अमरीश पुरी जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको अमरीश पुरी के बारे में बताने जा रहा हु। अमरीश पुरी चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ मे बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म “इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम” में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। अमरीश पुरी जीवन परिचय-फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया
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अमरीश पुरी जीवन परिचय। Amrish Puri Biography in Hindi
नाम | अमरीश पूरी ( amrish puri ) |
जन्म | 22 जून, 1932 |
जन्म स्थान | पंजाब |
पिता | लाला निहाल सिंह |
माता | वेद कौर
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भाई | चमन पुरी, मदन पुरी,हरीश पुरी
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बहन | चंद्रकांता |
पत्नी | उर्मिला दिवेकर
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मुत्यु के वक्त उम्र | 72 वर्ष |
मुत्यु की वजह | ब्रेन ट्यूमर |
मुत्यु | 12 जनवरी 2005 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
बेटी | नम्रता |
बेटा | राजीव |
अंतिम संस्कार स्थल | शिवजी पार्क श्मशान घाट |
अमरीश पुरी जीवन परिचय-अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1 9 32 को जालंधर, पंजाब प्रांत और ब्रिटिश भारत में हुआ था। वह एक बॉलीवुड फिल्म अभिनेता थे उनकी मां का नाम वेद कौर था और पिता का नाम लाला निहल चंद था। उनके पास दो बड़े भाई चमन पुरी और मदन पुरी हैं। दोनों बॉलीवुड में फिल्म अभिनेता हैं अमरिश पुरी बड़ी बहन का नाम चंद्रकांत है और एक छोटा भाई का नाम हरीश पुरी है। अमरिश पुरी का विवाह उर्मिला दिवेकर (1 9 57 – 2005) से हुआ है। उनके पास दो बच्चे हैं: राजीव और नम्रता।
अमरीश पुरी ने बी.एम. कॉलेज, हिमाचल प्रदेश, भारत में उन्होंने 1 9 67 से 2005 के बीच 400 से अधिक फिल्मों के साथ काम किया है
जब अमरीश अपने भाई मुंबई पहुंचे तो उनके भाई मदन पुरी पहले ही एक स्थापित अभिनेता थे, जिन्हें खलनायक भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था। अमरीश अपनी पहली स्क्रीन टेस्ट में विफल रही और एलआईसी के साथ एक नौकरी खोजना पड़ा। अमरीश पुरी ने इंडियाना जोन्स और डूम का मंदिर भी किया था।
अमरीश पुरी जीवन परिचय-इस बीच उन्होंने सत्यदेव दुबे की लिखित नाटक में पृथ्वी थिएटर पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, अंत में उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस थियेटर की मान्यता को जल्द ही टेलीविजन विज्ञापनों में काम करना पड़ा और आखिर में फिल्मों में 40 साल की आयु
अमरीश पुरी जीवन परिचय-वह हिंदी, कन्नड़, हॉलीवुड, पंजाबी, तेलुगू और तमिल फिल्मों में काम करने के लिए चले गए। हालांकि इन सभी उद्योगों में वह सफल रहे, लेकिन वह बॉलीवुड सिनेमा में अपने काम के लिए सबसे अच्छी तरह जानते हैं। वह चार सौ से अधिक फिल्मों में दिखाई दिया है। उनकी हावी स्क्रीन उपस्थिति और बढ़ती आवाज ने उन्हें अभिनेताओं के समुद्र के बीच में खड़ा कर दिया।
अमरीश पुरी फिल्मी सफर
अमरीश पुरी जीवन परिचय-अमरीश पुरी ने सदी की सबसे बड़ी फिल्मों में कार्य किया। उनके द्वारा शाहरुख खान की हिट फिल्म “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” में निभाये गए “बाबूजी” के किरदार की प्रशंसा सर्वत्र की जाती है। उन्होंने मुख्यतः फिल्मो मे विलेन का पात्र निभाते देखा गया है।
1987 में बनी अनिल कपूर की मिस्टर इंडिया में उन्होंने “मोगाम्बो” का किरदार निभाया जो कि फिल्म का मुख्य विलेन है। इसी फिल्म में अमरीश जी का डायलॉग “मोगाम्बो खुश हुआ” फिल्म-जगत मे विख्यात है।
मोगेम्बो का यादगार किरदार
अमरीश पुरी जीवन परिचय-वर्ष 1987 में अपनी पिछली फ़िल्म ‘मासूम’ की सफलता से उत्साहित शेखर कपूर बच्चों पर केन्द्रित एक और फ़िल्म बनाना चाहते थे जो ‘इनविजबल मैन’ पर आधारित थी। इस फ़िल्म में नायक के रूप में अनिल कपूर का चयन हो चुका था जबकि कहानी की मांग को देखते हुए खलनायक के रूप में ऐसे कलाकार की मांग थी जो फ़िल्मी पर्दे पर बहुत ही बुरा लगे इस किरदार के लिए निर्देशक ने अमरीश पुरी का चुनाव किया जो फ़िल्म की सफलता के बाद सही साबित हुआ। इस फ़िल्म में उनके किरदार का नाम था ‘मोगेम्बो’ और यही नाम इस फ़िल्म के बाद उनकी पहचान बन गया। इस फ़िल्म के बाद उनकी तुलना फ़िल्म शोले में अमजद खान द्वारा निभाए गए किरदार गब्बर सिंह से की गई। इस फ़िल्म में उनका संवाद मोगेम्बो खुश हुआ इतना लोकप्रिय हुआ कि सिनेदर्शक उसे शायद ही कभी भूल पाएं। भारतीय मूल के कलाकारों को विदेशी फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा नहीं मिल पाता है लेकिन अमरीश पुरी ने ‘जुरैसिक पार्क’ जैसी ब्लाकबस्टर फ़िल्म के निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग की मशहूर फ़िल्म ‘इंडियाना जोंस एंड द टेंपल ऑफ़ डूम’ में खलनायक के रूप में माँ काली के भक्त का किरदार निभाया। इस किरदार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
मशहूर फ़िल्में
अमरीश पुरी जीवन परिचय-प्रेम पुजारी से फ़िल्मों की दुनिया में प्रवेश करने वाले अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फ़िल्मों में निशांत, मंथन, गांधी, मंडी, हीरो, कुली, मेरी जंग, नगीना, लोहा, गंगा जमुना सरस्वती, राम लखन, दाता, त्रिदेव, जादूगर, घायल, फूल और कांटे, विश्वात्मा, दामिनी, करण अर्जुन, कोयला आदि हैं।
निधन
73 वर्षीय अमरीश पुरी की 12 जनवरी वर्ष 2005 को मुम्बई में मृत्यु हो गई थी। पुरी ने तक़रीबन 220 से भी अधिक हिन्दी फ़िल्मों में काम किया है। वर्ष 1971 में उनकी पहली फ़िल्म रिलीज हुई थी। उन्होंने ज़्यादातर फ़िल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई थी।अमरीश पुरी जीवन परिचय-
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