Lakshadweep New Airport Update Today: लक्षद्वीप भारत के सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में से एक है। यह 36 द्वीपों का एक समूह है जो केरल तट से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है। लक्षद्वीप अपने सुंदर समुद्र तटों, नीले पानी और स्वच्छ वातावरण के लिए जाना जाता है।
- समुद्र तट पर आराम करना और तैरना
- मछली पकड़ना
- स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग
- स्थानीय संस्कृति का अनुभव करना
लक्षद्वीप पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। यह एक आदर्श स्थान है जहां आप आराम कर सकते हैं, प्रकृति का आनंद ले सकते हैं और नए संस्कृतियों का अनुभव कर सकते हैं। Lakshadweep New Airport Update Today: अब भारत सरकार बनाएगी लक्षद्वीप में नया एयरपोर्ट जानिए पूरी जानकारी
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लक्षद्वीप में शुरू होगा नया एयरपोर्ट: Lakshadweep New Airport Update
Lakshadweep New Airport Update Hindi : लक्षद्वीप में नया एयरपोर्ट मिनिकॉय द्वीप पर बनाया जाएगा। यह एयरपोर्ट एक संयुक्त उपयोग वाला एयरपोर्ट होगा, जिसका उपयोग नागरिक और सैन्य दोनों विमानों द्वारा किया जाएगा। एयरपोर्ट की लंबाई 3,000 मीटर होगी और यह लड़ाकू विमानों सहित सभी प्रकार के विमानों को संभालने में सक्षम होगा।
एयरपोर्ट के निर्माण की लागत लगभग 2,000 करोड़ रुपये है। इसका निर्माण भारतीय वायु सेना और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य 2024 में शुरू होने की उम्मीद है और यह 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
लक्षद्वीप में नए एयरपोर्ट के निर्माण से इस केंद्रशासित प्रदेश की पर्यटन और आर्थिक विकास में काफी मदद मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप तक पहुंच को आसान बना देगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
एयरपोर्ट के निर्माण से लक्षद्वीप की रक्षा क्षमता में भी वृद्धि होगी। यह भारतीय वायु सेना को अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
मालदीव की बढ़ेंगी मुश्किलें
भारत द्वारा लक्षद्वीप में नए एयरपोर्ट के निर्माण और लड़ाकू विमानों की तैनाती के फैसले से मालदीव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नासिर ने इस फैसले की निंदा की है और इसे भारत के क्षेत्रीय विस्तारवाद का प्रयास बताया है। मालदीव का कहना है कि यह फैसला उसके क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालता है।
मालदीव के लिए यह एक बड़ा झटका है क्योंकि वह लंबे समय से चीन के प्रभाव में आ रहा है। चीन ने मालदीव में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं और मालदीव के भारी कर्ज को माफ कर दिया है। चीन ने मालदीव में एक नौसैनिक अड्डा भी बनाने की योजना बनाई है। इस समय अधिकतर लोग मालदीव को Boycott कर रहे हैं क्योंकि हाल ही के मालदीव के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को गलत शब्द बोले थे।
भारत के नए फैसले से मालदीव के लिए चीन से दूर जाना और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना मुश्किल हो जाएगा। भारत के साथ टकराव से मालदीव की आर्थिक और रक्षा सुरक्षा को खतरा होगा।
भारत के नए फैसले से क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह फैसला एक और बड़ा मुद्दा बन सकता है।