बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का मतलब क्या होता है- बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का शाब्दिक अर्थ है, “अल्लाह के नाम से जो परम दयालु और अत्यंत करुणामय है।” यह अरबी भाषा का एक वाक्यांश है जो इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण है। यह क़ुरान की पहली आयत है, और इसे हर काम शुरू करने से पहले पढ़ा जाता है।
“बिस्मिल्लाह” का अर्थ है “अल्लाह के नाम से।” “रहमान” का अर्थ है “परम दयालु,” और “रहीम” का अर्थ है “अत्यंत करुणामय।” इसलिए, “बिस्मिल्लाह रहमान रहीम” का अर्थ है “अल्लाह के नाम से जो परम दयालु और अत्यंत करुणामय है।”
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का मतलब क्या होता है- Bismillah Rahman Rahim Meaning In Hindi- इस वाक्यांश को पढ़ने से कई लाभ होते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि हम जो भी काम करते हैं, वह अल्लाह के नाम से कर रहे हैं। यह हमें अल्लाह की दया और करुणा की याद दिलाता है, और हमें उसके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम को इस्लाम में कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसे क़ुरान पढ़ने से पहले, नमाज़ अदा करने से पहले, और किसी भी महत्वपूर्ण काम शुरू करने से पहले पढ़ा जाता है। इसे घरों, दुकानों, और कार्यालयों में भी लिखा जाता है।
यह वाक्यांश इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं में से एक है। यह हमें अल्लाह के साथ हमारे रिश्ते की याद दिलाता है, और हमें उसके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
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बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का मतलब क्या होता है- Bismillah Rahman Rahim Meaning In Hindi
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का मतलब क्या होता है- बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का शाब्दिक अर्थ है “अल्लाह के नाम से, जो परम कृपामय, अति दयालु है।” यह अरबी भाषा का एक वाक्य है, जो इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्रत्येक सूरा (क़ुरान की अध्याय) की शुरुआत में पढ़ा जाता है, और यह किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले भी पढ़ा जाता है।
- बिस्मि: यह अरबी शब्द “नाम” का अर्थ है।
- अल्लाह: यह अरबी शब्द “ईश्वर” या “परमेश्वर” का अर्थ है।
बिस्मिल्लाह का अर्थ है कि हम किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले अल्लाह के नाम को याद करते हैं। हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें अपने मार्गदर्शन और दया से सहायता करे
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम हिंदी में कैसे लिखते हैं?
बिस्मिल्लाह में कितने अक्षर होते हैं?
बिस्मिल्लाह में कुल 19 अक्षर होते हैं। यह अरबी भाषा का एक वाक्यांश है जो इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण है। यह हर सूरह (कुरान की अध्याय) की शुरुआत में पढ़ा जाता है, और यह अक्सर किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले पढ़ा जाता है।
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
- ب (बि)
- س (सिम)
- م (मिम)
- ل (लाम)
- ا (अल)
- ل (लाम)
- ل (लाम)
- ه (हा)
- ر (र)
- ح (हा)
- م (मिम)
- ن (न)
- ر (र)
- ح (हा)
- ي (य)
- م (मिम)
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम पढ़ने के फायदे
- यह हर कार्य को अल्लाह के नाम से शुरू करने का एक तरीका है। यह हमें याद दिलाता है कि हम जो कुछ भी करते हैं, वह अल्लाह के लिए है।
- यह हमें अल्लाह की दया और करुणा पर भरोसा करने में मदद करता है। यह हमें आशा और प्रेरणा देता है।
- यह हमें शैतान से बचाता है। यह हमें बुरी आत्माओं और बुरे प्रभावों से बचाने में मदद करता है।
- यह हमारे कार्यों को सफल बनाता है। यह हमें आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
बिस्मिल्लाह के बिना कौन सा सूरह पढ़ना है?
कुरान में कुल 114 सूरह हैं, जिनमें से केवल एक सूरह, सूरत एट-तौबा बिस्मिल्लाह के बिना शुरू होती है। इस सूरह के अलावा, कुरान की सभी अन्य सूरहों की शुरुआत बिस्मिल्लाह से होती है।
बिस्मिल्लाह के बिना कुरान में कितनी आयतें हैं?
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम का मतलब क्या होता है- कुरान में कुल 6,236 आयतें हैं, जिनमें से केवल 1 आयत, सूरह तौबा की पहली आयत, बिस्मिल्लाह के बिना है। इसलिए, बिस्मिल्लाह के बिना कुरान में 6235 आयतें हैं।