Wednesday, May 1, 2024
Homeजानकारियाँकैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद समाधान How to solve the problem...

कैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद समाधान How to solve the problem of pollution

कैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको प्रदूषण की समस्या के बारे में बने जा रहा हु। भारत देश बहुत ही विशाल जनसंख्या वाला देश है| जनसंख्या की विशालता को देखते हुए, यदि एक अनुमान लगाया जाये, तो पता चलेगा कि यहा आज भी देश मे गरीबी, अनपढ़ता, भुखमरी फैली हुई है| जिसके चलते प्रदुषण की समस्या भी बढ़ रही है|  भारत मे बढ़ते प्रदुषण का एक बहुत बड़ा कारण अशिक्षित या अनपढ़ता है| जिसके चलते बीमारियाँ या ऐसे रोग फैले है जो की लाइलाज या मृत्यु का कारण तक बने है|

यह भारत की ऐसी बड़ी समस्या है, जिसका समय रहते निराकरण नही किया गया तो ,हर तरह से हमें हानी ही उठानी पड़ेगी| हम आगे इसे विस्तार से देखेंगे-

प्रदुषण क्या है

वैसे तो हम बचपन से किताबो में पढ़ते और सुनते आ रहे है|

कैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद-हमारे आस-पास के वातावरण को दूषित या खराब करना प्रदुषण है| प्रदुषण शब्द इतना प्रचलित शब्द हो चूका है, जिसे हर दिन मे, हर एक व्यक्ति जाने-अनजाने में एक न एक बार जरुर करता है| दैनिक कार्यो से लेकर तो बड़े से बड़े कार्यो मे तक हमने अपने वातावरण को बहुत दूषित कर लिया है| जिस पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक हो चूका है | बढ़ते प्रदुषण को अगर नही रोका गया तो हम अपने वर्तमान के साथ भविष्य को भी अंधकार में डूबो रहे है|

प्रदुषण का इतिहास

प्रदुषण शब्द आज से नही, प्राचीन समय से चला आ रहा है|

जब व्यक्ति खानाबदोश हुआ करता था, अपने खाने की खोज में जगह-जगह भटकता था| फिर धीरे से उसने अग्नि का अविष्कार कर खाना बनाना प्रारंभ किया| जिसके साथ ही उसने वातावरण को दूषित करना आरम्भ कर दिया| शुरू में मनुष्य का दिमाग इतना विकसित नही हुआ करता था| जिसके बावजूद भी उसने अनजाने में ऐसे कार्य किये जिसे प्रदुषण आरम्भ हुआ, जैसे-

जंगलों की लकड़ी काटना

अग्नि का उपयोग

पशुओ को मार कर खाना

नदी व अन्य जलस्त्रोतो का गलत तरीके से उपयोग

बिना सोंचे चीजों का उपयोग और गंदगी फैलाना

कैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद-अर्थात् जब मानव का दिमाग पूर्णत: विकसित नही हुआ था, तब से प्रदुषण भारत मे चला आ रहा है| परन्तु बदले समय के साथ जैसे-जैसे मनुष्य के दिमाग का विकास हुआ, वैसे-वैसे वस्तुओं का उपयोग बदलता चला गया| विलासिता का जीवन जीने के लिये, मनुष्य ने प्राक्रतिक वस्तुओं का बहुत ही शीघ्रता से हनन करना प्रारंभ किया| जैसे-

कल-कारखानों के उपयोग के लिए लकड़ियों का ऐसा प्रयोग करना, जिसके चलते पूरे-पूरे वनों और जंगलो को तक नष्ट कर दिया|

प्राक्रतिक वस्तुए जैसे- कोयला, खनिज पदार्थ , तेल की खदानों का बिना सोंचे समझे शीघ्रता से दुरुपयोग करना|जिसके की निर्माण में सालो लग जाते है|

नदियों, तालाबो अब तो सागर के जल को भी बहुत दूषित कर दिया है|

यह तो सिर्फ वह तथ्य थे, जिन्हें हम बचपन से पढ़ते-सुनते हुए आये है| परन्तु बदलाव आज तक नही हुए, जिसके चलते कई लोगो की मृत्यु और कई लाइलाज रोग के शिकार हुये|

प्रदुषण के प्रकार

बहुत ही पुराना और प्रचलित सा जवाब जिसे स्कूल के समय से पढ़ते आये है| जल, थल व वायु प्रदुषण | परन्तु बदलते समय के साथ इन ने भी अपना रूप बदल लिया है | इसके साथ प्रदुषण के प्रकारों में भी वृद्धि हुई है

जल प्रदुषण

थल प्रदुषण

वायु प्रदुषण

ध्वनि प्रदुषण

जल प्रदुषण – बहुत ही प्रचलित लाइन है- “जल ही जीवन है”| पर इस जल का सदुपयोग आज तक किसी ने किया है, यह बहुत बड़ा सवाल है| हम आगे जल प्रदुषण के प्रमुख कारण और समाधान देखेंगे-

जल प्रदुषण के प्रमुख कारण

गाँव , कस्बो का नगरो व महा-नगरो में रुपान्तरण

कारखानों के द्वारा

अनुचित रूप से कृषि कर अपशिष्ट प्रवाह करना

धार्मिक और सामाजिक रूप से दुरुपयोग

गाँव , कस्बो का नगरो व महा-नगरो में रुपान्तरण

शहरीकरण के विकास के चलते गांवो,कस्बो को नगरो व महा-नगरो मे शामिल करने की इस दौड़ मे जल के सबंध में और उसके सदुपयोग को ही व्यक्ति भूल गया है| शहरी इलाकों मे पानी का 80 प्रतिशत दुरुपयोग हो कर अपशिष्ट नदी, नालियों और तालाबों और कुओ में मिल रहा है, जो कि कभी साफ़ नही किये जाते और पुनः उपयोग मे लाये जाते है, और बीमारी का कारण बनते है| इसी के साथ जलीय जीव-जन्तु का भी खात्मा होता है|

कारखानों के द्वारा

आधुनिकरण के इस दौर मे कारखानों का तीव्रता से विकास हो रहा है| एक निजी घरेलू लघु उद्योग से बड़े से बड़े कारखानों/फैक्ट्री/इण्डस्ट्रीज अपने कूड़े-कचरे , अपशिष्ट पदार्थो का प्रवाह जल मे कर उसे दूषित कर रहे है|

अनुचित रूप से कृषि कर अपशिष्ट प्रवाह करना

भारत एक कृषि प्रधान देश है| जिस कृषि के लिए बहुत बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है| पर उससे भी अधिक आवश्यक बात यह है कि, उस जल का सही और उचित उपयोग किया जाये| अधिक बारिश होने पर जल का संग्रह इस तरह से करे कि, यदि भविष्य में सूखे की स्थति उत्पन्न भी हो तो, उस जल का सही और सदुपयोग हो सके|

धार्मिक और सामाजिक रूप से दुरुपयोग

भारत मे आज भी प्राचीन रीति-रिवाजों का बहुत महत्व है| जिनमे आज भी परिवर्तन नही हुए है| शव का अंतिम संस्कार, तर्पण, स्नान, अनुष्ठान आदि के चलते नदियों में प्रदुषण बड़ते जा रहा है| इसका सबसे बड़ा उदहारण कुम्भ स्नान है

थल प्रदुषण – जिस धरती पर मनुष्य रहता है, उसका महत्व नही समझता| कही भी, कैसी भी गंदगी करना जैसे- कही भी कचरा कर देना, थूकना, पेड़ो की कटाई करना, आधुनिक साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना | बिना किसी योजना के कार्य करना, जिससे प्रदुषण बढ़ता है|

थल प्रदुषण के प्रमुख कारण

वनों की कटाई और मिट्टी का कटाव

प्लास्टिक के पदार्थों का उपयोग

खनीज पदार्थो का अत्यधिक उपयोग

बिजली का अधिक मात्रा मे उपयोग

वायु प्रदुषण – मनुष्य जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है| ठीक उसी तरह जो ऑक्सीजन का माध्यम है, वायु| इसी वायु को मनुष्य ने आधुनिकीकरण के चलते बहुत दूषित कर दिया है| जिसके चलते वायु प्रदुषण इतना बढ़ गया कि वो ही वायु सास की खतरनाक बीमारी में बदल गई है|

वायु प्रदुषण के मुख्य कारण

वाहनों का तेजी से उपयोग

रोजमर्रा की जिंदगी की होने वाले प्रदुषण

कारखानों के धुए से प्रदुषण

ध्वनि प्रदुषण – सामान्य जीवन में जीने के लिए, बोलना व सुनना बहुत ही आवशयक है | परन्तु सामान्य आवाज से ऐसी आवाज या तरंगे जिसे सुनना मुश्किल हो जाये ध्वनि प्रदुषण कहलायेगा|

ध्वनि प्रदुषण के मुख्य कारण

स्पीकर के उपयोग से

आधुनिक साधनों के उपयोग से

परिवहन के साधनों के उपयोग से

यह चार मुख्य और बड़े प्रदुषण है, इसके अलावा अन्य प्रदुषण-

 

रासायनिक प्रदुषण

प्रकाश प्रदुषण

भारत देश मे प्रदुषण की स्थति

नंबर शहर
1 दिल्ली, भारत का दिल और राजधानी जिसका प्रदुषण मे पहला स्थान आता है| जिसका मुख्य कारण आबादी माना जाता है|
2 पटना,बिहार की राजधानी जोकि, प्रदुषण के मामले में देश में दुसरे नंबर पर आती है| जहा प्रदुषण का मुख्य कारण जनसंख्याव्रद्धि , भुखमरी , अनपढ़ता है|
3 ग्वालियर, मध्यप्रदेश की एक बड़ा नगर जो भारत मे प्रदुषण के मामले मे तीसरे स्थान पर आता है| प्रदुषण के चलते एक पर्यटक एतिहासिक धरोहर दूषित हो रही है|
4 रायपुर,छतीसगढ़ की राजधानी कहा जाने वाला वह शहर जिसका प्रदुषण मे चौथा स्थान आता है| यहा प्रदुषण का सबसे बड़ा कारण बिजली के कारखाने, कोयले का उपयोग है|
5 अहमदाबाद, गुजरात का वह शहर जहा कपड़ो के कारखाने है| जिसके चलते हो रहे प्रदुषण के कारण ,इसका भारत के पाचवे नंबर पर स्थान है|
6 फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश का वह शहर है, जो चूड़ी बनाने और कांच के कारखानों के लिए प्रसिद्ध है| जिसके कारण भारी मात्रा मे प्रदुषण फैल रहा है|
7 अमृतसर, पंजाब का वह शहर जो की स्वर्ण मंदिर के कारण बहुत चर्चित है| जो की पर्यटक के स्थल के साथ खाने-पीने,यातायात के लिये भी प्रसिद्ध है| जिसके कारण यह प्रदुषण मे भारत में सातवे स्थान पर है|
8 कानपूर, उत्तर प्रदेश का वह शहर जोकि ,जनसंख्या व्रद्धि के चलते बहुत प्रदूषित हो चूका है|
9 आगरा, उत्तर प्रदेश का वह शहर जो ताजमहल के लिए विश्व में प्रसिद्ध है| लेकिन खनन और सुखी रेत के कारण बहुत प्रदूषित हो रहा है|
10 लुधियाना, सर्वे के अनुसार भारत का दसवां प्रदूषित शहर है| जोकि बढ़ते आधुनिकीकरण व उद्योग धंधो के कारण ही दूषित हो रहा है|

 

प्रदूषण की समस्या और समाधान

कैसे करे प्रदूषण की समस्या बंद-प्रदुषण अपने आप में इतनी बड़ी है जिसको, आसानी से खत्म तो नही किया जा सकता| परन्तु सोच को बदलते हुए ,छोटे-छोटे उपाय कर ,इस समस्या को जड़ से खत्म भी किया जा सकता है| और जिससे भारत को फिर से, स्वच्छ और सुरक्षित कर सकते है| जो स्वच्छ भारत का सपना हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देखा है| इसे बचाने के महत्वपूर्ण बिन्दु-

आधुनिकीकरण मे हर एक तकनीक का इतना अधिक से अधिक उपयोग हो रहा है, जिसके चलते ग्लोबलवार्मिंग का खतरा बहुत बढ गया है| जैसे- मोबाइल, कंप्यूटर, आधुनिक मशीनों कम से कम करे| जिससे का उपयोग निकलने वाली तरंगो को रोक कर ग्लोबलवार्मिंग के खतरे को कम किया जा सकता है|

वाहनों का कम से कम उपयोग करना चाहिए| जिससे खनीज पदार्थो की खपत को रोका जा सके|

मशीनों का उपयोग कम कर , हाथ से बनी वस्तु का उपयोग अधिक करे|

सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रो का उपयोग करे|

कृषि के लिए जैविक खाद का उपयोग करे|

बढ़ रहे प्लास्टिक के उपयोग को रोके और कचरे के रूप मे फेकें जाने वाले प्लास्टिक को रिसाइकिल कर उपयोग करे|

अधिक से अधिक पेड़-पोधो लगाये, जल का संग्रह कर उसका सदुपयोग करे|

देश से अंधविश्वास और अनपढ़ता को खत्म कर, नदियों मे मृत शरीर और अस्थियो का प्रवाह न करे|

प्रदुषण के सम्बन्ध मे समितियां और कानून

प्रदुषण जैसे विशाल समस्या की गंभीरता को देखते हुए कई कानून बनाये गये | जैसे-

भारतीय संविधान के 42वे संशोधन के बाद Artical 48a के अनुसार- पर्यावण का संरक्षण तथा संवर्धन, वन्य व वन्यजीवों की रक्षा राज्य करेगा| इसके आलावा Artical 51a मे भी इसका उल्लेख किया गया है|

केंद्रीय प्रदुषण नियन्त्रण बोर्ड(Central Pollution Control Board) ,(CPCB) इस समिति का निर्माण ,1974 को किया गया| जिसका कार्य नदियों तालाबो में हो रही गंदगी, वायु प्रदुषण, थलप्रदुषण, ध्वनि, रासायनिक,रेडियोधर्मी प्रदुषण को रोकना और देश को साफ-स्वच्छ रखना है|

प्रदुषण निवारण नियन्त्रण अधिनियम,1974 मुख्य रूप से तथा इसके अलावा कई छोटे-छोटे अधिनियम बने| जैसे-

  • वायु प्रदुषण अधिनियम
  • जल प्रदुषण अधिनियम
  • ध्वनि प्रदुषण अधिनियम
RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular