साक्षी मलिक जीवन परिचय , कॉमन वेल्थ गेम,आयु, वजन, हाइट, शिक्षा, गोल्ड मेडल, रेसलिंग केटेगरी[Sakshi Malik Biography In Hindi] (common wealth game 2022, gold medal, age, coach, caste, family, education, career, height, weight, wrestling career, wrestling category)
साक्षी मलिक जीवन परिचय – साक्षी मलिक एक भारतीय महिला पहलवान है । इन्होंने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में कांस्य पदक हासिल क्या था भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली वे एक मात्रे इसी महिला पहलवान हैं जिसने पहेली बार भारत में ओलम्पिक जीत्या हो । इससे पहले इन्होंने ग्लासगो में आयोजित २०१४ के राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत पदक हासिल क्या था २०१४ के विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में भी इन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया।साक्षी के पिता श्री सुखबीर मलिक जाट डीटीसी में बस कंडक्टर रहे चुके है उनकी माता श्रीमती सुदेश मलिक एक आँगनवाड़ी में काम करती है
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साक्षी मलिक जीवन परिचय | Sakshi Malik Biography in Hindi
नाम | साक्षी मलिक |
जन्म | 3 सितंबर 1992 |
जन्म स्थान | रोहतक, हरियाणा |
आयु | 25 साल |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
साक्षी मालिक का जन्म, परिवार Sakshi Malik Birth, Family
पिता का नाम | सुखबीर |
माता का नाम | सुदेश |
बहन का नाम | पता नहीं |
भाई का नाम | सचिन मलिक |
शौक | यात्रा करना, योग करना |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | 2 अप्रैल 2017 |
पति का नाम | सत्यवर्त कादियन |
व्यवसाय | फ्रीस्टाइल पहलवान |
साक्षी मालिक की शिक्षा (Sakshi Malik Education)
रोहतक के पास मोखरा गांव के एक परिवार में जन्मीं साक्षी ने बचपन में कबड्डी और क्रिकेट खेलती लेकिन कुश्ती उनका पसंदीदा खेल था उनके माता-पिता या उनको भी उस समय इल्म नहीं रहा होगा कि एक दिन वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनेगी। साक्षी ने पदक जीतने के बाद कहा, मुझे नहीं पता था कि ओलंपिक क्या चीज है
मैं इसलिए खिलाड़ी बनना चाहती थी ताकि हवाई जहाज में बैठ सकूं यदि आप भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं तो हवाई जहाज में यात्रा कर पते है उनके बड़े भाई का नाम चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा था। उनसे दो साल बड़ा सचिन उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए कहत उकसाता लेकिन उनका जवाब हमेसा ना ही होता। वे हवा में उड़ते हवाई जहाज ही देखती हमेसा।
साक्षी मलिक जीवन परिचय –साक्षी ने बुला , मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया। जब मैं ने कांस्य पदक जीतने के बाद उनसे बात की तो वे खुशी के मारे रोने लगे। मैंने कहा कि यह जश्न मनाने का समय है। जीत के बाद साक्षी ने तिरंगा लपेटा और उसके कोच कुलदीप मलिक ने उसे उठा लिया। दोनों ने पूरे हाल का चक्कर लगाया और दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था ।
अभ्यास :
साक्षी मलिक प्रतिदिन 6 से 7 घंटे अभ्यास करती हैं।थी थॉरिटी ऑफ़ इंडिया) होस्टल में रहती थी उन्हें वज़न नियंत्रित करने के लिए बेहद कड़ा डाइट चार्ट फॉलो करना होता था कड़े अभ्यास के बावजूद वे पढ़ाई में अच्छे मार्क्स ला चुकी हैं। कुश्ती की वजह से उनके कमरे में स्वर्ण, रजत व काँस्य पदकों का ढेर लगा हुआ था
दादा से ली प्रेरणा :
साक्षी के दादा बदलूराम इलाके के मशहूर पहलवान थे। आसपास के इलाके में उनका बड़ा रुतबा हुआ करता था । उनके घर पर जो भी आता, वह ऐहतराम के साथ ‘पहलवान जी, नमस्ते’ कह कर उनका अभिवादन करता। यह सुनकर नन्ही साक्षी आनंद से भर जाती। धीरे-धीरे उसके मन में यह बात बैठ गयी कि अगर वह भी अपने दादा की तरह पहलवान बन सके तो लोग उसको भी इसी तरह से मान-सम्मान मिलेगा
सात साल तक दादा के पास रहने के बाद साक्षी अपनी मां के पास लौट आई लेकिन तब तक वह पहलवान बनने का दृढ निश्चय कर चुकी थी। मां ने जब उसकी इच्छा सुनी, तो वह चौंक गई । उसके पिता और दादा ने भी साक्षी का विरोध किया, क्योंकि उन्हें डर था कि कुश्ती के चक्कर में कहीं उसके हाथ-पैर न टूट जाएं। सभी लोगों ने साक्षी को बहुत समझाया, पर साक्षी टस से मस नहीं हुई। और अंतत: साक्षी के घर वाले उसे कुश्ती की ट्रेनिंग देने के लिए राजी थे
२०१६ ओलम्पिक :
साक्षी मलिक जीवन परिचय –२०१६ ओलम्पिक में साक्षी ने रेपचेज़ प्रणाली के तहत काँस्य पदक हासिल किया। इस मुकाबले में वे एक समय में ५-० से पीछे चल रहीं थी किंतु शानदार वापसी करते हुए अंत में ७-५ से मुकाबला अपने नाम कर लिया। आखरी कुछ सेकंड में जो दो विजयी अंक उन्होंने जीते उसे प्रतिद्वंद्वी पक्ष द्वारा चैलेंज किया गया, लेकिन निर्णायकों ने अपना फैसला बरकरार रखा और असफल चैलेंज का एक और अंक साक्षी के खाते में जुड़ा जिसे अंतिम स्कोर ८-५ हो गया।
२०१६ के ओलंपिक में भारत का यह पहला पदक था। वह जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स एक्सीलेंस प्रोग्राम का एक हिस्सा है, साथ में साथी महिला पहलवानों विनेश फाोगट, बबिता कुमारी और गीता फाोगट के साथ। मलिक ने पहले ग्लासगो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक और दोहा में 2015 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पद में जित हासिल दिलीय थी
पुरस्कार और मान्यता :
- पद्म श्री (2017) – भारत का चौथा उच्चतम राष्ट्रीय सम्मान।
- राजीव गांधी खेल रत्न (2016) – भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान।
- भारतीय रेलवे, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन, मंत्रालय से 5.7% से अधिक की कुल नकद पुरस्कार राशि (यूएस $ 890,000), मंत्रालय युवा मामलों और खेल, दिल्ली सरकार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य सरकारों, जेएसडब्ल्यू समूह और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल सहित राजनीतिक समूहों से निजी निकायों से।
- अपने नियोक्ता, भारतीय रेलवे द्वारा राजपत्रित अधिकारी रैंक में पदोन्नति।
- हरियाणा सरकार की कक्षा 2 नौकरी की पेशकश।
- हरियाणा सरकार से 500 yd2 भूमि अनुदान।
उपलब्धियाँ :
- स्वर्ण पदक – 2011 – जूनियर नेशनल, जम्मू।
- काँस्य पदक – 2011 – जूनियर एशियन, जकार्ता।
- रजत पदक -2011 – सीनियर नेशनल, गोंडा।
- स्वर्ण पदक – 2011 – ऑल इंडिया विवि, सिरसा।
- स्वर्ण पदक – 2012 – जूनियर नेशनल, देवघर।
- स्वर्ण पदक -2012 – जूनि. एशियन, कजाकिस्तान।
- काँस्य पदक – 2012 – सीनियर नेशनल, गोंडा।
- स्वर्ण पदक – 2012 – ऑल इंडिया विवि अमरावती।
- स्वर्ण पदक – 2013 – सीनियर नेशनल, कोलकाता।
- स्वर्ण पदक – 2014 – ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी, मेरठ।
साक्षी मलिक Photos
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