क्या आप अपने मोबाइल के ब्लूटूथ को लेकर बहुत सावधान हैं? यदि ऐसा है, तो आपके डिवाइस को हैक किया जा सकता है और हैकर्स द्वारा आपके कॉल विवरण तक पहुँचा जा सकता है। इस तरह के हमले को ब्लूबगिंग कहा जाता है। जानिए यह क्या है और इसकी देखभाल कैसे करें।
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Bluetooth इस्तेमाल करने में लापरवाही पड़ेगी भारी! कॉल पर हुई बातचीत भी सुन सकते हैं हैकर्स
अब सभी फोन में ब्लूटूथ होता है। ज्यादातर लोग इसे डिस्कवरी मोड में ही छोड़ देते हैं। इसका मतलब है कि कोई भी आपके डिवाइस के ब्लूटूथ को खोज सकता है।
ऐसे में हैकर्स की नजर भी इस फीचर पर है। इसके जरिए वे आपके डिवाइस के ढेर सारे डेटा को एक्सेस कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में यह प्राइवेसी और सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में अगर आप ब्लूटूथ को बार-बार ऑन रखते हैं और डिवाइस पेयरिंग के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इससे बचने के लिए आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि ब्लूबगिंग क्या है,
ताकि आपके डिवाइस का कंट्रोल हैकर के हाथ में रहे। हालाँकि, यह न केवल ब्लूबगिंग है, बल्कि हैकर्स ब्लूस्नार्फिंग और ब्लूजैकिंग का उपयोग करके उपयोगकर्ता डेटा भी प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम सबसे पहले ब्लूबगिंग के बारे में बात करते हैं और बताते हैं
कि इससे कैसे बचा जा सकता है। संबंधित जानकारी इस नंबर पर कॉल करें जब भी साइबरसामने। निजी सेल फ़ोन फ़ोटो और वीडियो निकालने के बारे में अधिक लोकप्रिय जानकारी देखें? ये गलतियां न करें, अगर आपके फोन में दिखे ये आइकन तो समझ लें आपका फोन हैक हो गया है! इससे बचें Bluetooth इस्तेमाल करने में लापरवाही पड़ेगी भारी! कॉल पर हुई बातचीत भी सुन सकते हैं हैकर्स
ब्लूबगिंग क्या है?
ब्लूबगिंग हमले बहुत खतरनाक होते हैं। ऐसे में हैकर्स व्यक्ति के डिवाइस को एक्सेस कर उसके कंटेंट को एक्सेस करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए ब्लूटूथ कनेक्शन की मदद ली जाती है। लॉगइन बदलकर यूजर का पासवर्ड और अन्य डिटेल्स चुराने की कोशिश की जाती है। इसके लिए हैकर्स पहले पीड़ित के डिवाइस का एक्सेस हासिल करते हैं
और मैलवेयर इंस्टॉल करते हैं। इस तरह वे भविष्य में डिवाइस सैंड तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इस कारण कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही है। इसके हमले इतने गंभीर होते हैं कि हैकर्स फोन पर बातचीत भी सुन सकते हैं। इसके अलावा पीड़िता के मैसेज को पढ़ा जा सकता है। ऐसे में यूजर को पता नहीं चलता कि उस पर ब्लूबगिंग है।
क्योंकि यह हैकर ब्लूटूथ के माध्यम से हमले करने में सक्षम होना चाहिए। यह आमतौर पर सार्वजनिक रूप से होता है। इस हमले की अपनी सीमाएँ हैं, लेकिन फिर भी उपयोगकर्ता को बहुत नुकसान पहुँचाया जा सकता है। हैकर आपको टारगेट कर सकते हैं. अगर पेयर्ड डिवाइस खो गया है तो उसे फोन के पेयर लिस्ट से भी जरूर रिमूव कर दें. Bluetooth इस्तेमाल करने में लापरवाही पड़ेगी भारी! कॉल पर हुई बातचीत भी सुन सकते हैं हैकर्स
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