Lathmaar Holi Kya Hai Aur Kyu Manayi Jaati Hai – नमस्कार दोस्तों कई बार लोगो ने लठमार होली के बारे में सुना होगा परन्तु उसके पीछे क्या रहस्य वह कोई नहीं जानता तो आज आपको इस टॉपिक से जुडी पूरी जानकारी पता चल जाएगी तो आईएर जानते है Lathmaar Holi Kya Hai Aur Kyu Manayi Jaati Hai
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लठमार होली क्या है?
द्वापर युग से चली आ रही है लट्ठमार होली की परंपरा – देशभर में हर साल लठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन खेली जाती है। इस दिन खासकर मधुरा में बड़ी धूम रहती है Lathmaar Holi Kya Hai Aur Kyu Manayi Jaati Hai
लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती ब्रज के बरसाना गाँव में होली एक अलग तरह से खेली जाती है
About Lathmaar Holi
लठमार होली (Lathmar Holi) को बरसाना और नंदगांव में मनाया जाता है। यह होली को शुरू करने से कुछ दिन पहले शुरू होता है। यह होली के दिन बरसाना के महिलाओं और नंदगांव के पुरुषों के बीच लठों से खेलने का रूप लेती है। इस तरह के होली के दिन महिलाएं पुरुषों से लठों से खेलती हैं। यह खेल स्थानों पर खेला जाता है जो कि बरसाना और नंदगांव में है। यह खेल करके महिलाओं को स्वतंत्रता के संदेश स्थान पर रखने के लिए संकेत दिया जाता है।
बरसाना मंदिर इतिहास
माना जाता है कि राधा रानी मंदिर से 5000 साल पहले राजा वज्रनाभ (कृष्ण के परपोते) द्वारा स्थापित किया गया था मथुरा शहर के बरसाना में एक राधा रानी का मंदिर है, जिसे बरसाना मंदिर के नाम से जानते है अष्टमी को राधा जी का जन्म हुआ था ऐसा कहा जाता है की कई सारे आध्यात्मिक स्थल और मंदिर बने हुए है और चार पहाड़ भी है , और चार पहाड़ को ब्रह्माजी के चार मुख कहते है।
लठमार होली के पीछे क्या कहानी है ?
लठमार होली के पीछे का कहानी कुछ तीर्थ स्थलों के संबोधन से संबंधित है, जैसे कि बरसाना और नंदगांव। कहा जाता है कि कृष्ण को राधा और उनके साथ खेलने का शौक था, इसीलिए वह बरसाना के पशुपक्षी और नंदगांव के गोपियों के साथ खेलते थे। लठमार होली के दिन, बरसाना के महिलाओं और नंदगांव के पुरुषों के बीच लठों से खेलने का रूप लेता है, जो कि कृष्ण के साथ राधा और उनके साथ खेलने की परंपरा को याद करता है। लठमार होली का खेल स्थानों पर खेला जाता है जो कि बरसाना और नंदगांव में है।