रमेश जुनेजा जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मैं अंजलि आज आप को रमेश जुनेजा जी के बारे बताऊँगी पूर्व फार्मा सेल्समैन रमेश जुनेजा ने 1995 में अपने छोटे भाई राजीव के साथ निजी तौर पर संचालित मैनकाइंड फार्मा की स्थापना की।
कंपनी एक कम लागत वाली जेनेरिक चैंपियन है जो अपने 1 बिलियन डॉलर के राजस्व का अधिकांश हिस्सा भारत में उत्पन्न करती है।
निजी इक्विटी फर्म कैपिटल इंटरनेशनल और क्रिस्कैपिटल मैनकाइंड में प्रमुख निवेशक हैं।
जुनेजा के यूके में शिक्षित बेटे अर्जुन अंतरराष्ट्रीय परिचालन के प्रमुख हैं।
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रमेश जुनेजा जीवन परिचय | Ramesh Juneja Biography in Hindi
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-कंपनी कंडोम और गर्भावस्था परीक्षण किट के लोकप्रिय ब्रांड भी बनाती है।
फोर्ब्स सूचियाँ
भारत के सबसे अमीर (2022)
अरबपति (2018) 2019 में हटा दिया गया
व्यक्तिगत आँकड़े
आयु 68
धन के स्रोत
फार्मास्यूटिकल्स, स्वयं निर्मित
निवास स्थान दिल्ली, भारत
सिटिज़नशिप भारत
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पेशे से MR था यह शख्स, बस से जाकर दवाएं बेचीं; आज है 60000 करोड़ की कंपनी का मालिक
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-डॉक्टरों से मिलने के लिए उन्हें कई बार घंटों इंतजार करना पड़ता था. इस पेशे में वह कड़ी मेहनत करके धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे. 1975 तक (लगभग एक साल) नी फार्मा कंपनी में काम करने के बाद रमेश ने 1975 में लुपिन फॉर्मा में आठ साल तक नौकरी की
कठिन परिश्रम वह चाबी है, जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है.’ सच्ची लगन, धैर्य और मेहनत के दम पर जिंदगी में सफलता पाना संभव है. ऐसा ही एक उदाहरण है मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) के मालिक रमेश जुनेजा (Ramesh Juneja) की. मेरठ के रहने वाले मैनकाइंड फार्मा के मालिक रमेश जुनेजा की शुरुआती जिंदगी आसान नहीं थी. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर हजारों करोड़ की कंपनी का कारोबार शुरू किया. आज इस कंपनी की दवाएं देश और विदेश में बिक रही हैं.
1974 में शुरू की मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की नौकरी.
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-रमेश जुनेजा ने स्नातक करने के बाद 1974 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) की नौकरी शुरू की. अपने करियर की शुरुआत में जुनेजा मेरठ से पुरकाजी यूपी रोडवेज की बस से डॉक्टरों से मिलने के लिए जाते थे. डॉक्टरों से मिलने के लिए उन्हें कई बार घंटों इंतजार करना पड़ता था. इस पेशे में वह कड़ी मेहनत करके धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे. 1975 तक (लगभग एक साल) नी फार्मा कंपनी में काम करने के बाद रमेश ने 1975 में लुपिन फॉर्मा में आठ साल तक नौकरी की.
50 लाख रुपये से शुरू की मैनकाइंड
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-यहां आठ साल तक काम करने के बाद उन्होंने एक पार्टनर के साथ बेस्टोकेम नामक कंपनी की शुरुआत की. 1994 में बेस्टोकेम से रिश्ता तोड़कर उन्होंने 1995 में छोटे भाई राजीव जुनेजा के साथ 50 लाख रुपये का इनवेस्टमेंट करके मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) की शुरुआत की. इसी साल मैनकाइंड फार्मा चार करोड़ रुपये की कंपनी बन गई.
सस्ती दवाओं का विचार
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-मीडिया रिपोटर के अनुसार एक मेडिकल स्टोर पर खड़े हुए उन्होंने वाकया देखा की एक व्यक्ति दवा लेने आया और उसके पास पैसे नहीं थे. वह दवा लेने के बदले चांदी के गहने देने लगा. इसके बाद रमेश जुनेजा ने दवा की क्वालिटी के साथ कीमत कम रखने पर विचार किया. इसी विचार के साथ उन्होंने मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत की. कंपनी की शुरुआत करने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह अपने बिजनेस प्लान में लगातार नई चीजें शामिल करते रहे
फोर्ब्स की रिचेस्ट इंडियन की लिस्ट में शामिल
रमेश जुनेजा जीवन परिचय-रमेश जुनेजा को हाल ही में फोर्ब्स की रिचेस्ट इंडियन की लिस्ट में शामिल किया गया है. उनकी कंपनी ने कंडोम और कॉन्ट्रासेप्टिव प्रोडक्ट को दुनिया के बीच तेजी से पहुंचाया. 2007 में टीवी पर मैनकाइंड के कंडोम के विज्ञापन शुरू हुए. उसके बाद लोगों की जुबान पर मेनफोर्स ब्रांड चढ़ गया. इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण बाजार पर फोकस करते हुए सस्ती दवाएं बाजार में सप्लाई की. इसके साथ सेल्स प्रमोशन पर खर्च करके उनकी कंपनी ने तेजी से ग्रोथ दर्ज की. आज उनकी कंपनी चुनिंदा दवा कंपनियों में से एक है
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