कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपकोकैसे पढाये बच्चो है घर में अपने बच्चो को जानिए कैसे आज के समय में बच्चों को पढ़ाना है या कुछ सिखाना कोई बड़ी बात तो नहीं है क्योंकि आजकल के बच्चे पहले से ही इतने सीखे हुए और समझे हुए होते हैं कि उन्हें कुछ भी बताना और सिखाना उसमें जरा भी टाइम नहीं लगता है। वैसे तो बच्चों को बहुत कुछ आता है लेकिन कितना सही कितना गलत आता है इस बात की पूरी जिम्मेदारी छोटे बच्चों के माता-पिता और उनके अध्यापकों की होती है। तो एक बच्चे के भविष्य के निर्माण में सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान उसके अध्यापक और माता-पिता का होता है तो आप अपने बच्चे को किस तरह से बेहतर सिखा सकते हैं और किस तरह बच्चों का ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित किया जा सकता है आज हम कुछ ऐसे ही आसान और जरूरी टिप्स आपको बताने वाले हैं।
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बच्चों को घर पर कैसे पढ़ाये
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –घर पर रहने वाली महिलायें घर तो अच्छे से संभाल लेती हैं, लेकिन उनके लिए सबसे बढ़ा टास्क होता है छोटे बच्चे यानि कि जोकि किंडर गार्डन में होते हैं. उन्हें पढ़ाना. ये 5 साल तक की उम्र के बच्चे होते हैं. आज इस लेख में हम आपको उन्हें पढ़ाने के अनोखे तरीके एवं टिप्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
किंडर गार्डन के बच्चों को पढ़ाने के बेहतरीन टिप्स
बच्चों का दिल जीते :-
छोटे बच्चे अक्सर उन्हीं से बातचीत कर पाते हैं जो व्यक्ति उनके दिल को छू जाते हैं और उन्हें पसंद आने लगते हैं। छोटे बच्चों का दिल बहुत ही कोमल होता है वह जल्दी से किसी से दोस्ती नहीं करते हैं और एक बार यदि दोस्ती कर ले तो उसके साथ बहुत ज्यादा घुल मिल जाते हैं और उसकी हर बात मानते हैं। इसी छोटे बच्चों को कुछ भी सिखाने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी है होता है कि उनका दिल जीत लिया जाए।
खेल से करे शुरुआत
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –किंडर गार्डन के बच्चों को खेल खेलना बहुत पसंद होता है इसलिए पढ़ाई की शुरुआत भी यदि खेल से की जाए तो वे जल्द ही आपसे बहुत कुछ सीखने लगेंगे। बच्चों को कैंची से काटना पीटना आकार बनाना उन आकारों के साथ खेलना यदि सिखाया जाए तो वे जल्द ही हर चीज को सीख लेंगे और दिमाग में बैठा भी लेंगे
बच्चों का कमरा या कक्षा को आकर्षित बनाएं
जिस कमरे में छोटे बच्चों को पढ़ाया जाता है या फिर घर में रखा जाता है वह कमरा पूरी तरह से तस्वीरों व ज्ञानवर्धक चीजों से भरा हुआ होना चाहिए। उस कमरे में ऐसी तस्वीरें मौजूद होनी चाहिए जिनसे वह धीरे-धीरे नई नई बातें सीख सके।
बच्चों को विभिन्न गतिविधियाँ कराए
यदि हम अपने बचपन के बारे में सोचें तो आपको याद ही होगा कि हमें थ्योरी वाले सब्जेक्ट से ज्यादा जल्दी प्रैक्टिकल वाले समझे जल्दी याद हो जाया करते थे। यदि ऐसा ही हम अपने बच्चों के साथ करें कि हर चीज को समझाने व बताने के लिए किसी गतिविधि का सहारा ले तो आपके बच्चे जल्द ही उस बात को समझ भी जाएंगे और लंबे समय तक याद भी रख पाएंगे।
बच्चों से प्यार से करें बात
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो किसी भी बात को जल्दी समझ जाते हैं परंतु कुछ बच्चों को कोई बात समझने के लिए थोड़ा सा ज्यादा टाइम लगता है ऐसे में बच्चों को डांटना नहीं चाहिए बल्कि उनको कोई भी बात प्यार से समझानी चाहिए ताकि वह आसानी से उस बात को समझ जाएं और आपका सम्मान भी करें। यदि आप उनको डांट कर कोई भी बात समझाते हैं तो वे अक्सर आपकी इज्जत करना भूल जाते हैं।
समय सीमा बांधे
यदि आप चाहते हैं कि छोटे बच्चे जल्द ही अपना होमवर्क भी पूरा करें और साथ ही खेलने पर भी समय दे तो उनके लिए यह जरूरी है कि आप उन्हें एक समय सीमा में बांधे। जैसे मान लीजिए आपको अपने बच्चे को स्कूल का होमवर्क नही करता है और उसका ध्यान टीवी औऱ गेम्स पर ही है। ऐसे में सबसे पहले आप अपने बच्चे के लिए एक समय सीमा बांध दें उसे कहे कि यदि वह होमवर्क कंप्लीट कर लेगा तो उसके बाद एक घंटा या 2 घंटे टीवी देख सकता है और मोबाइल पर गेम भी खेल सकता है। ऐसे में बच्चा उत्साहित होकर जल्द ही अपना काम पूरा कर लेता है और समय पर खत्म भी करके समय सीमा के अनुसार खेल भी लेता है।
दिल की बात सुने
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –अक्सर हमारे दिल में कुछ और चल रहा होता है और हम मन से कुछ भी करने लगते हैं। ऐसे में हम कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। ठीक ऐसा ही हमारे बच्चों के साथ भी होता है। जब हम उन पर ज्यादा दबाव डालते हैं तो हमारी हर बात अनसुनी और अनदेखी करने लगते हैं ऐसे में वे जिद्दी हो जाते हैं और किसी की भी किसी बात पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें ऐसे बच्चों के साथ प्यार से पेश आ कर उनसे दोस्ती वाला व्यवहार करना चाहिए ताकि वह अपने दिल की बात हमें आसानी से बता सकें। उनके दिल की बात समझ कर प्यार से उसका हल ढूंढना है आपके लिए समझदारी वाला काम होगा अन्यथा आप बच्चे को खो भी सकते हैं और वह हमेशा के लिए आपकी इज्जत करना भी भूल जाएगा।
घुमाने ले जाएं
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –
किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान भी एक बच्चे के लिए बेहद आवश्यक होता है। किंडर गार्डन का समय ऐसा होता है जब बच्चों के दिमाग का विकास हो रहा होता है और हम जैसी बातें उन्हें सिखाते हैं बिल्कुल वैसा ही व्यवहार सब के साथ करने लगते हैं। ऐसे में बच्चों को ऐसी जगहों पर घुमाने के लिए ले जाना चाहिए जहां से वे कुछ ज्ञानवर्धक बात सीखे भी और नई बात जानने के लिए उत्साहित होने लगे। घूमने-फिरने और ऐसी जगहों पर जाने से बच्चे का दिमाग स्वस्थ रहता है और वह किसी भी काम में आसानी से अपना दिल लगाता है।
उनके सवालों का दे जवाब
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –बच्चों के दिलों दिमाग में बहुत सारे सवाल होते हैं जिनका जवाब देना कभी संभव हो पाता है और कभी नहीं भी। बच्चों के सवालों से कभी भी हमें इरिटेट नहीं होना चाहिए बल्कि उनके सभी सवालों के जवाब हमें बेहद प्यार के साथ होने देनी चाहिए ताकि वह आगे भी अपने मन में दबे हुए किसी भी सवाल का जवाब जानने के लिए हमारे पास आने में झिझक महसूस ना करें। उनके दिल में होने वाले सवालों से वे कई सारी बातों को जान पाते हैं और हमारे और करीब आ पाते हैं।
शारीरिक और वैज्ञानिक बातों के बारे में बताएं
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ायें-आज के समय में फोन और टीवी के जरिए को इतना कुछ पता लगता है जिसके बारे में शायद पहले बच्चों को बताया भी नहीं जाता था। परंतु जैसे-जैसे बच्चे इन चीजों को देखते हैं उन्हें उनके बारे में जानने की इच्छा रखते हैं और यदि उनके सवालों के सही जवाब उनको नहीं मिल पाते हैं। तो उनकी इच्छाएं धीरे-धीरे दिल में ही दफन होने लगती है और वे किसी से भी बात करना बंद कर देते हैं। ऐसे बच्चे अक्सर ज्ञानवर्धक बातों को सीखने योग्य नहीं रह पाते हैं। इसलिए हमेशा यही कोशिश करें कि उनके प्रत्येक सवाल का जवाब सरलता से उन्हें दिया जाए ताकि वह और अधिक प्रोत्साहित हो सके और किसी भी बात को लेकर मन में किसी भी तरह का कोई विवाद ना रखें।
दोस्तों के साथ बढ़ाए मेलजोल
किंडर गार्डन के बच्चों को आपस में तालमेल बैठाना अवश्य सिखाना चाहिए ताकि वे सबके साथ मेलजोल बढ़ाना सीखे। दोस्तों से मिलजुलकर खेलना खाना-पीना और अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेने से बच्चा दूसरे बच्चों के प्रति प्रेमभाव रखना सीखता है और नई नई बातें भी जानता है। क्योंकि कुछ बच्चों के दिमाग में नई-नई बातें पहले से होती है और कुछ बच्चे नई बातें सीखने के लिए उत्साहित रहते हैं ऐसे में उनके सोच विचार जब आपस में मिलते हैं तो वह हमेशा ही कुछ नया सीखते रहते हैं।
निष्कर्ष
कैसे बच्चों को घर पर पढ़ाएं –बच्चों का सबसे बेहतर और उज्जवल विकास एक किंडर गार्डन में ही होता है जहां उनके भविष्य की मजबूत नींव रखी जाती है। यदि वहीं पर उनकी नींव पर ध्यान ना दिया जाए तो उनके आने वाले भविष्य में वे बेहद कमजोर हो जाते हैं। उन्हें जो भी बात उस समय सिखाई जाती है वे जीवन पर्यंत उस बात को याद रखते हैं और उन्हीं नियमों का पालन करते हैं। बेहद आसान और आकर्षित तरीकों के साथ उन बच्चों को नई बातें सिखाना अति आवश्यक होता है ताकि वह आसानी से उन्हें सीख कर अपने जीवन में धारण कर पाए।
FAQ
Q : बच्चों को घर पर कैसे पढ़ायें ?
Ans : उनका दिन जीतें, उनसे प्यार से बात करें.
Q : बच्चों को घर पर पढ़ाने का आसान तरीका क्या है ?
Ans : उनके साथ विभिन्न खेल खेलें या गतिविधियाँ कराएँ.
Q : बच्चों के साथ किस तरह की गतिविधियाँ कराएँ ?
Ans : आप उन्हें विभिन्न अल्फाबेट के खिलौने दे सकते हैं और आप उन्हें सीक्वेंस में जमाने के लिए बोल सकते हैं.
Q : क्या बच्चों को खेल के माध्यम से पढ़ाया जा सकता है ?
Ans : जी हां बिलकुल
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