सुरेंदर कुमार जीवन परिचयहेलो दोस्तों मैं अंजलि आज आप को सुरेंदर कुमार जी के बारे में बताऊँगी सुरेंदर कुमार जी एक हॉकी प्लेयर है किसान के घर पैदा हुए इस डिफेंडर का हॉकी सफर स्कूल में हुआ था शुरू, 6 साल में टीम इंडिया में बना ली थी जगह
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सुरेंदर कुमार जीवन परिचय surender kumar biography in hindi
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-रेंद्र कुमा भारतीय टीम के फुलबैक (डिफेंडर) हैं. वह भारत के लिए 133 मैच खेल चुके हैं जिसमें उनके नाम चार गोल भी हैं
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) की सबसे मजबूत कड़ी उसके डिफेंस को माना जाता है. टीम के डिफेंस का अहम हिस्सा हैं फुलबैक खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार. एक छोटे से किसान मल्खान सिंह के घर पैदा हुए सुरेंद्र कुमार ने अपनी मेहनत और लगन से पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और टीम इंडिया में जगह पक्की की
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र कुमार का जन्म हरियाणा के करनाल जिले के बराना गांव में हुआ था. उनका पिता किसान हैं और मां हाउसवाइफ थी. तीन भाइयों में सुरेंद्र सबसे बड़े थे. वह शुरुआत से ही शांत और शर्मीले स्वभाव के थे जिसका असर उनके खेल पर भी देखने को मिलता हैं. मैदान पर कभी ज्यादा आक्रमक नहीं दिखते. बेहतर शिक्षा के लिए सुरेंद्र कुमार करनाल से कुरुक्षेत्र आ गए थे और यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई.
स्कूल में पहली बार खेलना शुरू किया हॉकी
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-भारतीय टीम में अधिकतर खिलाड़ी ऐसे हैं जिनको यह खेल विरासत में मिला. हालांकि सुरेंद्र के साथ ऐसा नहीं था. उनके परिवार क्या गांव में भी किसी का हॉकी से कोई लेना-देना नहीं था. उनका हॉकी का सफर शुरू हुआ जब वह कुरुक्षेत्र के रॉयल आर्यन पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे थे. यहां पर उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे क्लास से ज्यादा मैदान पर समय बिताने लगे. कुरुक्षेत्र के द्रोणाचार्य स्टेडियम से साथ लगती कालोनी में रहकर 2004 में ‘साई’ के हॉकी कोच गुरविंद्र सिंह का दामन थामा. वह आज तक अपनी सफलता का सारा श्रेय उन्हीं को देते हैं.
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-2010 में सुरेंद्र ने राई स्कूल में आयोजित अंडर-19 वर्ग की प्रतियोगिता में पहली बार खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता जीतने में भी अहम भूमिका निभाई. इसी प्रदर्शन के बल पर सुरेंद्र का 2011 में जूनियर नेशनल गेम्स के लिए हरियाणा की टीम में चयन हुआ. पुणे में हुई इस चैंपियनशिप में सुरेंद्र ने शानदार प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता जीतकर हरियाणा ने पिछले 50 साल के रिकार्ड को तोड़ने में सफलता हासिल की. इसके बाद उनका चयन नेशनल कैंप में हुआ.
2016 में टीम इंडिया में किया डेब्यू
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र कुमार ने जूनियर नेशनल टीम में साल 2012 में डेब्यू किया था. जुनियर टीम के साथ एशिया कप, सुल्तान जौहर कप और जूनियर वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया. साल 2015 में हॉकी इंडिया लीग में उन्हें दिल्ली वैवराइडर ने खरीदा था. एचआईएल और जूनियर टीम के साथ शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें साल 2016 में सीनियर टीम की तरफ से सुल्तान अजलान शाह कप में हिस्सा लेने का मौका मिला. इस टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से उन्होंने सभी को प्रभावित किया लेकिन इसके बावजूद वह रियो ओलिंपिक में जगह नहीं बना पाए थे. सुरेंद्र उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी पॉजिशन में कभी बदलाव नहीं किया था. वह हमेशा से ही फुल बैक में खेले थे. वह टीम प्लेयर हैं और जरूरत के खेल में बदलाव कर सकते हैं. वह हिटिंग के लिए जाने जाते हैं.
करियर
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र का द्रोणाचार्य स्टेडियम से शुरू हुआ करियर
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र ने वर्ष 2004 में कुरुक्षेत्र के द्रोणाचार्य स्टेडियम से अपने करियर की शुरुआत की थी। वर्ष 2011 में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुई जूनियर नेशनल हॉकी चैम्पियनशिप में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने शानदार प्रदर्शन किया था। टीम ने जीत दर्ज कर 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। इसके बाद सुरेंद्र का चयन भारतीय हॉकी शिविर के लिए हुआ था।
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पुरुष हॉकी टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। इंडिया टीम में कुरूक्षेत्र के हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार भी शामिल रहे। मूल रूप से करनाल के बराना गांव निवासी सुरेंद्र पालड़ वर्तमान में कुरुक्षेत्र में रह रहे हैं। इंडिया हॉकी टीम ने सिल्वर मेडल हासिल किया।
घर में खुशी का माहौल
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र के घर खुशी का माहौल है। परिवार को थोड़ा दुख है कि टीम को गोल्ड जीत पाने में कामयाब नहीं हुई, लेकिन सिल्वर मेडल लेकर आना भी एक बड़ी उपलब्धि है। घर पर मिठाई खिलाकर खुशी मनाई जा रही है और परिवार का कहना है कि जब सुरेंद्र वापस भारत आएंगे उनका स्वागत पूरे हर्षोल्लास से किया जाएगा।
पत्नी से किया वादा निभाया
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र की पत्नी गरिमा का कहना है कि टीम का यहां तक पहुंचना एक अच्छी उपलब्धि है। पूरी टीम ने मेहनत की और सिल्वर जीतने में हम कामयाब हुए। जब सुरेंद्र घर से गए थे तब उन्होंने वादा किया था की वह मेडल लेकर ही वापस लौटेंगे और उन्होंने अपना वादा पूरा किया। यह मेडल पूरे भारत का मेडल है ।
पूरे देश का किया नाम रोशन
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र की माता नीलम देवी खुश है कि उनका बेटा इस टीम का हिस्सा है। वह कहती हैं कि जब सुरेंद्र ने हॉकी खेलना शुरू किया था तब लोग बोलते थे की इन्हें खिलाकर क्या करोगे, लेकिन आज सुरेंद्र की उपलब्धि ने पूरे परिवार का नाम ही नही देश का नाम रोशन किया है। पूरी टीम ने दिल से मैच को खेला लेकिन शायद आज उनका दिल नहीं था।
बचपन का किया जिक्र
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-सुरेंद्र के पिता मलखान सिंह सुरेंद्र के बचपन का जिक्र करते हुए कहा कि जब सुरेंद्र ने हॉकी खेलना शुरू किया था तब हमने सुरेंद्र को हॉकी स्टिक दिलाने से भी मना कर दिया। मेरे एक मित्र ने सुरेंद्र को हॉकी स्टिक दिलाई थी। आज उन्हें बेटे पर गर्व है कि ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल तो कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल लाने वाली टीम का हिस्सा है।
सुरेंदर कुमार जीवन परिचय-उन्होंने कहा कि उनका परिवार एक साधारण परिवार है। मैं भी एक छोटा सा किसान था, लेकिन आज सुरेंद्र के कारण हमारे पास सभी सुख सुविधाएं हैं। मलखान ने कहा कि वह सभी को ऐसा बेटा मिलने की प्रार्थना करते हैं। पिता ने कहा कि जब सुरेंद्र घर वापस आएंगे तब पूरे जोर-शोर से उनका स्वागत किया जाएगा। इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है।
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