भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों के बारे में बताने जा रहा हु। त्यौहार हर एक देश में मनाये जाते हैं, लेकिन भारत देश में त्यौहारों का अपना ही अलग अंदाज हैं. पारिवारिक प्रेम, आपसी भाई चारा एवम सामाजिक व्यवस्था आदि ही त्यौहारों के मुख्य बिंदु हैं. हिन्दू संस्कृति में हर एक दिन की अपनी एक विशेषता होती हैं, जिससे जुड़ी मान्यताओ के आधार पर सांस्कृतिक त्यौहार मनाये जाते हैं. हिंदी पंचांग की व्यवस्था सामाजिक परिपेक्ष से नही बल्कि प्राकृतिक परिपेक्ष के आधार पर की गई हैं. ऋतुओ के बदलने के साथ-साथ त्यौहारों का आगमन होता हैं और वातावरण के अनुकूल ही उस त्यौहार के नियम होते हैं
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भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों | Indian Festival 2023, 2024 Dates In Hindi
त्यौहार का नाम | 2023 | 2024 |
दिवाली | 12 नवम्बर | 1 नवम्बर |
दशहरा | 24 अक्टूबर | 12 अक्टूबर |
होली | 8 मार्च | 25 मार्च |
जन्माष्टमी | 6 सितंबर | 26 अगस्त |
गणेश चतुर्थी | 19 सितंबर | 7 सितम्बर |
रक्षाबंधन | 30 अगस्त | 19 अगस्त |
ईद | 22 अप्रैल | 10 अप्रैल |
क्रिसमस | 25 दिसंबर | 25 दिसंबर |
गुरु नानक जयंती | 27 नवम्बर | 15 नवम्बर |
भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों –भारत में कई संस्कृतियों का समावेश हैं, ऐसे में कई विचारधाराओं एवम मान्यताओं के आधार पर भिन्न- भिन्न त्यौहार मनाये जाते हैं . ऐसे ही कुछ सांस्कृतिक त्यौहारों का विवरण किया गया हैं :
त्यौहारों का नाम | 2023 | 2024 |
महाशिव रात्रि | 18 फरवरी | 8 मार्च |
फुलेरा दूज | 21 फरवरी | 12 मार्च |
गुड फ्राइडे | 7 अप्रैल | 29 मार्च |
ईस्टर | 9 अप्रैल | 31 मार्च |
रंग पंचमी | 12 मार्च | 30 मार्च |
गुड़ी पड़वा | 22 मार्च | 9 अप्रैल |
राम नवमी | 30 मार्च | 17 अप्रैल |
गणगौर | 8 मार्च | 25 मार्च |
अक्षय तृतीया | 22 अप्रैल | 10 मई |
बुद्ध पूर्णिमा | 5 मई | 23 मई |
गंगा दशहरा | 28 मई | 16 जून |
मिथुना संक्राती | 15 जून | 15 जून |
जगन्नाथ रथ यात्रा | 20 जून | 7 जुलाई |
जयापार्वती व्रत | 1 जुलाई | 19 जुलाई |
हरियाली तीज | 19 अगस्त | 7 अगस्त |
नाग पंचमी | 21 अगस्त | 9 अगस्त |
उपाकर्म | 30 अगस्त | 19 अगस्त |
कजरी तीज | 2 सितंबर | 22 अगस्त |
बहुला चौथ | 3 सितम्बर | 22 अगस्त |
हर छठ | 5 सितम्बर | 7 नवम्बर |
पर्युषण | 11 सितम्बर | – |
हरतालिका तीज | 18 सितंबर | 6 सितम्बर |
ऋषि पंचमी | 20 सितम्बर | 8 सितम्बर |
संतान सप्तमी | 22 सितम्बर | 24 सितम्बर |
राधा अष्टमी/ महालक्ष्मी व्रत | 23 सितम्बर | 11 सितम्बर |
अनंत चतुर्दशी | 28 सितम्बर | 16 सितम्बर |
श्राद्ध | 29 सितम्बर | 17 सितम्बर |
जीवित्पुत्रिका | 6 अक्तूबर | 24 सितम्बर |
नवरात्री | 15 अक्तूबर | 3 अक्तूबर |
बठुकम्मा महोत्सव | 14 अक्तूबर | 25 सितम्बर |
नवपत्रिका पूजा | 21 अक्टूबर | 9 सितम्बर |
सरस्वती पूजा | 26 जनवरी | 14 फरवरी |
शरद पूर्णिमा / कोजागरी व्रत | 28 अक्टूबर | 16 अक्तूबर |
करवाचौथ | 1 नवम्बर | 20 अक्तूबर |
अहौई अष्टमी | 5 नवम्बर | 24 अक्तूबर |
धनतेरस | 10 नवम्बर | 29 अक्तूबर |
नरक चतुर्दशी | 12 नवम्बर | 31 अक्तूबर |
आद्य काली पूजा | 12 नवम्बर | 31 अक्तूबर |
गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट | 14 नवम्बर | 2 नवम्बर |
भैया दूज/ यम द्वितीया | 15 नवम्बर | 2 नवम्बर |
छठ पूजा | 19 नवम्बर | 7 नवम्बर |
गोपाष्टमी | 20 नवम्बर | 9 नवम्बर |
अक्षय आँवला नवमी | 21 नवम्बर | 10 नवम्बर |
जगद्धात्री पूजा | 21 नवम्बर | 10 नवम्बर |
तुलसी विवाह | 24 नवम्बर | 12 नवम्बर |
वैकुण्ठ चतुर्दशी | 25 नवम्बर | 14 नवम्बर |
मणि कर्णिका स्नान | 26 नवम्बर | 14 नवम्बर |
विवाह पंचमी | 17 दिसम्बर | 6 दिसम्बर |
मंडला पूजा | 27 दिसम्बर | 26 दिसम्बर |
ग्यारस या एकादशी व्रत तिथी
भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों हिन्दू पंचांग की प्रत्येक ग्यारहवी तिथी को एकादशी/ ग्यारस व्रत का पालन किया जाता हैं . वर्ष के प्रत्येक माह में ग्यारस की दो तिथियाँ आती हैं एक शुक्ल पक्ष एवम एक कृष्ण पक्ष. एकादशी के स्वामी भगवान विष्णु कहे जाते हैं. भक्त जन अपने मनोरथ के लिए एकादशी व्रत का पालन करते हैं . हिन्दू संस्कृति में एकादशी का महत्व सर्वाधिक होता हैं. मनुष्य अपने दुखो को दूर करने के उद्देश्य से इस व्रत का पालन करता हैं. वर्ष में 26 एकादशी व्रत का पालन किया जाता हैं. सभी एकादशी व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा हैं, जिसमे एकादशी का उद्देश्य एवम भाव निहित हैं, जिन्हें आप नीचे दी गई लिंक से पढ़ सकते हैं.
एकादशी नाम | पक्ष | 2023 | 2024 |
सफला | कृष्ण | – | 7 जनवरी |
पौष पुत्रदा | शुक्ल | 2 जनवरी | 20 जनवरी |
षष्ठीला | कृष्ण | 18 जनवरी | 5 फरवरी |
जया | शुक्ल | 1 फरवरी | 19 फरवरी |
विजया | कृष्ण | 16 फरवरी | 6 मार्च |
आमलकी | शुक्ल | 3 मार्च | 20 मार्च |
पापमोचिनी | कृष्ण | 18 मार्च | 4 अप्रैल |
कामदा | शुक्ल | 1 अप्रैल | 19 अप्रैल |
वरुठिनी | कृष्ण | 16 अप्रैल | 4 मई |
मोहिनी | शुक्ल | 1 मई | 18 मई |
अपरा | कृष्ण | 15 मई | 2 जून |
निर्जला | शुक्ल | 31 मई | 17 जून |
योगिनी | कृष्ण | 14 जून | 1 जुलाई |
देव शयनी | शुक्ल | 29 जुलाई | 17 जुलाई |
कामिका | कृष्ण | 13 अगस्त | 31 जुलाई |
पुत्रदा | शुक्ल | 27 अगस्त | 15 अगस्त |
पद्मिनी (अधिक मास) | कृष्ण | 29 जुलाई | – |
परमा (अधिक मास) | शुक्ल | 12 अगस्त | – |
अजा | कृष्ण | 10 सितम्बर | 29 अगस्त |
परिवर्तिनी/ डोल ग्यारस | शुक्ल | 25 सितम्बर | 14 सितम्बर |
इंदिरा | कृष्ण | 10 अक्टूबर | 28 सितम्बर |
पापांकुशा | शुक्ल | 25 अक्टूबर | 13 अक्तूबर |
रमा | कृष्ण | 9 नवम्बर | 27 अक्तूबर |
प्रबोधिनी/ देव उठनी | शुक्ल | 23 नवम्बर | 12 नवम्बर |
उत्पन्ना | कृष्ण | 8 दिसम्बर | 26 नवम्बर |
मोक्षदा | शुक्ल | 23 दिसम्बर | 11 दिसम्बर |
पूर्णिमा व्रत
भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों –हिन्दू पंचांग के अनुसार एक माह में दो पक्ष (शुक्ल कृष्ण) होते हैं, जो कि अमावस से पूर्णिमा एवं पूर्णिमा से अमावस के बीच होते हैं . इस तरह प्रति वर्ष 12 पूर्णिमा आती हैं . पूर्णिमा के दिन अथवा एक दिन पूर्व सत्यनारायण भगवान की कथा एवम पूजा का महत्व होता हैं . पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण रूप में होता हैं इस दिन उपवास का महत्व होता हैं जिसे हिन्दू धर्म में बड़े नियमो द्वारा निभाया जाता हैं .
निम्न सारणी में पुरे वर्ष में आने वाली पूर्णिमा का महत्व बताया गया हैं :
मासिक पूर्णिमा | महत्व | 2023 | 2024 |
चैत्र | हनुमान जयंती | 6 अप्रैल | 23 अप्रैल |
वैशाख | बुद्ध जयंती | 5 मई | 23 मई |
ज्येष्ठ | वट सावित्री | 3 जून | 21 जून |
आषाढ़ | गुरू पूर्णिमा | 3 जुलाई | 21 जुलाई |
श्रावण पूर्णिमा | रक्षाबंधन | 30 अगस्त | 19 अगस्त |
भाद्रपद पूर्णिमा | श्राद्ध/ पितृ | 29 सितम्बर | 17 सितम्बर |
आश्विन | शरद पूर्णिमा | 28 अक्टूबर | 16 अक्तूबर |
कार्तिक पूर्णिमा | – | 27 नवम्बर | 15 नवम्बर |
अग्रहण्य पूर्णिमा | – | – | – |
पौष पूर्णिमा | – | 6 जनवरी | 25 जनवरी |
माघ | माघ मेला | 6 जनवरी | – |
फाल्गुन | होली | 8 मार्च | 25 मार्च |
मासिक अमावस्या व्रत – | |||
मासिक पूर्णिमा | महत्व | 2023 | 2024 |
चैत्र | चैत्र अमावस्या | 21 मार्च | 8 अप्रैल |
वैशाख | बैसाख अमावस्या | 20 अप्रैल | 7 मई |
ज्येष्ठ | शनि जयंती | 19 मई | 6 जून |
आषाढ़ | सोमवती अमावस्या | 18 जुलाई | 8 अप्रैल |
श्रावण | श्रावण अमावस्या | 16 जुलाई | 4 अगस्त |
भाद्रपद | पिठोरी अमावस्या, चन्द्र ग्रहण | 14 सितम्बर | 2 सितम्बर |
आश्विन | सर्व पितृ अमावस्या | 14 अक्टूबर | 2 अक्तूबर |
कार्तिक | दीवाली | 10 नवम्बर | 29 अक्तूबर |
अग्रहण्य | मार्गशीर्ष अमावस्या | 12 दिसम्बर | 1 दिसम्बर |
पौष | पौष अमावस्या | 21 मार्च | – |
पौष | – | ||
माघ | मौनी अमावस्या | 21 जनवरी | 9 फरवरी |
फाल्गुन | सूर्य ग्रहण |
किसान के कटाई त्यौहार
त्यौहार का नाम | 2023 | 2024 |
लोहड़ी | 14 जनवरी | 13 जनवरी |
मकर संक्रांति | 15 जनवरी | 15 जनवरी |
बसंत पंचमी | 25 जनवरी | 14 फरवरी |
बैसाखी | 14 अप्रैल | 13 अप्रैल |
ओणम | 29 अगस्त | 5 सितम्बर |
पोला | 14 सितम्बर | 2 सितम्बर |
अन्य महत्वपूर्ण मासिक त्यौहार एवम पवित्र माह
भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों –हिन्दू पंचांग में सभी तिथियों का विशेष महत्व होता हैं प्रति माह कई विशेष तिथियों पर भक्त जन पूजा एवम उपवास करते हैं . इसके अलावा कई माह भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. आगे की तालिका में इन्ही महत्वपूर्ण मासिक त्यौहारों एवम माह का महत्व बताया गया हैं
नाम | विवरण |
कालाष्टमी | कृष्ण पक्ष अष्टमी |
प्रदोष | प्रति हिंदी माह त्रयोदशी |
मासिक शिव रात्रि | प्रति हिंदी माह चतुर्दशी |
संकष्टी चतुर्थी | हर माह कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी आती है| |
भानु सप्तमी | जब सप्तमी के दिन रविवार होता हैं |
स्कन्दा षष्ठी | शुक्ल पक्ष पंचमी और षष्ठी एक साथ आये तब मनाई जाती हैं |
रोहिणी व्रत | जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता हैं |
सत्य नारायण पूजा | पूर्णिमा एवं उसके एक दिन पूर्व/ प्रति माह संक्रांति |
मंगला गौरी / गौरी पूजा | सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है |
धनुर्मास
श्रावण/ सावन महत्व | पवित्र माह |
अधिक मास महत्व | पवित्र माह जो तीन वर्ष में आता हैं |
कोकिला व्रत | जब अधिक मास आषाढ़ में आता हैं यह योग 19 वर्षो में बनता हैं |
कार्तिक माह महत्व | पवित्र माह |
चातुर्मास/ चौमासा | अर्ध अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन एवं अर्ध कार्तिक |
महाकुम्भ नासिक | सूर्य,वृहस्पति जब सिंह राशि में प्रवेश करते हैं |
महाकुम्भ उज्जैन | जब सूर्य एवम वृहस्पति वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं | |
इस्लामिक त्यौहार
भारत के प्रमुख व्रत और त्यौहारों –भारत में कई धर्मो का समावेश हैं | यह एक अकेला राष्ट्र हैं जहाँ सभी धर्मो के लोग अपने- अपने धर्मानुसार स्वतंत्रता के साथ अपना- अपना त्यौहार मना सकते हैं . यहाँ विचारों की पूर्ण स्वतंत्रता हैं इसी तरह इस्लामिक त्यौहारों को भी उत्साह से भारत में मनाया जाता हैं जिनका महत्व एवम उद्देश्य भी प्रेम और शांति ही हैं ऐसे ही कुछ त्यौहारों का विवरण निम्न तालिका में किया गया हैं :
नाम | 2023 |
ईद | 3 मई |
रमजान | अप्रैल 2-2 मई |
बकरीद | 10 जुलाई |
अल हिजरा इस्लामिक न्यू इयर | 29 30 जुलाई |
मुहर्रम/ आशुरा | 28 जुलाई |
भारत देश की पहचान हैं उसके अनेक धर्मो का एक सुन्दर स्वरूप. प्रेम, एकता, आपसी भाई चारा ही त्यौहारो का मुख्य उद्देश्य हैं. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से भी त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण हैं.
हमारे इस पेज में उन्ही त्यौहारों का विवरण किया किया हैं अगर आप इससे भिन्न कुछ जानते हैं तब अपनी राय कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं
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