सरकारी समारोह आयोजित होता है जिसमें राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान की गायन की जाती है। इसके साथ ही, राष्ट्रपति द्वारा देश के लोगों को संबोधित किया जाता है और उन्हें उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रशासनिक पुरस्कार दिए जाते हैं।

15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है इसके अलावा, विभिन्न राज्यों और नगरों में भी राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय झंडा फहराया जाता है और स्थानीय समारोह आयोजित होते हैं जिनमें स्कूलों, कॉलेजों, सांस्कृतिक संगठनों आदि के छात्रों और नागरिकों की भागीदारी होती है। कुछ स्थानों पर, स्वतंत्रता सेनानियों की याद में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो उनके बलिदान को याद दिलाने के लिए होते हैं।

14 अगस्त को पाकिस्तान आजादी क्यों मनाता है?

14 अगस्त को पाकिस्तान आजादी दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन, 1947 में पाकिस्तान नामक देश आधिकारिक रूप से ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ था। इस दिन, पाकिस्तान का नामकरण भी हुआ और देश को आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता मिली।

14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान का नाम बाबा ईसा की क़ौम के सिरदार -ए- मिल्लत और आल हज लियाकत अली ख़ान ने रखा था जिन्होंने देश की पहली संविधानिक सभा की अध्यक्षता की थी। इस दिन के उत्सव में पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में सरकारी समारोह, धार्मिक प्राथनाएँ, फ्लैग होस्टिंग, स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम और नागरिकों के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के वीरों की याद में श्रद्धांजलि आयोजित की जाती है।

इस दिन पाकिस्तान के लोग राष्ट्रीय गान गाते हैं, झंडा फहराते हैं और देश की आज़ादी की याद में ख़ुशी और गर्व के साथ मनाते हैं।

पाकिस्तान भारत से कब अलग हुआ

15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है पाकिस्तान का भारत से अलग होने का प्रमुख कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और भारत में मुस्लिम समुदाय के एक स्वतंत्र देश की मांग थी, जिसे ‘पाकिस्तान’ कहा गया था। इसका परिणामस्वरूप, पाकिस्तान द्वारा अलगाव की प्रक्रिया 1947 में हुई थी।

15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली और देश दो अलग राज्यों, भारत और पाकिस्तान, में विभाजित हुआ। भारत और पाकिस्तान का विभाजन “विभाजन की रेखा” के तौर पर जाना जाता है और इसे ‘पार्टीशन’ कहा जाता है।

  • पाकिस्तान (पश्चिम) – इसमें पश्चिमी पंजाब, न्यूफाउंडलैंड, सिंध, बलूचिस्तान, और कच्छ शामिल थे।
  • पाकिस्तान (पूर्व) – इसमें बांगला और उत्तर-पूर्व प्रांत शामिल थे, जो बाद में पूर्व पाकिस्तान से अलग होकर बांगलादेश बन गया।

15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है इस विभाजन के समय बहुत सारे लोगों को अपने घरों और जीवन के बंदोबस्त से अलग होना पड़ा, जिससे एक बड़े पैमाने पर हिंसा और दुखद घटनाएँ हुईं। यह घटनाक्रम भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है और इसने दोनों देशों के लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया।

भारत और पाकिस्तान का बंटवारा किसने किया

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का प्रमुख आयोजक और समर्थक महात्मा गांधी के सहयोगी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता वल्लभभाई पटेल थे। विभाजन की प्रक्रिया के दौरान, वह समर्थन करने वाले थे कि हिंदू और मुस्लिम बहुसंख्यक राज्यों का निर्माण किया जाए जो एक-दूसरे से आलग हों।

वल्लभभाई पटेल को “लौह पुरुष” कहकर भी जाना जाता है और उन्होंने भारत के विभाजन के समय सरकार की स्थापना की और विभाजन की सीमाओं को तय किया। उन्होंने दक्षिण और पश्चिम के भू-भाग के अलावा उत्तर-पूर्वी प्रांतों को भारतीय संघर्ष के अधीन रहने का विकल्प दिया, जिससे बांगलादेश नामक नया देश उत्पन्न हुआ।

15 अगस्त को पतंग क्यों उड़ाई जाती है उनका योगदान भारत के विभाजन के समय और उसके पश्चात् की नयी सरकार के निर्माण में महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारतीय संघर्ष के दौरान और उसके बाद देश की एकता और अखंडता को साधने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।

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