Tuesday, April 30, 2024
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हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023 Hajj Mecca (Makka) Madina Yatra Information In Hindi

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हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023 Hajj Mecca (Makka) Madina Yatra Information In Hindi

हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023- हज्ज अरबी भाषा में हज्ज अल्लाह द्वारा दिया गया धार्मिक अनुष्ठान है जो मुस्लिम धर्म के महत्वपूर्ण पिल्लरों में से एक है। हज ईस्लामी विश्वास के अनुसार प्रत्येक मुसलमान व्यक्ति को एक बार जीवन में मक्का के पवित्र स्थल पर जाना चाहिए। मक्का सऊदी अरब में स्थित एक पवित्र नगरी है, जहां परम पिता इब्राहीम और माता हाजरा के पुत्र प्रवचन द्वारा अल्लाह की इच्छा पर मस्जिद अल-हराम (खाने का मंदिर) नामक एक धार्मिक स्थान स्थापित है। हज, इस मस्जिद को घुमक्कड़ यात्रा के अंतर्गत देखने का और उसकी ताक़िया करने का अवसर प्रदान करता है। हज्ज में पांच विभिन्न संस्कार अनुसंधान किए जाते हैं, जिनमें वक़्तबदली करना, ईद अल-अज़हा मनाना, अरफ़त में खड़े होना, तथा मक्का और मदीना में चक्कर लगाना शामिल हैं।

 

हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023- मदीना भी सऊदी अरब में स्थित एक अहम मुस्लिम धार्मिक स्थल है, जहां नबी मुहम्मद का मक़बरा है और उनके साथी सहाबा (अनुयाई) भी दफ़न हैं। इसे मदीना मुनव्वरा के नाम से भी जाना जाता है। मदीना हज्ज के दौरान मुस्लिम यात्री भी जाते हैं। हज्ज इस्लामी कैलेंडर के ज़िल-हिज्ज़ा (ध्वज) महीने में मक्का में किया जाता है, और इसे विश्व में करीब 2 करोड़ से ज़्यादा मुस्लिम यात्री हर साल आते हैं। हज के अनुसंधान के दौरान, यात्री विभिन्न रियासतों से इस्लामी धर्म सम्बन्धित सम्प्रदायों और भाषाओं के साथ मिलते हैं और धार्मिक उत्सवों का आनंद लेते हैं।

मक्का का इतिहास (Mecca History)

मक्का को इस्लाम से पहले भी एक महत्वपूर्ण नगरी माना जाता था। इसे इस्लामी दृष्टिकोन से भी जाहिलीया का काल कहते हैं, जिसमें मक्का एक धार्मिक और वाणिज्यिक केंद्र था। विश्वभर से लोग यहां आते थे और व्यापार करते थे। मक्का में कई पगड़ियां और मंदिर थे, जिन्हें विभिन्न धर्मों के अनुयायी यहां आकर दर्शन करते थे। एक ऐसा पगड़ी है क़बा, जिसे मुस्लिम धर्म में भी पूजा जाता था।

इस्लामिक इतिहास (Islamic History)

मक्का का सबसे महत्वपूर्ण चरम समय इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के समय में था। सन् 570 ई. में मक्का में पैदा हुए प्रोफेट मोहम्मद ने बड़े व्यक्तित्व और ईमानदारी से विश्वास की शिक्षा देना शुरू किया।

हज (Hajj)

हज, मुस्लिम धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और यह मक्का का एक पवित्र संस्थान है। हर साल इस्लामी कैलेंडर के ज़िल-हिज्ज़ा महीने में लाखों मुस्लिम यात्री यहां जाकर हज अनुसंधान करते हैं। हज में मुस्लिम यात्री मस्जिद अल-हराम (खाने का मंदिर) के पास क़बा की तक़िया करने और धार्मिक अनुष्ठान करने का मौक़ा प्राप्त करते हैं। इस तरह, मक्का का इतिहास इस्लाम की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, और यहां हज समेत धार्मिक अनुष्ठान की परंपरा चलती है।

मक्का क्यों महत्वपूर्ण है?

मक्का में स्थित खाने का मंदिर (क़बा) मुस्लिम धर्म का सबसे पवित्र स्थान है। यह क़बा आदमी और हज़रात इब्राहिम (अब्राहम) और इस्माइल (इश्माएल) के द्वारा पूजी गई थी। मुस्लिम धर्म में सालात के दौरान मुसलमान क़बा की ओर मुड़ते हैं और हज के दौरान उसके चारों ओर ताक़िए (तावाफ़) करते हैं।

मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को सन् 570 ई. में मक्का में पैदा हुआ था। उनका जन्मस्थान भी मक्का में है, और उनके पैगंबरी युग के समय से यहां एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन गया है। मक्का में हर साल हज अनुसंधान किया जाता है, जो इस्लामी धर्म के पाँच पिल्लरों में से एक है। हर साल लाखों मुस्लिम यात्री मक्का आकर हज अनुसंधान करते हैं, जिससे यह स्थान इस्लामी संघ के लिए एक एकीकरण और सामाजिक महत्व रखता है।मक्का का ऐतिहासिक महत्व इस्लामी धर्म के प्रवर्तक प्रोफेट मोहम्मद (स.अ.) के जीवन के दौरान व बाद में भी बहुत महत्वपूर्ण रहा है।

इसलिए, मुस्लिम धर्म के अनुयायी यहां आकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और प्रोफेट मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के उपासना में लगे रहते हैं। हर साल हज के दौरान मुस्लिम यात्री भिन्न-भिन्न राष्ट्रों, भाषाओं, जातियों और संस्कृतियों से आते हैं, जो एकता और धार्मिक समझौते का प्रतीक बनाता है। यहां यात्रियों को एक ही संघ के रूप में मिलने का मौक़ा मिलता है और इससे विश्वास, समझदारी, तिरस्कारनीयता और एकता की भावना सुदृढ़ होती है।







मक्का मदीना कहानी (mecca madina story)

हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023 Hajj Mecca (Makka) Madina Yatra Information In Hindi मक्का, सऊदी अरब में स्थित थी, और यह इस्लामी धर्म का पवित्र स्थान है। पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) को सन् 570 ई. में मक्का में पैदा हुआ था। उनके माता-पिता का नाम अब्दुल्लाह और अमीना था। प्रोफेट मोहम्मद को बचपन से ही विशेषता दिखाई देने लगी थी, और उन्होंने ईश्वरीय संवाद के द्वारा समाज को सच्ची ईमानदारी और एकता की शिक्षा देनी शुरू की।
पैगंबर मोहम्मद ने अपनी पहली पत्नी खदीजा रदियआल्लाहु अन्हा से विवाह किया और उन्होंने अपने विचारों और संदेश को समझदारी से समर्थन किया। लेकिन उनके संदेश और ईमानदारी की वजह से वे मक्का में कई व्यक्तियों के खिलाफ हो गए, और उनका विरोध किया गया।

मदीना कहानी (madina story)

सन् 622 ई. में, पैगंबर मोहम्मद ने मक्का से वादा-ए-हुज्जत के दौरान मदीना को हिज्रत किया। यह ईस्लामी इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी, और इसे ईस्लामी कैलेंडर के प्रारंभ के बिंदु (हिज्री) के रूप में मनाया जाता है।
मदीना में पैगंबर मोहम्मद का स्वागत विशाल भव्यता से किया गया और उन्हें यहां प्रशासनिक और सामाजिक मामलों में सहायक और समर्थक मिले। मदीना में उन्होंने इस्लामी समाज की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति को संगठित किया और धार्मिक अनुष्ठान और ईमानदारी की शिक्षा दी।

मक्का और मदीना के बीच पैगंबर मोहम्मद की वापसी (फत्ह मक्की) के बाद, इस्लामी समाज का विस्तार हुआ और धर्म का एक बड़ा समुदाय बना। इसी कारण से ये दोनों स्थान इस्लाम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इन्हें पैगंबर मोहम्मद और उनके शिष्यों के प्रमुख स्थानों में से एक माना जाता है।

हज यात्रा के रीती रिवाज, विधि, नियम (How to do Hajj Yatra Step by Step)

हज यात्रा इस्लामी धर्म के एक महत्वपूर्ण प्रतीक्रिया है, जिसे मुस्लिम धर्म के पाँच पिल्लरों में से एक माना जाता है। हर साल इस्लामी कैलेंडर के ज़िल-हिज्ज़ा महीने में, मुस्लिम यात्रियों को मक्का के पवित्र स्थान पर जाने का मौका मिलता है

इहराम

हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023 Hajj Mecca (Makka) Madina Yatra Information In Hindi हज की यात्रा शुरू करते समय, यात्री को इहराम पहनना अनिवार्य होता है। इहराम एक सफेद और धूपी सफा से भरी उत्तरी ओढ़नी होती है जिसे पुरुष और स्त्री दोनों ही धारण करते हैं। इसका धारण करने से यात्री को धार्मिकता का भाव और अपने आपको पवित्र करने का अनुभव होता है।

तावाफ़

ईद के बाद, यात्रियों को मस्जिद अल-हराम के आस-पास चारों ओर तावाफ़ करने के लिए जाना पड़ता है। तावाफ़ करने के बाद, यात्री मस्जिद अल-हराम के अंदर स्थित खाने का मंदिर (क़बा) के पास तक़िए करते हैं। उसके बाद, वे साईय करते हैं, जो हज़रत इस्माईल (अलैहिस्सलाम) और हज़रत सारा के लिए एक महत्वपूर्ण रिवाज है।

साय 

इसमें सफा और मारवाह की पहाड़ियों के बीच सात बार चल कर दौड़ कर चक्कर लगाया जाता है. जो काबा के पास स्थित है. पहले ये खुला एरिया था, लेकिन अब यह क्षेत्र पूरी तरह से मस्जिद, अल-हरम-मस्जिद से घिरा है

हज मक्का मदीना कौन जा सकता है (Who is Eligible for Hajj Yatra)

हज यात्रा मक्का और मदीना को सिर्फ मुस्लिम धर्म के अनुयायी कर सकते हैं। हज, इस्लामी धर्म के पाँच पिल्लरों में से एक है और इसे इस्लामी समुदाय के अनुसार आवश्यकता पड़ती है। हर साल इस्लामी कैलेंडर के जिल-हिज्ज़ा महीने में, लाखों मुस्लिम यात्री मक्का और मदीना जाकर हज यात्रा का अनुसरण करते हैं।


हज यात्रा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने वाले यात्रियों के लिए ही संभव होती है। यात्रियों को देखभाल की ज़रूरत होती है, क्योंकि हज के दौरान लम्बी चलने-फिरने और थकावट के कारण प्रतिरोध कमज़ोर हो सकता है। हज यात्रा एक भारी आर्थिक खर्च से भरी होती है। इसलिए, यात्रियों को हज के लिए आर्थिक रूप से समर्थ होना आवश्यक होता है। हज यात्रा के लिए आवश्यक कागजात, वीजा, और आवश्यक दस्तावेज़ होने चाहिए।

मक्का मदीना जाने के लिए जरुरी कागज़ात (Required Documents for Mecca Madina Travels)

  • सबसे पहले, यात्री को एक मान्यता प्राप्त पासपोर्ट होना चाहिए। पासपोर्ट यात्रा के दौरान पहचान प्रमाण होता है और यह यात्री के व्यक्तिगत और यात्रा संबंधित विवरण रखता है।
  • मुस्लिम यात्रियों को हज यात्रा के लिए सऊदी अरब के एक मान्यता प्राप्त वीज़ा की आवश्यकता होती है। हज वीज़ा के लिए यात्री को सऊदी अरब के दूतावास या एजेंसी से अनुमति प्राप्त करनी पड़ती है।
  •  हज यात्रा के लिए यात्री को इहराम कार्ड की आवश्यकता होती है। यह कार्ड इहराम ओढ़ने के लिए अनुमति प्रदान करता है और यात्री को यात्रा के दौरान इहराम के नियमों का पालन करने में मदद करता है।
  •  हज यात्रा के लिए यात्री को मक्का और मदीना जाने के लिए होटल की बुकिंग करनी पड़ती है और टिकट की पुष्टि करनी पड़ती है।

मक्का से मदीना की दूरी Distance between Mecca and Madina

हज मक्का मदीना यात्रा की जानकारी 2023- मक्का से मदीना तक की दूरी लगभग 439 किलोमीटर (या 280 मील) है। इस दूरी को इस्लामी कैलेंडर के मुहर्रम माह में सन् 622 ईसा पूर्व को एक महत्वपूर्ण घटना के बाद मापा जाता है, जिसे हिजरा कहते हैं। हिजरा यानी प्रवास के दौरान प्रियजनों के साथ अथवा परिवार के साथ अलविदा कहने के लिए निकल जाना। इस दौरान हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने और उनके सहाबी अनेक सैकड़ों मील की दूरी तय की और दोस्तों के साथ मदीना मुनव्वरा जा पहुंचे।



मक्का और मदीना दोनों ही सऊदी अरब में स्थित हैं और इस दूरी को आधुनिक साधनों के माध्यम से आसानी से तैयारी करके यात्रा किया जा सकता है। आम तौर पर, मक्का से मदीना की दूरी को बसों या कारों में यात्रा करके कायम किया जाता है। हालांकि, हज या उमरा के समय बहुत से यात्री रेल या हवाई जहाज से भी इस दूरी को तय कर सकते हैं।

मदीना, सुदी अरब में यात्री एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, क्योंकि यहां पर हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कब्र स्थित है और यहां उनके मकबरे की जगह “मस्जिद नबवी” है, जो दुनिया की सबसे पवित्र मस्जिदों में से एक है। मुसलमान यात्री द्वारा धार्मिक दृष्टि से यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है और वे मक्का से मदीना की यात्रा के दौरान इसे जरूर देखते हैं।

भारत से मक्का और मदीना की दूरी और पहुँचने का तरीका How to Reach Makkah Madina from India

हवाई मार्ग द्वारा 

सबसे आम तरीका हवाई जहाज से यात्रा करना है। भारत के कई शहरों से सऊदी अरब के अल-मदीना और ज़ेद्दा शहर में हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं। वहां से यात्री मक्का तक भी बसों या कारों में आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेलवे मार्ग द्वारा 

भारत के कुछ शहरों से यात्री मक्का और मदीना पहुंचने के लिए रेलवे यातायात का भी विकल्प उपलब्ध है। यात्री यात्रा के लिए आग्रह आरक्षण कर सकते हैं।

बस या कार द्वारा 

यात्री मक्का और मदीना के लिए स्वयं चुने गए शहरों के बीच बसों या कारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरीके में यात्री अपनी यात्रा को अपनी पसंद के अनुसार नियंत्रित कर सकते हैं।

यात्री जिन्हें उमरा या हज़ यात्रा के लिए जाना होता है, उन्हें सामान्यतया संबंधित यात्रा अगेंसियों के माध्यम से संगठित किया जाता है। ये अगेंसियाँ हवाई जहाज, रेलवे, बस और होटल की बुकिंग, इहराम कार्ड, और अन्य ज़रूरी कागज़ात की व्यवस्था करती हैं।

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