Titan पनडुब्बी, डूबते ही इतने लोगों की गई जान और करोड़ों स्वाहा, टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए निकलने के बाद अचानक लापता होने वाली टाइटन पनडुब्बी में सवार लोगों में OceanGate के सीईओ स्टॉकटन रश, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग और पाकिस्तानी टाइकून शहजादा दाऊद का नाम भी शामिल हैं. इन सभी की जान चली गई है. ओशनगेट एक्सपेडिशंस के टाइटैनिक सर्वे एक्सपेडिशन पर कंपनी ने पहले कहा था कि टूरिस्ट अधिकतम 12,800 फीट की गहराई तक जा सकते हैं.
Quick Links
2009 में स्थापित की गई थी OcenGate
अमेरिका के वॉशिंगटन हेडक्वार्टर वाली OcenGate कंपनी है, लोगों को अपनी टाइटन पनडुब्बी में बैठाकर टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने के लिए लेकर जाती है. इस कंपनी की स्थापनी साल 2009 में अमेरिकी एडवेंचर और पूर्व निवेशक बैंकर स्टॉकटन रश द्वारा की गई थी. ओशनगेट अभियानों का उद्देश्य टाइटैनिक के मलबे का पता लगाना है.
14 अप्रैल 1912 को डूबा था टाइटैनिक
हम सभी ने टाइटैनिक जहाज का नाम सुना है. अपने दौर के सबसे बड़े और पॉपुलर जहाज टाइटैनिक की लम्बाई करीब 269.1 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर के आसपास थी. 14 अप्रैल, 1912 में रात के समय टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर नॉर्थ अटलांटिक ओसियन में डूब गया था. इसके मलबे को 1985 में ढूंढ़ा गया था. गौरतलब है कि Titanic का मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से लगभग 370 मील दक्षिण में 12,500 फीट की गहराई पर है.
क्या है कैटास्ट्रॉफिक इम्प्लोजन?
कैटास्ट्रॉफिक इम्प्लोजन शब्द का इस्तेमाल उस स्थिति के लिए किया जाता है जब पनडुब्बी के अंदरूनी हिस्से में इस कदर दबाव बनता है कि वो बुरी तरह डैमेज हो जाता है या फिर काम करना बंद कर देता है. HT की रिपोर्ट के मुताबिक, जब एक सीमित जगह में दबाव जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है और उसे संभाल पाना उस हिस्से के लिए मुश्किल हो जाता है तो ऐसे ही हालात बनते हैं. यही अंदरूनी विस्फोट की वजह हो सकता है.
4 दिनों तक चली थी इस पनडुब्बी की खोज
कहा जा रहा है कि ये पांचों अरबपति जिस टाइटन पनडुब्बी में सवार थे उसकी क्षमता 4 हजार मीटर तक की थी, जबकि इस टाइटन पनडुब्बी पर दबाव इससे ज्यादा था. टाइटन पनडुब्बी की कंपनी का कहना है कि जब इन लोगों से संपर्क टूटा तो तुरंत सर्च अभियान चलाया गया. अमेरिका और कनाडा की नौसेना लगाई गई लेकिन 4 दिनों तक कुछ पता नहीं चला. वहीं कंपनी का दावा था कि टाइटन पनडुब्बी में संपर्क टूटने के बाद से 96 घंटे का ऑक्सीजन था. हालांकि, ये कितना सच है वो जांच के बाद ही पता चलेगा.