डीपफेक जानिए इससे बचने के तरीके –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज आपको डीप फेक के बारे में बताने जा रहा हूँ वर्तमान में डीपफेक के बारे में बहुत चर्चा हो रही है। इसकी यह चर्चा किस बात पर हो रही है? डीपफेक क्या है और जिससे सभी डरे हुए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस तकनीक से काफी डरे हुए नजर आ रहे हैं। वे इसे इंसानों की निजता के लिए खतरा मान रहे हैं।
मौजूदा समय में सोशल मीडिया पर डीपफेक के बारे में चर्चा काफी गरम हो रही है। इसके बावजूद इंटरनेट पर इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती। ऐसे में लोग डीपफेक और AI (Artificial Intelligence) के बीच भ्रांति में हैं। इसलिए यह सवाल उठता है कि वास्तव में डीपफेक क्या है? और यह तकनीक किस प्रकार काम करती है? इससे बचा जा सकता है? इन सभी सवालों के जवाब ढूंढ़ने का प्रयास किया जाएगा।
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लोग डीप फेक कैसे करते हैं
मुख्यत: डीपफेक एक तकनीक है, जिसमें वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट किया जाता है। यह वीडियो और फोटो बनाने की प्रक्रिया में AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। संक्षेप में कहा जाए, इस तकनीक में कोडर और डिकोडर तकनीकों का इस्तेमाल होता है, जिससे फर्जी वीडियो बनाया जा सकता है। लेकिन इस तकनीक को बनाने में टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल होता है और इसे आम तौर पर लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते।
डीपफेक जानिए इससे बचने के तरीके –डिकोडर पहले व्यक्ति के चेहरे की भावनाओं और बनावट की गहन जाँच करता है। उसके बाद, इसे फर्जी चेहरे पर लागू किया जाता है, जिससे फर्जी वीडियो और तस्वीरें बनाई जा सकती हैं। हालांकि इसे बनाने में काफी तकनीकी माहिरी चाहिए, जिससे आम लोग डीपफेक वीडियो नहीं बना सकते। लेकिन आजकल ऐप मार्केट में डीपफेक वीडियो बनाने के लिए ऐप्स उपलब्ध हैं, जिनसे आसानी से इस तरह की वीडियो बनाई जा सकती है।
सरकार भी डीपफेक को लेकर सतर्क है। सरकार की की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से डीपफेक से जुड़े फोटो और वीडियो को हटाने का निर्देश दिया है। सरकार के निर्देश के मुताबिक सभी प्लेटपऑर्म से 36 घंटों में डीपफेक से जुड़े फोटो और वीडियो को हटाने का निर्देश दिया गया है।
कैसे बचा जा सकता है?
डीपफेक वीडियो को फेशियल एक्सप्रेशन से पहचाना जा सकता है।
फोटो और वीडियो के आईब्रो, लिप्स को देखकर और उसके मूवमेंट से भी पहचान की जा सकती है।
इस डीपफेक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके मशहूर अभिनेत्री की एक फेक वीडियो बनायीं गयी जिस कारण यह चर्चा में आया है. इस वायरल वीडियो में मंदाना का चेहरा ब्रिटिश-भारतीय महिला ज़ारा पटेल के साथ बदल दिया गया था जिसे लोग रियल मानने लगे थे.
डीपफेक पर सरकार भी सख्त:
डीपफेक जानिए इससे बचने के तरीके –इस वायरल वीडियो के बाद सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिक की सुरक्षा और भरोसे को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि डीपफेक लेटेस्ट और सबसे खरतनाक और इससे डील करने की जरूरत है.
ओबामा और जुकरबर्ग भी हो चुके है शिकार:
अधिकांश डीपफेक वीडियो अश्लील प्रकृति के होते है. साथ ही इसका उपयोग लोगों को झूठा बताने और राजनेताओं की डिजिटल रूप से परिवर्तित क्लिप भी वायरल की जाती है. कुछ साल पहले, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को व्यापक रूप से प्रसारित एक डीपफेक वीडियो में डोनाल्ड ट्रम्प को पूरी तरह से मूर्ख कहते हुए देखा गया था.
इसी तरह, मेटा प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ऐसे ही एक अन्य वीडियो में “अरबों लोगों के चुराए गए डेटा पर पूर्ण नियंत्रण” होने का दावा करते देखा गया था.
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