Monday, April 29, 2024
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मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध इतिहास

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध इतिहास

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है-हेलो दोस्तों में अंजलि कुमारी आज आपको ये बताने जा रही हु। की मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है और 2023 में कब मनाया जायेगा। हमारे समाज में मजदुर को हमेशा गरीब समझा जाता हे। धूप में मजदूरी करने वाले को ही हम मजदुर समझते हे। इसके सामान मजदुर के अलग – अलग अंग हे




मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है-मजदुर हमारे लिए मजबूत और अलग बनता है और हमे सफलता की और ले जाता है। मजदुर वर्ग में वह सभी लोग आते है, जो किसी सनाज या निजी तोर पैर काम करते है। शारीरिक और मानसिक रूप से काम करने वाला इंसान मजदुर है, चाहये वो इट , सीमेंट से काम करना वाला इंसान हो या ऑफिस में काम करने वाला कर्मचारी  क्यों न हो  इन सभी मजदूरों को सामान दने के लिए मजदुर दिवस मनाया जाता है। अन्तराष्रीये मजदुर और अंतराष्ट्रीय कर्मचारी दिवस को मई दिवस भी कहा जाता है ये पूरी दुनिया में  अंतराष्ट्रीय तोर पैर मनाई जाती है। ताकि मजदुर अशोशिशन को बढ़ावा देने के लिए और प्रोत्साहित कर सके। मजदुर दिवस 1 मई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है , योरूप में तो इसे पारम्परिक तोर पे बसंत की छुट्टी के लिए घोषित किया गया है , दुनिया के 80 देशो में इस दिन को नेशनल हॉलिडेघोषित किया गया है , कुछ  जगह तो इसे मानाने के लिए भी कार्येक्रम भी आयोजित भी किय गया है , अमेरिका और कैनेडा में ये सितम्बर के महीने के सोमवार को मनाया जाता है , भारत में इसे श्रमिक दिवस भी कहा जाता है मजदुर को मजबूर समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है  वह अपने खून पसीने की खाता है. ये ऐसे स्वाभिमानी लोग होते है, जो थोड़े में भी खुश रहते है एवं अपनी मेहनत व् लगन पर विश्वास रखते है. इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं होता है।

मजदूर दिवस का इतिहास

  • विश्व में मजदूर दिवस की उत्पत्ति
  • भारत में मजदूर दिवस समारोह
  • मजदुर दिवस का इतिहास

भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी आदमी व् महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. मजदूर दिवस को पहली बार भारत में मद्रास (जो अब चेन्नई है) में 1 मई 1923 को मनाया गया था, इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदूस्तान ने की थी. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था.इस पार्टी के लीडर  सिंगारावेलो  चेत्तिअर ने इस दिन को मनाने के लिए 2 जगह कार्यकर्म आयोजित किये थे.पहली मीटिंग ट्रिपलीकेँ के बिच में और दूसरी दूसरी मद्रास हाई कोर्ट के सामने वाले बीच में आयोजित की गई थी. सिंगारावेलु ने यहाँ भारत के सरकार के सामने दरख्वास्त रखी थी, कि 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया जाये, साथ ही इस दिन नेशनल हॉलिडे रखा जाये. उन्होंने राजनीती पार्टियों को अहिंसावादी होने पर बल दिया था.



विश्व में मजदूर दिवस की उत्पत्ति –

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है-1 मई 1986 में अमेरिका के सभी मजदुर संघ साथ मिलकर ये निश्चय करते है की वे 8 घंटो से जायदा काम नहीं करेंगे , जिसके लिए उन्होंने हड़ताल कर दी थी , इसलिए श्रमिक वग में 10 -16 से जायदा काम करवाया आते है जाता है , और उनकी सुरक्षा का भी धयान नहीं दिया जाता।  उस दुरान मजदूरों को कई चोटे भी आती थी ,कई लोगो की मौत भी हो जाती थी ,काम के दुरान बच्चे , महिला , पुरुष का मौत का अनुपात बढ़ता जा राग था जिस वजह से ये जरुरी हो गया था, कि सभी लोग अपने अधिकारों के हनन को रोकने के लिए सामने आयें और एक आवाज में विरोध प्रदर्शन करें.

इस हड़ताल के दौरान 4 मई को शिकागो के हेमार्केट में अचानक किसी आदमी के द्वारा बम ब्लास्ट कर दिया जाता है, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस अंधाधुंध गोली चलाने लगती है.  जिस से बहुत से लोगो की मौत हो जाती है।  इसके साथ ही 100 से जायदा लोग घायल हो जाते है विरोध का अमेरिका में तुरंत परिणाम नहीं मिला, लेकिन कर्मचारियों व् समाजसेवियों की मदद के फलस्वरूप कुछ समय बाद भारत व अन्य देशों में 8 घंटे वाली काम की पद्धति को अपनाया जाने लगा. तब से श्रमिक दिवस को पुरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाने लगा, इस दिन मजदूर वर्ग तरह तरह की रेलियां निकालते व् प्रदर्शन करते है.

मजदूर दिवस पर शायरी (Labour Day Shayari / SMS / Poem)

  • मैं मजदूर हूँ मजबूर नहीं यह कहने मैं मुझे शर्म नहींअपने पसीने की खाता हूँ मैं मिट्टी को सोना बनाता हूँ
  • हर कोई यहाँ मजदूर हैं चाहे पहने सूट बूट या मैलामेहनत करके कमाता हैंकोई सैकड़ा कोई  देहलाहर कोई मजदूर ही कहलाता हैंचाहे अनपढ़ या पढ़ा लिखा

जिसके कंधो पर बोझ बढ़ा वो भारत माँ का बेटा कौन

जिसने पसीने से भूमि को सींचा

वो भारत माँ का बेटा कौन

वह किसी का गुलाम नहीं

अपने दम पर जीता हैं

सफलता का एक कण ही सही

लेकिन हैं अनमोल जो मजदूर कहलाता हैं..




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