Saturday, May 4, 2024
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सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध – Why is Goodwill Day celebrated?

सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है महत्व निबंध भाषण स्पीच ( Sadbhavana Diwas Importance, Celebration, Pledge  2023 In Hindi)




सद्भावना दिवस पर निबंध- Essay On Sadbhavana Diwas

सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है – सद्भावना एक महत्वपूर्ण भावना है जो मानवता के आदर्श मूल्यों में से एक है। सद्भावना का अर्थ होता है सभी के प्रति समर्पण और स्नेह की भावना। हमारे समाज में एक-दूसरे के प्रति समर्पित और सहानुभूति भावना की आवश्यकता है, जो हमें एक बेहतर और सद्गुण से भरपूर समाज की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है। सद्भावना दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है और यह एक ऐसा मौका होता है जब हम सभी मिलकर सद्भावना की महत्वपूर्णता को समझते हैं और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेते हैं।

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सद्भावना दिवस में कब है?- Sadbhavana Diwas Date

दिन का नाम Sadbhavna Diwas 2023
के रूप में भी जाना जाता है सद्भाव दिवस
तारीख 20th August 2023
दिन Sunday
अवसर राजीव गांधी की जयंती
उद्देश्य विश्व में शांति को बढ़ावा देना
साल में पहली बार मनाया गया 1992

सद्भावना का महत्व- Importance Of Sadbhavana Diwas

सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध – Why is Goodwill Day celebrated?- सद्भावना का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह हमारे समाज में एकता, शांति और सहमति की भावना को बढ़ावा देता है। जब हम दूसरों के प्रति सहानुभूति और समर्पण की भावना रखते हैं, तो हम समाज में भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। सद्भावना से ही समाज में विभिन्न जातियों, धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों के बीच एकता और समरसता की भावना बढ़ती है।

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सद्भावना और समाज- Sadbhavana And Society

समाज में सद्भावना की भावना होने से लोग एक-दूसरे के विचारों और विचारधाराओं का सम्मान करते हैं। यह विविधता को समृद्धि में बदलने में मदद करता है और समाज को उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। सद्भावना से ही समाज में विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकता है और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार सही दिशा में प्रगति करने का मार्ग प्राप्त हो सकता है।

सद्भावना की महत्वपूर्ण भूमिका- Important Role Of Sadbhavana Diwas

सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है –  सद्भावना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने समाज में सद्भावना की महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। हमें दूसरों के विचारों का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ उनके समस्याओं का सहयोग करना चाहिए। सद्भावना से ही हम समाज में विकास और प्रगति की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं और एक सशक्त और समृद्ध समाज की नींव रख सकते हैं।

सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा – Sadbhavana Diwas Pledge

हम सद्भावना दिवस के अवसर पर यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम एक उत्कृष्ट और सद्गुण से भरपूर समाज की दिशा में आगे बढ़ने के लिए समर्पित रहेंगे। हम आपसी समर्थन, सहयोग और सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देंगे और विभिन्न जातियों, धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों के बीच सद्भावना और समरसता की भावना को प्रमोट करेंगे। हम समाज में एकता और शांति को बनाए रखने के लिए अपने अद्भुत मानवीयता को प्रकट करने का संकल्प लेते हैं।

हम विभिन्न समस्याओं का समाधान ढूंढने में सहयोग करेंगे और समाज को उन्नति, प्रगति और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने के लिए एकजुट होंगे। हम यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान करेंगे और उनके साथ उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने में सहायक बनेंगे। हम सद्भावना और सहमति के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का प्रतिबद्ध रहेंगे और इसे हमारे आसपास के लोगों के साथ बाँटने का प्रयास करेंगे। सद्भावना दिवस पर हम यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम समाज में विभिन्नताओं को स्वीकार करेंगे और एक खुले मन और दिल से बातचीत की भावना रखेंगे। हम समाज में सामाजिक न्याय, समरसता और इंसानियत के मूल मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार -Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार विजेता योगदान वर्ष
Jagan Nath Kaul एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज ऑफ इंडिया के संस्थापक 1995
Lata Mangeshkar पार्श्वगायक 1996
Sunil Dutt अभिनेता और राजनीतिज्ञ 1998
Kapila Vatsyayan इतिहास एवं कला विद्वान 2000
S. N. Subba Rao राष्ट्रीय युवा परियोजना के संस्थापक 2003
Swami Agnivesh आर्य सभा के संस्थापक ने बंधुआ मजदूरी के विरुद्ध कार्य किया 2004
Nirmala Deshpande सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाओं और आदिवासियों के उत्थान के लिए काम किया 2006
Hem Dutta साम्प्रदायिक सद्भाव कार्यकर्ता 2007
N Radhakrishnan सामाजिक कार्यकर्ता और प्रोफेसर 2008
Gautam Bhai पौनार आश्रम के सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता 2009
Wahiduddin Khan शांति कार्यकर्ता और इस्लामी विद्वान 2010
Spic Macay युवाओं के बीच शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा दिया 2011
D. R. Mehta फाउंडर ऑफ़ भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति, जैपुर एंड ऑफर्स फ्री लिम्बस फॉर थे हैंडीकैप 2012
Amjad Ali Khan संगीतकार 2013
Muzaffar Ali फ़िल्म निर्माता 2014
Shubha Mudgal गायक 2016
Mohammad Azharuddin

M.Gopala Krishna

पूर्व क्रिकेटर

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी

2017
Gopalkrishna Gandhi सांप्रदायिक सद्भावना , सद्भावना और शांति 2018

सद्भावना दिवस पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र.1. सद्भावना दिवस का शाब्दिक अर्थ क्या है?

अंग्रेजी में, “सद्भावना दिवस” ​​का अर्थ है “सद्भावना का दिन।” सद्भावना दिवस का मुख्य विषय विभिन्न मान्यताओं और संस्कृतियों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देना है।

प्र.2. सद्भावना दिवस के तहत राजीव गांधी के परिवार की पृष्ठभूमि क्या है?

राजीव गांधी देश के इतिहास में सबसे कम उम्र (केवल 40 वर्ष) के प्रधानमंत्री थे। वह भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बेटे और भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पोते थे, राजीव गांधी के परिवार की पृष्ठभूमि में सद्भावना दिवस के तहत।

प्र.3. सद्भावना दिवस राजीव गांधी की स्मृति में क्यों मनाया जाता है?

राजीव गांधी अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी ने भारतीय समुदाय में सद्भाव, राष्ट्रीय अखंडता और शांति को बढ़ावा देने की मांग की और उन्हें दुनिया के अन्य हिस्सों में सद्भावना राजदूत माना जाता था। उनकी सोच बचपन से ही आधुनिक रही है, और उन्होंने विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के माध्यम से विकसित देशों की अवधारणा को आगे बढ़ाया; यही कारण है कि सद्भावना दिवस राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है।




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