GDPR Kya Hai Hello friends आप सभी का स्वागत है हम आप को इस पोस्ट में gdpr की बारे में बताएंगे और जिसमे आप को gdpr की बारे में कुछ नए-नए चीजे जानने को मिलेंगी तो आइये शुरू करते है
GDPR Kya Hai GDPR की Full Form General Data Protection Regulation होती है. इसको hindi में सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन डाटा की हिफाजत कहते है. GDPR एक तरह की Policy ओर LAW होता है इसको यूरोपीय देश के लोगो के लिए बनाया गया है. GDPR को यूरोपियन लोगो के डाटा की प्रोटेक्शन के लिए बनाया गया एक Law है जो की सभी कंपनी को मानना पड़ता है. हाल ही में अपने बहुत सी बाते सुनी होगी की बहुत सी कंपनी अपने उपयोगकर्ताओं के डाटा को ट्रैक कर उसे सेल्ल कर रही है जिसमे एक फेसबुक यूट्यूब जैसी बड़ी कंपनी भी मिली हुए है.
यूरोपीय कानून में यूरोपीय आयोग के द्वारा एक 28 मेंबर का डाटा और यूरोपियन सिटीजन डाटा प्रोटेक्शन के बारे में बात की गयी थी. इस Law में यह जानने का अधिकार दिया जाता है कि एयरपोई की पब्लिक का कोई भी पर्सनल डाटा कहा उपयोग होता है इसे 24 April 2016 को शुरू किया गया था उसके बाद 1995 EC डायरेक्टिव ऑन Data प्रोटेक्शन , 25 मई 2018 को लागू किया गया जिसको २एआर की Validity Declared किया गया है.
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GDPR कौन सी कंपनियों को प्रभावित करता है
डाटा प्रोटेक्शन रूल EU में या यह कहिये यूरोपियन यूनियन में बिज़नेस करने वाले हर एक बिज़नेस पर लागू होंगे चाहे वो छोटा बिज़नेस हो या बड़ा भले ही उनकी EU के भीतर व्यवसायी उपस्थिति न हो. यूरोपियन यूनियन राज्यों के भीतर यूरोपियन सिटीजन्स के बारे में पर्सनल इनफार्मेशन को स्टोर्ड या प्रोसेस्ड करने वाली कोई भी कंपनी GDPR का अनुपालन करेगी. नए नियम बहुत कठिन होंगे और जिन कम्पनीज में अनुपालन नहीं किया जा रहा होगा, उनके लिए पेनल्टी लगाया जाएगा. GDPR अनुपालन के लिए कम्पनीज के लिए स्पेसिफिक क्राइटेरिया हैं.
GDPR के क्या फायदे हैं
GDPR के बहुत से लाभ है इसका सबसे पहला लाभ यह होगा कि इससे आपको यह पता चलेगा कि आपका Data किस जगह और कैसे इस्तेमाल हो रहा है. अगर आप कोई बिज़नेस करते हैं तो आपका कस्टमर आपके साथ राइट और ट्रुथ तरीके से आपके पास आएगा क्योंकि उन्हें पता है कि आप उनका डाटा सिक्योर रखते हैं. GDPR के कुछ खास लाभ आप नीचे देख सकते है –
- GDPR से श्रोता निष्ठा और विश्वास को बढ़ावा मिलेगा
- GDPR से निवेश पर ROI बढ़ेगी
- GDPR एक नई व्यावसायिक संस्कृति की स्थापना में आपकी सहायता करेगाGDPR से आपकी साइबर सुरक्षा बढ़ेगी
- GDPR से आपके डेटा प्रबंधन में सुधार होगा
- GDPR की आवश्यकताएं
GDPR किसी भी कारपोरेशन की जिम्मेदारी और उसकी रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ को निर्धारित करता है. GDPR यह क्लियर करता है कि कम्पनीज कौन सी Personal इनफार्मेशन का फ़ायदा उठा सकती हैं और कौन सी पेर्सोना l इनफार्मेशन का फ़ायदा नहीं उठा सकतीं. GDPR का यह नियम है कि डाटा से जुड़ी कोई भी धोखाधड़ी का मामला हो तो उसे 72 घंटो के अंदर रिपोर्ट किया जाए येएन्क्रिप्शन क स्टैण्डर्ड तय करता हैं कि कंस्यूमर से स्पष्ट सहमित लेना जरूरी है.
GDPR यह determind करता हैं कि डाटा को कितने दिन तक रखा जा सकता है और इसमें डाटा की सिक्योरिटी की जरूरत उसके डिज़ाइन केअकॉर्डिंग है. GDPR में खास ऑर्गनिज़तिओन्स को Data प्रोटेक्शन अफसर को सेलेक्ट करने की जरूरत होती है और किसी खास आर्गेनाइजेशन में डाटा मैनेजमेंट के लिए ये सारी इनफार्मेशन responsible होती हैं. अब जो new need सामने आई है वे कम्पनीज पर बड़ा प्रभाव डालने वाली हैं. अब इस बात पर serious रूप से जोर दिया जा रहा है कि ये कम्पनीज कैसे अपने कस्टमर्स से कन्वर्सेशन बनाती हैं और उनकी जितनी भी इनफार्मेशन कम्पनीज के पास हैं वे उनको कैसे operationहैं.
कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माना
नए रेगुलेशन के occording जो कम्पनीज इसका पालन करती है उन्हें फाइन देना होता है although पहली बार गलती करने पर वार्निंग देकर छोड़ दिया जाएगा.आपराथ की nature के फाइन की रकम तय होगी. GDPR का पालन नहीं करने वाली कम्पनीज को अधिकतम 10 मिलियन अमेरीकी डॉलर या उनके ग्लोबल आमदनी का 4 फीसद इनमें से जो भी ज्यादा हो देना होगा.
Facebook GDPR
Facebook वो पहली कंपनी है जिसे GDPR का पालन नहीं करने के लिए Review के अंडर रखा गया है. इसके लिए फेसबुक को भरी मात्रा में जुर्माना देना पड़ सकता है. फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्रे -सेलेक्ट तरीके से एग्रीमेंट हैं. जबकि GDPR में पर्सनल डाटा की शेयरिंग होने के पहले उपयोगकर्ता के पास Opt-In करने का पूरा मौका होता है.
फेसबुक का कहना है कि नये Rule में उपयोगकर्ता को ट्रांसपेरेंट तरीके से बताया गया है कि उनकी इनफार्मेशन का कैसे इस्तेमाल किया जाएगा और उन्हें इस पर पूरा कण्ट्रोल भी दिया जाएगा है. फेसबुक का ये भी कहना है कि उसके रिप्रेजेन्टेटिव रेगुलर , पालिसी मेकर्स , प्राइवेसी एक्सपर्ट और एकेडेमिक्स से मिल रहे हैं ताकि GDPR और इसके जैसे दूसरे प्राइवेसी लॉ का compliance assured किया जा सके.
Google GDPR
फेसबुक की ही तरह गूगल भी उपयोगकर्ता की agreement की लिए प्रे सेलेक्ट चेक बॉक्स का इस्तेमाल करता है. गूगल को भी GDPR के violation का guilty पाया गया है. इस पर 4 बिल्लिओन्स उस डॉलर का फाइन लाग सकता है.
लेकिन Google का कहना है कि उसके सारे काम कानून के अकॉर्डिंग हैं. उसने अपने हिसाब किताब की जांच का हवाला दिया. इसके अलावा इनफार्मेशन निकालने वाली थर्ड पार्टी साइट्स के लिए सर्टिफिकेशन प्रोसेस की भी इनफार्मेशन दी है. गूगल का कहना है कि वो यूजर ट्रांसपेरेंसी का पालन करता है, एडवरटाइजिंग के लिए उसेर्स की इनफार्मेशन का उपयोग करने के तरीके के बारे में भी उन्हें बताता है.
हो friends हम उम्मीद करते है की आप लोगो को ये GDPR kya hea। in hindi पसंद आया होगा हमने आपको इस पोस्ट में GDPR की पूरी जानकारी आप तक पहुंचाए है