Sunday, April 28, 2024
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कर्बला में हुई जंग में कितने लोग शहीद हुए कर्बला के 72 शहीदों के नाम Karbala Ke 72 Shaheed Name Hindi

कर्बला का इतिहास

कर्बला के 72 शहीदों के नाम Karbala Ke 72 Shaheed Name Hindi- कर्बला की जंग 10 मुहर्रम, 61 हिजरी (10 अक्टूबर, 680 ईसा पूर्व) को हुई थी, और इसमें हज़रत इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) और उनके साथी और अनुयायी मातम के दौरान शहीद हुए थे। कर्बला की जंग में उनके साथियों और अनुयायियों की कुल संख्या पर विभिन्न रिपोर्ट्स हैं, लेकिन आमतौर पर यह माना जाता है कि उनकी संख्या कुछ सवा सौ से कुछ हज़ार तक थी। इस घटना में हज़रत इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) के साथियों और अनुयायियों की बहुत बड़ी परिस्थितियों थी और उन्होंने नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के धर्मिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए जान की बाजी लगाई थी। उनकी बलिदानी आत्मा इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद की जाती है, और इसे मुहर्रम और आशूरा के दिनों पर याद किया जाता है।




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  • इमाम हुसैन रज़ि अल्लाहु अनहु

“इमाम हुसैन” एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है जिन्होंने इस्लामिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें इमाम हुसैन इब्न अली भी कहा जाता है और वे पैगंबर मुहम्मद के पौत्र थे। इमाम हुसैन का प्रमुख कायदा कुर्बला की लड़ाई (कुर्बला की युद्ध) के समय हुआ था, जो कि 680 ईसा पूर्व में घटित हुआ था। कुर्बला की लड़ाई का कारण यह था कि इमाम हुसैन ने कैलिफा यज़ीद बिन मुआविया के शासन के खिलाफ उपद्रव और खुलेआम अन्याय के खिलाफ उठाया था। उन्होंने सत्य और न्याय की रक्षा के लिए खुद को बलिदान करने का निर्णय लिया और उनके साथियों के साथ कुर्बला में युद्ध किया, जिसमें उन्हें और उनके अनुयायियों को शहीद किया गया।

  • अब्बास बिन अली

अब्बास बिन अली इमाम हुसैन इब्न अली के छोटे भाई थे और उनके सबसे वफादार साथी थे। उनका पूरा नाम “अल-अब्बास इब्न अली इब्न अबी तालिब” था। अब्बास बिन अली का जन्म कुर्बला की लड़ाई के कुछ समय पहले हुआ था, जो कि 680 ईसा पूर्व में घटित हुआ था। वे अपने भाई इमाम हुसैन के साथ कुर्बला गए थे और वहाँ उन्होंने बड़ी बहादुरी और साहस दिखाया। कर्बला के 72 शहीदों के नाम






अब्बास बिन अली को “कमील” भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने गुणों की वजह से प्रसिद्ध थे, जैसे कि साहस, निष्ठा, उम्मीद, और अपने भाई के साथ वफादारी में। कुर्बला के दिनों में जब पानी की तंगी हो गई थी, तो अब्बास बिन अली ने भाई के लिए पानी पाने का प्रयास किया। वे नदी तक पहुँचने के बाद भी भाई के लिए पानी लाने के लिए संकल्पित थे, लेकिन वे खुद को पानी की पीने की जगह पर भाई के लिए पानी लाने में समर्पित कर दिए और उन्होंने लड़ाई में शहीद हो गए। अब्बास बिन अली की बहादुरी, समर्पण और निष्ठा की कहानी भी कुर्बला की लड़ाई में महत्वपूर्ण है, और वे इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं।

  • अली अकर बिन हुसैन

“अली अकबर बिन हुसैन” एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे जो इमाम हुसैन इब्न अली के पुत्र और इमाम मोहम्मद बाकर बिन अली के भाई थे। उन्हें आमतौर पर “अली अकबर” या “अकबर इमाम” के नाम से पुकारा जाता है। अली अकबर का जन्म कुर्बला की लड़ाई के कुछ समय पहले हुआ था, जो कि 680 ईसा पूर्व में घटित हुआ था। उनका मुक़ाबला बच्चों की उम्र में ही इमाम हुसैन के साथ कुर्बला गए थे। वे भाई के साथ मानवता, न्याय, और सच्चाई की रक्षा के लिए खड़े हुए थे। कुर्बला की लड़ाई में अली अकबर ने अपनी बड़ी नौजवानी के बावजूद भी अपने पिता के साथ लड़ने का फैसला लिया और वे भी शहीद हो गए। उनकी बहादुरी और निष्ठा का संदेश भी कुर्बला की लड़ाई में महत्वपूर्ण है, और उन्हें इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान मिलता है। उनका बलिदान और साहस इस्लामी समुदाय में गहरी आदरणीयता के साथ याद किया जाता है, और उनके नाम का स्मरण कुर्बला के घातक मोमेंट में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में सेवा करता है।

  • हज़रत अली असगर बिन हुसैन

कर्बला के 72 शहीदों के नाम Karbala Ke 72 Shaheed Name Hindi- हज़रत अली असगर बिन हुसैन एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे जिन्होंने इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे इमाम हुसैन इब्न अली के पुत्र और इमाम मोहम्मद बाकर बिन हुसैन के छोटे भाई थे। उन्हें “असगर” नाम से भी जाना जाता है। अली असगर का जन्म कुर्बला की लड़ाई के कुछ साल पहले हुआ था, जो कि 680 ईसा पूर्व में घटित हुआ था। उनका उम्र सिर्फ 6 मास का था जब कुर्बला की लड़ाई हुई थी। कुर्बला की लड़ाई में वे भी अपने पिता और चाचा के साथ थे और वहाँ भी अपनी नवजवानी के बावजूद बच्चों की संख्या में थे। उन्हें भी शहीद कर दिया गया और उनका बलिदान भी इस्लामी समुदाय में महत्वपूर्ण माना जाता है। उनका बचपन, उनके परिवार के साथी, और उनके शहीद होने की चुनौतियों की कहानी भी कुर्बला की लड़ाई के दरम्यान एक अद्वितीय अंश है, जो उनके परिवार की उम्मीद और वफादारी की दिखाता है। उनके बलिदानी प्रेम और साहस का स्मरण इस्लामी समुदाय में उनके नाम की याद में किया जाता है और उनका उदाहरण विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के बीच एक प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करता है।

  • अब्दुल्ला बिन अली

अब्दुल्लाह बिन अली एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे जिन्होंने इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे इमाम हुसैन इब्न अली के पुत्र थे और इमाम अली ज़ैनुल आबिदीन बिन हुसैन के छोटे भाई थे। अब्दुल्लाह बिन अली का जन्म कुर्बला की लड़ाई के कुछ समय पहले हुआ था, जो कि 680 ईसा पूर्व में घटित हुआ था। वे भी कुर्बला की लड़ाई में अपने पिता और चाचा के साथ थे और वहाँ भाई के साथ उनकी सेवा में शामिल हुए थे। अब्दुल्लाह बिन अली ने भी कुर्बला के दौरान अपने जीवन की बलिदानी प्रेम और सेवा का प्रदर्शन किया और उन्हें भी शहीद कर दिया गया। उनका बलिदान और साहस भी इस्लामी समुदाय में महत्वपूर्ण माना जाता है और उनके नाम का स्मरण कुर्बला की लड़ाई के घातक मोमेंट में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में सेवा करता है। उनकी बहादुरी, निष्ठा और शांति की भावना भी इस्लामी समुदाय के बीच महत्वपूर्ण उपदेश है, और उनका उदाहरण लोगों को अहिंसा और समझदारी के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

  • जफर बिन अली

जाफर बिन अली (Jafar bin Ali) इमाम हुसैन इब्न अली के पुत्र और इमाम मोहम्मद बाकर बिन अली के भाई थे। उन्हें इमाम जाफर सादिक (Imam Jafar Sadiq) के रूप में भी जाना जाता है। इमाम जाफर सादिक का जन्म 702 ईसा पूर्व में हुआ था। वे शिया मुस्लिम समुदाय के पांचम इमाम माने जाते हैं और उन्होंने इस्लामी ज्ञान और फ़िक्र (धार्मिक उपदेश) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इमाम जाफर सादिक की शिक्षा का प्रभावशाली परंपरा में भागीदार रहने के बावजूद, वे समय के साथ उपने परिवार और समुदाय के लोगों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते रहे। उन्होंने ज्योतिष, फलित, विज्ञान, और अन्य विषयों में भी ज्ञान दिया और उनके विचार आज भी उनके अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इमाम जाफर सादिक की विशेषता उनके साहस, विवेकशीलता, और ज्ञान में थी, और उनकी विचारधारा ने उनके अनुयायियों के दिलों में गहरी प्रेरणा का स्रोत बनाया। उनकी समाज सेवा, शिक्षा, और धर्मिक उपदेश के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है।

कर्बला में हुई जंग में कितने लोग शहीद हुए कर्बला के 72 शहीदों के नाम Karbala Ke 72 Shaheed Name Hindi

  • इमाम हुसैन रज़ि अल्लाहु अनहु
  • अब्बास बिन अली
  • अली अकर बिन हुसैन
  • हज़रत अली असगर बिन हुसैन
  • अब्दुल्ला बिन अली
  • जफर बिन अली
  • उस्मान बिन अली
  • अबू बकर बिन अली
  • अबू बकर बिन हसन बिन अली
  • हज़रत कसीम बिन हसन बिन अली
  • अब्दुल्लाह बिन हसन
  • ऐन बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
  • मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
  • अब्दुल्ला बिन मुस्लिम बिन अकील
  • मोहम्मद बिन मुस्लिम
  • मोहम्मद बिन सईद बिन अकील
  • अब्दुल रहमान बिन अकील
  • जफर बिन अकील
  • यूएन बिन हर्स असदी
  • हबीब बिन मज़हिर असदी
  • मुस्लिम बिन आजाजा आदी
  • कयेस बिन मस्सर असदी
  • अबू सममा उमर बिन अब्दुल्ला
  • बोरर हमदानी
  • हनाला बिन असद
  • अबीस शकरी
  • अब्दुल रहमान रहबी
  • सैफ बिन हरस
  • आमेर बिन अब्दुल्लाह हमानी
  • जुनादा बिन हर्स
  • मजमा बिन अब्दुल्ला
  • नाफी बिन हलाल
  • हज़ाज बिन मासरुक़
  • उमर बिन क़रज़ा
  • अब्दुल रहमान बिन अब्द-ए-रुब
  • जुनदा बिन कब
  • अमान बिन जानदा
  • नामीम बिन अजलन
  • साद बिन हरस
  • ज़ुहिर बिन काइन
  • सलमान बिन मज़ीरब
  • सईद बिन उमेर
  • अब्दुल्ला बिन बसीर
  • यजीद बिन ज़ेड कंडी
  • हार्ब बिन उमर-उल-कैसा
  • जहीर बिन अमीर
  • बशीर बिन अमीर
  • अब्दुल्ला अरवा गहफ़ारी
  • झोन गुलाम अबू ज़ार गफरी
  • अब्दुल्ला बिन अमीर
  • अब्दुल अला बिन यज़ीद
  • सलीम बिन अमीर
  • कसीम बिन हबीब
  • ज़ेड बिन सलीम
  • नोमन बिन उमेर
  • यजीद बिन सबीट
  • अमीर बिन मुस्लिम
  • सैफ बिन मलिक
  • जबीर बिन हज्जाजी
  • मसूद बिन हज्जाजी
  • अब्दुल रहमान बिन मसूद
  • बकर बिन हई
  • अमार बिन हसन ताई
  • जरुगामा बिन मलिक
  • काना बिन अटेक
  • एकबा बिन सुल्तान
  • हुर बिन यज़ीद तामीमी
  • एकबा बिन सुल्तान
  • हबला बिन अली शिबानी
  • कानाब बिन उमर
  • अब्दुल्ला बिन याक़टर
  • इमाम-ए-सज्जाद

FAQ

Q:- कर्बला में वास्तव में क्या हुआ था?

1400 साल पहले कर्बला की लड़ाई में मोहम्मद साहब के नवासे (बेटी का बेटा,नाती) हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे

Q:- कर्बला में 10 मुहर्रम पर क्या हुआ था?

हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मोहर्रम माह के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे

Q:- शिया आशुरा पर उपवास क्यों नहीं करते?

आशूरा शोक का दिन है, जो कर्बला की लड़ाई के दौरान पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की हत्या की दुखद सालगिरह की याद दिलाता है

Q:- हुसैन कैसे मरे थे?

कर्बला की लड़ाई में शहीद कर दिए गए थे

आज अपने क्या सीखा

कर्बला के 72 शहीदों के नाम Karbala Ke 72 Shaheed Name हिंदी उम्मीद करती हूँ आपको कर्बला के बारे, में जानकारी मिल चुकी होगी और जान भी चुके होंगे यदि आप इस ही इस्लाम या अन्य धर्म की जानकारी जानना चाहते है तो आप हमें सपोर्ट करे और जिससे हमारे बनाये गए पोस्ट आप तक आसानी से पहुंच जाये

 

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