Saturday, July 27, 2024
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अलबरूनी का भारत वर्णन – ALBERUNI’S DESCRIPTION OF INDIA

अलबरूनी का भारत वर्णन – ALBERUNI’S DESCRIPTION OF INDIA दोस्तों भारत में अलग-अलग तरह के लोग दूर-दूर के देशों से घूमने आए एल्बम रोनी उनमें से एक था अलबरूनी को बहुत ज्यादा पढ़ा गया क्योंकि वह भारत में बहुत दिनों तक रहा





 

अलबरूनी के बारे में आप क्या जानते हैं

यहां के कल्चर को अपनी किताबों में बहुत अच्छे से एक्सप्लेन किया अलबरूनी अपनी किताब में बताता है कि यहां के लोगों के लिए दिवाली और शुभ रात्रि बहुत बड़ा त्यौहार था

अलबरूनी का भारत वर्णन – ALBERUNI’S DESCRIPTION OF INDIA

लोग रात भर दिन भर इस त्यौहार में भगवान की सेवा करते रहते थे यह दोनों त्यौहार क्यों मनाए जाते हैं भारत में यह दोनों त्यौहार कहां-कहां मनाया जाता है और किस तरह से मनाया जाता है इस को अलबरूनी ने अपनी किताब में अच्छे से बताया है इसके बाद इंडिया में किस तरह के साइंस की बात की जाती है कैसे यहां के लोग अलग-अलग तरह के लॉजिक पॉलिटिक्स की बात करते हैं इसके ऊपर भी उसने बहुत सारी किताबें लिखी है

Nagarjunakonda Kya Hai (इतिहास)

भारतीय इतिहास के कुछ विषय

जहां आज उज्बेकिस्तान है 1009 में वहां की कीवा नाम का साम्राज्य हुआ करता था इस साम्राज्य पर सुन्नी मुसलमानों का शासन था उसी समाज में एक बहुत बड़ा एस्ट्रोलॉजर था साम्राज्य में पोएट के तौर पर काम करता था अपने जीवन के बारे में जिक्र करते हुए अलबरूनी बताता है कि उस दौर में गजनबी खानदान में एक बहुत ही क्रूर राजा था जिसका नाम था गजनी इस लड़ाई के वक्त महमूद नाम दिया गया था उस महमूद गजनी ने भारत पर कई बार आक्रमण किया और अलग-अलग मंदिरों को लूट कर धन दौलत इकट्ठा करता था वह दूसरे पर हमला करके उसे जीता था और इस तरह पर्शिया का बहुत बड़ा इलाका जीत चुका था जहां उसने सुन्नी मुसलमानों को बहुत बुरी तरह से मारा था और हर जगह तबाही मचा दी थी

अलबरूनी कौन था उसकी किताब का नाम लिखिए

अल-बिरुनी ने किताब-उल-हिन्द की रचना की थी।  अलबरूनी अपनी किताब में बताता है कि मैं आमोद गजनी केवल हिंदुओं के लिए नहीं उसकी सुन्नी मुसलमानों के लिए भी बहुत ही क्रूर शासक था जो सुन्नी मुसलमान के जिन इलाकों में जाता था वहां कत्लेआम मचा देता था उसने उज्बेकिस्तान पर भी हमला किया और कि वह साम्राज्य को पूरी तरह से खत्म कर दिया अपने इलाके में अलबरूनी बहुत फेमस है इस वजह से बहुत सारे सुन्नी मुसलमानों को मारा गया और अलबरूनी को डराया गया अगर वह भारत जाकर किस मंदिर में कितना खजाना छुपा है इसकी जानकारी नहीं देगा तो उसको भी मार दिया जाएगा

इसलिए अलबरूनी संस्कृत सीखता है और भारत आता है भारत में 13 साल तक दो अलग-अलग जगहों पर घूमता रहता है यहां के कल्चर साइंस और मंदिर की जानकारी को एक किताब में लिखता है अलबरूनी अपनी किताब में बताता है कि महमूद गजनबी परसिया में बहुत सारी सुनने में मस्जिदों को तोड़ देता है वह मुसलमानों को बहुत सताता है उसकी मचाई तबाही से परेशान होकर कुछ मुसलमान भारत के लोकल राजाओं के मस्जिद बनाने की मांग करते हैं जब लोकल राजा इस बात के लिए मान जाते हैं तो महमूद गजनबी को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती इसके बाद वह भारत में सोमनाथ पर आक्रमण करता है जहां वह सोमनाथ के मंदिर को बहुत बुरी तरह से तोड़ देता है और वहां से खूब सारा खजाना लूट कर अपने साथ ले जाता है अलबरूनी बताता है

Al Biruni Ka India Aana

कि महमूद गजनबी जितनी बार भारत आया तो अपना साम्राज्य नहीं बना पाया किसी बड़े राजा के साथ उसने कई बार युद्ध किया और वह बहुत बार हार गया इसीलिए छोटी-छोटी जगहों के बारे में पता करता था जहां मंदिर होते थे मुझे लूट कर पैसा परसिया ले जाता था और अपने देश में शहरों को ज्यादा बेहतर बनाता था अलबरूनी अपनी किताब में बताता है कि गजनबी ने परसिया में गजनी नाम का एक शहर बसाया यहां उसने एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी बनाई भारत और चीन से लूट कर लाई गई किताबों को रखा गया इस लाइब्रेरी में अलग-अलग मुस्लिम देशों से लूट कर लाई गई किताबें भी रखता था

अपने देश और शहर को ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए आसपास के मंदिर और मस्जिदों को लूटता और तबाही मचाता अलबरूनी अपनी किताब पॉर्नोलॉजी ऑफ टेंशन नेशन में यह भी बताता है कि यहूदी धर्म वालों ने अपना कैलेंडर कैसे बनाया था इसके बारे में साइंटिफिक रीजन देते हैं और थर्ड डिग्री और 4 डिग्री अलजेब्रिक टेक्निक के बारे में अपनी किताब में बात करता है

इस लेख में बताई गई सारी जानकारी al-biruni की किताब चली गई है जिसमें यह साफ तरीके से बताया गया है कि जो इतिहास था उसे किसी एक एंगल से पढ़ना सही नहीं है इतिहास में जो राजा थे और उन लोगों ने जिन जिन चीजों पर आक्रमण किया वह किसी एक से नहीं बल्कि पूरे समाज से जुड़ी हुई हैं अगर कोई अज्ञानी व्यक्ति ज्ञानी व्यक्ति पर आक्रमण करता है तो उसका कोई धर्म या जाति नहीं होती बल्कि अज्ञान होता है
और यही अल बिरूनी अपनी किताब से हमें बताने की कोशिश की है उम्मीद है आपको यह बात समझ में आ रही है और मेरी यह लेख को लिखने की जानकारी और मेहनत सफल रही है

हमारा देश चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर अशोक और महमूद गजनवी जैसे लोगों को देख चुका है और पुराने वक्त से लेकर अब तक बहुत से बदलाव इस जमीन ने देखी हैं

जैसे आज हम पढ़ने के लिए विदेशों में जाते हैं पहले के टाइम पर वह लोग हमारे देश में आते थे क्योंकि हम ज्ञान का सागर थे और आज भी अगर हम अपने इतिहास के ग्रंथों को उठाकर देखें तो जो जानकारी उसमें हैं वह दुनिया की किसी और अन्य ग्रंथ में नहीं मिलेगी अपितु बाकी की चीजें हमी से ली गई है
तो भारत का इतिहास 0 से शुरू होकर असंख्य है

अलबरूनी किसके शासनकाल में भारत आया

अलबरूनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। अलबरूनी का पूरा नाम अबु रेहान मुहम्मद बिन अहमद अल–बदरूनी था। यह एक फारसी विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ था।

अबू रिहान मोहम्मद बिन अहमद को अलबरूनी के रूप में जाना जाता है, जिनका जन्म 973 ई. में ख़िज़ा क्षेत्र में हुआ था और ये महमूद के दरबार के एक रत्न थे। वे एक प्रसिद्ध दार्शनिक, गणितज्ञ और इतिहासकार थे।

वो भारत और श्रीलंका की यात्रा पर 1017-20 के मध्य आया था। ग़ज़नी के महमूद, जिसने भारत पर कई बार आक्रमण किये, के कई अभियानों में वो सुल्तान के साथ था। अलबरुनी को भारतीय इतिहास का पहला जानकार कहा जाता था

वह सुप्रसिद्ध इतिहासकार होने के साथ-साथ गणित, दर्शन आदि का भी ज्ञान रखता था. वह कई भाषाओं को अच्छी प्रकार से जानता था जैसे यूनानी, अरबी, फारसी और संस्कृत. वह महमूद गजनवी के साथ भारत आया. यहाँ रहकर उसने संस्कृत, धार्मिक पुस्तकों एवं दर्शन के साथ-साथ पुराणों एवं भगवद्गीता का भी अध्ययन किया

अलबरूनी ने 1030 ई. में किताब-उल- हिंन्द (भारत के दिन) नामक किताब की रचना की थी।
13 दिसंबर 1048







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