सबसे सर्वश्रेष्ठ हिंदी उपन्यास – जैसा की हम सब लोग जानते है भारत का हिंदी लेखन किसी सागर से कम नहीं है यहाँ आपको अनगिनत उपन्यास मौजूद मिलेंगे। आज भी कुछ उपन्यास पढ़ने के बाद आंखे नम हो जाती हैं जोकि इन उपन्यासों की महत्वकांशा को दर्शाता है। में विशाल सिंह आज आपको भारत के 5- सबसे सर्वश्रेष्ठ हिंदी उपन्यासो के बारे में बताने जा रहा हू।
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गोदान (Godan)- प्रेमचंद (Best Hindi Novels To Read)
गोदान मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित बहुत ही चर्चित उपन्यास है। यह उपन्यास सन्न 1936 में प्रकाशित किया गया था। इस उपन्यास में गोदान का मतलब “एक गाय का उपहार” है, यह उपन्यास आपको एक सुन्दर प्रेम नफरत के रिश्ते के बारे में बताता है।
इस कहानी में मुख्य किरदार व् चरित्र हरि का है,जो आत्मनिर्भर और सामाजिक स्तर को ऊपर उठाने की आशा को लेके एक गाय का मालिक बनना चाहता है। यह उपन्यास बहुत ही खूबसूरती से व् गहराई में आजादी के पहले युग के दौरान आम-लोगों की दुर्दशा की चर्चा करती है।
कामायनी (Kamayani)- जयशंकर प्रसाद
यह उपन्यास को “जयशंकर प्रसाद” के द्वारा लिखा गया है इस उपन्यास को सन्न 1937 में प्रकाशित किया गया था। यकामायनी एक ऐसा उपन्यास है जो हमेशा मानव जीवन के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित हुआ है।
इस उपन्यास को इतने अच्छे तरह से लिखा गया है की इसे जितना बार भी पढ़ा जाए वे कम है होगा क्यूंकि इसमें आपको हर बार कुछ नई चीज़ें सीखने को मिलती है। इस उपन्यास में कवि जयशंकर प्रसाद ने अपने समय के समाजिक परिवेश और जीवन-मूल्यों जैसी चीज़ों का विश्लेषण किया है।
अपने साहित्य काल में कामायनी हिंदी साहित्य की सबसे लोकप्रिय तथा विवादित और चर्चित उपन्यासो में से एक
रही है। कामायनी एक ऐसी उपन्यास है जो आज के समय में मानव जीवन को उसके समस्त परिवेश और परिष्तिथीयो के बारे में बताती है।
राग दरबारी – श्रीलाल शुक्ला
राग दरबारी श्रीलाल शुक्ला द्वारा रचित हिंदी साहित्य की एक प्रसिद्ध व्यंग रचना है जो भारतीय जीवन की मूल्यहीनता और निर्ममता पर व्यंग कसता है।
श्रीलाल शुकला को उनके उपन्यास के लिए साल 1969 में साहित्य अकादमी से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस उपन्यास को 1968 में प्रकाशित किया गया था। श्रीलाल इस उपन्यास में भारत की स्वतंत्रता के बाद के ग्रामीण जीवन के मूल्यहास को प्रदर्शित किया गया है। यदि आपको व्यंग पढ़ने में दिलचस्पी है तो यह उपन्यास आपको एक बार जरूर पढ़ लेना चाहिए।
चरित्रहीन (शरत चंद्र)
“शरत चंद्र चट्टोपाध्याय” हिंदी साहित्य के जाने-माने लेखक है जिन्होंने अनगिनत उपन्यास लिखे व् प्रदर्शित भी किये उन्ही में से एक उपन्यास “चरित्रहीन” हिंदी साहित्य के सबसे बेहतरीन उपन्यासों में गिना जाता है।
इस उपन्यास में लेखक ने नारी का शोषण समर्पण और उनके चारित्रिक मूल्यांकन जैसे गंभीर विषयों पर प्रकाश डालने का सफलतापूर्वक प्रयास किया है।“शरत चंद्र चट्टोपाध्याय” ने इस उपन्यास के जरिये उन्होंने स्त्री के चरित्र को पुनः परिभाषित करने का प्रयत्न किया है।
इस उपन्यास में किरणमयी नाम की एक स्त्री की कहानी बताई गयी है जिसके आधार पर उपन्यास का शीर्षक भी रखा गया है।इस उपन्यास में दो कथाओ का वर्णनन किया गया है। पहला किरणमयी की कहानी व् दूसरा सावित्री नाम की एक नौकरानी और सतीश की प्रेम कथा का वर्णनन किया गया है
गबन (प्रेमचंद्र)
हिंदी साहित्य की जान मने जाने वाले लेखक मुंशी प्रेमचंद जी ने अपने जीवन में एक से बढ़कर एक उपन्यास लिखे जिन में से जयादातर उपन्यास सामाजिक जीवन पर आधारित हैं।इन्ही बेहतरीन उपन्यासों में से एक “निर्मला” भी एक है। इस उपन्यास को महिलाओं की व्यथा के ऊपर लिखा गया है। इस उपन्यास के मुख्य पात्र और नायिका निर्मला नामक स्त्री है जिनका विवाह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ हो जाता है। इस उपन्यास को मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा वर्ष 1930 में लिखा गया।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने भारत के 5 – सबसे सर्वश्रेष्ठ हिंदी उपन्यासो के बारे में जाना। अगर आप हिंदी साहित्य के बेहतरीन उपन्यासों के विचारधाराओं को समझना चाहते है तो इन उपन्यासों को एक बार जरूर पढ़े और उस दौर के साहित्य को अनुभव करे। आशा करता हूँ की आपको यह लेख पसंद आया होगा
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