Saturday, April 27, 2024
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रक्षाबंधन कब, क्यों मनाया जाता है, कैसे मनाये, इतिहास, कहानियां | Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata hai in Hindi





रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-
हेलो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हु की रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता  है और ऐसे कैसे मानते है आज हम इस टॉपिक के बारे मैं जानेंगे  आज मैं आपको बताने जा रहा हु की रक्षाबंधन कब है और ऐसे कैसे  मनाते है रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-क्षाबंधन हिन्दुओ का महत्वपूर्ण है जो की भारत के अलग अलग राज्यों मैं मनाया जाता है तथा भारत के अलाबा वर्ल्ड में भी  जहा हिन्दू लोग रहते है बहा ये पर्ब भाई भहान के रूप मैं मनाया जाता है इस त्योर का आध्यात्मिक महत्ब के साथ साथ एक ऐतिहासिक महत्ब है

रक्षा बंधन का त्यौहार कब है 11 अगस्त 2022
दिन रविवार
राखी बांधने का शुभ मुहुर्त सुबह 6:15 बजे से रात 7:40 बजे तक
कुल अवधि 13 घंटे 25 मिनट

रक्षाबंधन कब मनाया जाता हैं?

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा की कब मनाया जाता है दोस्तों भाई बहन का त्योर प्रति बर्स मनाया जाता है जिसे भारतीयों के अनुशार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाते है जो की अंग्रेजी भाषा में ज्यादातर अंग्रजी पंचांग के अनुशार अगस्त में आता है यहाँ एक धार्मिक त्योर है जो की इसकी सभी जगह छुट्टी दी जाती है

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तों अब मैं आपको बताने जा रहा की रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन भइओ और बहन  के बीच में मनाया जाता है इस दिन सभी बहन अपने भाइयो को रक्षा सूत्र बांधती है और सभी भाई अपनी बहनो की रक्षा करने का बचन देते  है  तरह इस सभी बहन भाई भगवान् की पूजन करके उनका आसीर्बाद लेते है

रक्षाबंधन पर कहानी?

तो दोस्तों रक्षाबंधन सम्बंधित कुछ पौराणिक कथाये दी गई स कथाओ का बर्णन नीचे दिया गया है रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तों अब मैं आपको बताऊंगा की इंद्रदेव सम्बंधित मिथक भविष्य पुराण के अनुशार दैत्यों और देवताओ के मध्य युद्ध में इंद्र देव को एक राजा राजा बलि ने हरा दिया था इस समय इंद्रा की पत्नी ने भगवान् विष्णु  से मदद मांगी भगवान् विष्णु ने सचि धागे को सूती हाट में पहनने वाला बल्य बनाकर दिया इस बलए को भगवान् विष्णु पवित्र बलए कहा सचि ने इस धागे को इन्द्र के हात में बाढ़ दिया तथा इन्द्र की सुरक्षा की और सफलता  किओ प्राथना की   इसके बाद अगले युद्ध में इन्द्र बलि नामक असुर हरने में सफल हुए  और दोबारा अमरबती  पैर अधिकार कर लिया यह से पवित्र धागे का प्रचलन हुआ तथा इस युद्ध में और इस तरह ये त्यौहार भाई बहन के बीच ही मनाया जाता है





राजा बलि और माँ लक्ष्मी ?

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-भगवत पुराण और विष्णु पुराण के आधार पैर मनाया जाता है की जब भगवान विष्णु ने तीनो लोको पे अधिकार कर लिया था तो फिर बलि ने भगवान् विष्णु के महल में रहने आग्राह किया भगवान् विष्णु इस आग्राह को मान गए  हालाँकि भगवन विष्णु की पत्नी  लख्मी को भगवान् विष्णु और बलि की मित्रता अछि नहीं लग लग रही थी अतः भगवान् विष्णु के साथ के साथ बैकुंठ जाने का निश्च्य किआ  इसके बाद लक्समी ने राजा बलि को धागा बाँध कर भाई बना लिया इस पैर लक्ष्मीने मन चाहा बर मांगने के लिए कहा इस पर माँ लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा बह भगवान् विष्णु को इस बचन से मुक्त करे की भगवान् विष्णु उनके महल में  रहेंगे बलि ने ये बात मान ली और साथ ही लख्मी को अणि बहन के रूप में स्वीकार किआ।

संतोषी माँ सम्बंधित मिथक :

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तीओ अब में आपको बताऊंगा संतोसी माँ सम्बंधित मिथक भगवान् विष्णु  को दो पुत्र हुए सुबह और लाभ उनको दोनों भाइयो को बहन की कमी  बहुत खलती थी क्योकि बहन के बिना बो रक्षाबंधन नहीं बना सकते थे फिर बाद में इस दोनों बहियो ने भगवान् विष्णु से एक बहन की मांग की कुछ समय बाद नारद ने भी भगवान वगनेश को पुत्री के विषय में कहा तो इस बात से भगवान् गणेश भी राजी हुए और उन्होंने एक पुत्री की जमना की और गणेश की दोनों पत्नियों रिद्धि सिद्धि की दिव्या ज्योति से माँ संतोसी का अभीरवाभ  हुआ  और फिर इसके बाद शुभ लाभ संतोसी माँ के साथ रक्षाबंधन बना सके। संतोषी माता व्रत कथा एवं पूजा विधि यहाँ पढ़े।

कृष्ण और द्रौपदी सम्बंधित मिथक :

हां तो दोस्तों अब में आपको बताऊंगा की कृष्ण और द्रोपती संभंधित मिथक महाभारत के समाये द्रोपती ने कृष्ण के हात में राखी बाँधी थी  ऐसे युद्ध के दौरान कुंती ने भी अपने पुत्र अभिमन्यु के हात में राखी बाँधी थी।

यम और यमुना सम्बंधित मिथक

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-एक  अन्य पौराणिक कथा के अनुशार मृत्यु के देवता यम जब अपनी बहन से १२ बर्ष तक अपनी बहन से नहीं मिले इसी बात से यमुना दुखी हुई और इस इस बारे में अपनी  माँ से बात की और यमुना मनचाहा बर मांग सकती थी ऐसे बात पे यमुना ने बर माँगा की की यम भईया जल्द ही अपनी बहन से मिलने आये यम अपनी बहाना के प्रेम से गद गद  हो गई है  और यमुना को अमरत्व का बरदान  दिया तथा भाई बहन के इस  प्रेम को ही रक्षाबंधन के रूप में याद किआ जाता है।

रक्षाबंधन का इतिहास क्या हैं (Raksha bandhan History)

हां तो अब में आपको बताऊंगा की रक्षाबंधन का इतिहास क्या है विश्व इतिहास में भी रक्षाबंधन का महत्त्व रहा है रक्षाबंधन संभंधित कुछ महत्वपूर्ब  घटनाओ का बर्णन नीचे दिया गया है।

सिकंदर और राजा पुरु । 

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तों अब में आपको बताऊंगा की  एक महँ ऐतिहासिक घटना के  अनुशार  ३२६ एसबी पूर्ब में प्रवेश किआ सिकंदर की पत्नी रोषाणक ने पोरस को एक राखी भेजी तथा उनके सिकंदर  पैर जानलेबा हमका मना करने का बचन लिया परंपरा में अनुशार कैकयी के राजा पोरस ने युद्ध भूमि में जब अपनी कलाई पैर बंधी राखी देखि तो सिकंदर पैर  हमले नहीं किये।

 रानी कर्णावती और हुमायूँ;

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हां तो दोस्तों  अब मैं  आपको बताऊंगा की रानी कर्णबाति और हुमायुँ एक अन्य ऐतिहासिक गाथा के अनुशार रानी कर्णावती और हुमायी राजा के सम्बंधित थी सन १५३५ की जब इस आस पास की घटना  में  जब चित्तोड़ की रानी को यह लगने लगा की उनका साम्राज्य गुजरात के सुलतान पुर से नहीं बचाया  सकता है। उन्होंने हुमायु   जो की पहले चित्तोड़ का दुश्मन था। उसको एक राखी भेजी और एक बहन के नाते मदद मांगी हालाँकि इस बात से बड़े बड़े इत्तिफाक जब कुछ लोग हिन्दू मुश्लीम की एकता इस हिन्दू  वाली घटना से करते हैं





रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है-हेलो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हु की रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता  है और ऐसे कैसे मानते है आज हम इस टॉपिक के बारे मैं जानेंगे  आज मैं आपको बताने जा रहा हु की रक्षाबंधन कब है और ऐसे कैसे  मनाते हैरक्षाबंधन हिन्दुओ का महत्वपूर्ण है जो की भारत के अलग अलग राज्यों मैं मनाया जाता है तथा भारत के अलाबा वर्ल्ड में भी  जहा हिन्दू लोग रहते है बहा ये पर्ब भाई भहान के रूप मैं मनाया जाता है इस त्योर का आध्यात्मिक महत्ब के साथ साथ एक ऐतिहासिक महत्ब है

रक्षाबंधन पर कहानी?

तो दोस्तों रक्षाबंधन सम्बंधित कुछ पौराणिक कथाये दी गई स कथाओ का बर्णन नीचे दिया गया है

इंद्रदेव सम्बंधित मिथक :

हां तो दोस्तों अब मैं आपको बताऊंगा की इंद्रदेव सम्बंधित मिथक भविष्य पुराण के अनुशार दैत्यों और देवताओ के मध्य युद्ध में इंद्र देव को एक राजा राजा बलि ने हरा दिया था इस समय इंद्रा की पत्नी ने भगवान् विष्णु  से मदद मांगी भगवान् विष्णु ने सचि धागे को सूती हाट में पहनने वाला बल्य बनाकर दिया इस बलए को भगवान् विष्णु पवित्र बलए कहा सचि ने इस धागे को इन्द्र के हात में बाढ़ दिया तथा इन्द्र की सुरक्षा की और सफलता  किओ प्राथना की   इसके बाद अगले युद्ध में इन्द्र बलि नामक असुर हरने में सफल हुए  और दोबारा अमरबती  पैर अधिकार कर लिया यह से पवित्र धागे का प्रचलन हुआ तथा इस युद्ध में और इस तरह ये त्यौहार भाई बहन के बीच ही मनाया जाता है

 







 

 

2023 में रक्षाबंधन कब हैं शुभ मुहूर्त क्या हैं

रक्षा बंधन अपरान्ह मुहुर्त दोपहर 1:42 से 4:18 तक
रक्षा बंधन प्रदोष मुहुर्त शाम 8:08 से 10:18 रात्रि तक

 

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