इस्लाम में क्या है ‘खुला’ सोनिया ने लिया शोएब से खुला लेने का फैसला- सोनिया ने शोएब से खुला लेने का फैसला किया, जिससे उनकी शादी का अंत हो गया। खुला एक इस्लामी कानून है जो एक पत्नी को अपने पति से अलग होने की अनुमति देता है। इसके लिए पत्नी को अपने पति से कुछ शर्तों पर सहमति लेनी होती है, जैसे कि उसे कुछ धनराशि देना या कुछ अधिकारों का त्याग करना।
सोनिया ने खुला लेने का फैसला क्यों किया, इसकी सटीक वजह अभी भी साफ नहीं है। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि यह फैसला उनके और शोएब के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण लिया गया था। दोनों के बीच व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच तालमेल बैठाने में परेशानी हो रही थी। इसके अलावा, शोएब की दूसरी पत्नी सना जावेद के साथ उनके संबंधों ने भी सोनिया को परेशान किया था।
इस्लाम में क्या है ‘खुला’ सोनिया ने लिया शोएब से खुला लेने का फैसला
सोनिया और शोएब की शादी 2010 में हुई थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और एक भारतीय टेनिस स्टार के बीच हुई शादी के रूप में काफी चर्चा में रही थी। दोनों ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चल सकी।
सोनिया के खुला लेने के फैसले से भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया में काफी हलचल हुई। दोनों देशों के लोगों ने इस फैसले को अलग-अलग रूपों में देखा। कुछ लोगों ने इसे सोनिया की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में देखा, जबकि कुछ ने इसे शोएब के लिए एक बड़ा झटका माना।
सोनिया और शोएब के अलग होने के बाद, दोनों ने अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। सोनिया ने अपने टेनिस करियर पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है, जबकि शोएब ने सना जावेद से शादी की है।
क्या होता है खुला?
खुला (Khula) इस्लाम धर्म में तलाक की एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से महिला तलाक ले सकती है। पारंपरिक फ़िक़्ह के आधार पर और कुरआन और हदीस में संदर्भित ख़ुला महिला को तलाक लेने की अनुमति देता है। तलाक और खुला में कुछ अंतर होता है।
खुला की प्रक्रिया में, पत्नी अपने पति से तलाक की मांग करती है और इसके बदले में उसे कुछ संपत्ति या धन देती है। यह संपत्ति या धन किसी भी प्रकार की हो सकती है, जैसे कि मेहर, अन्य संपत्ति, या धन। पति को इस संपत्ति को स्वीकार करने के लिए सहमत होना चाहिए।
खुला के लिए पत्नी और पति दोनों की सहमति आवश्यक है। अगर पति सहमत नहीं होता है, तो पत्नी अदालत में जा सकती है। अदालत मामले की सुनवाई कर सकती है और खुला को मंजूरी दे सकती है।