Sunday, April 28, 2024
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कैसे करें आप भी स्टेम सेल के प्रकार उपचार और लाभ  Stem Cell Types, Treatment, Therapy and Benefits in hindi

कैसे करे आप भी स्टेम सेल प्रकार-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको कैसे करे स्टेम सेल के बारे में बताने जा रहा हु। किसी शरीर के एम्ब्रियोनिक विकास के बाद पूरे शरीर में यह सेल्स पायी जाने लगती है. यह स्टेम, ब्रेन टिश्यू, रीढ़ की हड्डी, रक्त, रक्त नलिका आदि में पायी जाती है, तथा इनकी रचनात्मक कार्यों में खूब मदद करती है. यह कई वर्षों तक अविभाजित रह सकती हैं. इनका विभाजन तभी संभव होता है, जब शरीर में किसी तरह का रोग नहीं होता अथवा कोई शारीरिक अंग घायल नहीं हो जाता, यानि टिश्यू इंजरी के दौरान मुख्य तौर पर यह स्टेम सेल विभक्त होना शुरू होती है.

कोई एडल्ट स्टेम सेल अनिश्चित रूप से विभक्त अथवा अपना पुनर्नवीनीकरण (सेल्फ़ – रिन्यू) कर सकती है. इस विभाजन के कारणवश विभिन्न कोशिकाओं का निर्माण होता है. किसी भी व्यस्क ऊतक और उसके स्त्रोत ऊतक में अंतर करने की क्षमता एक सीमा तक निर्धारित होती है, किन्तु अन्य तरह की कोशिकाओं के निर्माण के लिए स्टेम सेल अंतर तैयार कर सकती हैं.

एम्ब्र्योनिक स्टेम सेल क्या है

कैसे करे आप भी स्टेम सेल प्रकार-एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल की उत्पत्ति किसी मनुष्य के चार से पांच दिन पुराने एम्ब्र्यो से होती है. यह 4-5 दिन एम्ब्र्यो के विकास का ब्लास्टोसिस्ट फेज होता है .ऐसे एम्ब्र्यो आमतौर पर आईवीएफ़ (इन विट्रो फलन) क्लिनिक में बनाए जाते हैं. इस क्लिनिक मे इन अण्डों को टेस्ट ट्यूब की सहायता से फ़र्टिलाइज करा कर कार्य में लाया जाता है.




किसी पुरुष का शुक्राणु किसी महिला के ओवम से मिलने पर लैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया शुरू होती है. इस प्रक्रिया में जिस सेल का निर्माण होता है, उसे युग्मनज कहा जाता है. फिर यह युग्मनज विभक्त होना शुरू होता है और 2, 4, 8, 16 आदि संख्याओं में सेल का निर्माण करता है. युग्मनज के युरेट्स में दाखिल होने से पहले इस सेल समूह को ब्लास्टोसिस्ट कहा जाता है. किसी ब्लास्टोसिस्ट के आंतरिक सेल समूह हो एम्ब्र्यो ब्लास्ट और बाह्य सेल समूह को ट्रोफोब्लास्ट कहा जाता है. बाहरी कोशिका समूह प्लेसेंटा का एक अंश हो जाता है और आंतरिक सेल समूह एक वयस्क जीव के बनने के सभी संरचनाओं में निहित करता है. यह आंतरिक शैल समूह एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल के उत्पन्न होने में साहयक होता है. जीव विज्ञान की भाषा में इसे ‘टोटीपोटेंट सेल’ भी कहा जाता है

किसी आम गर्भावस्था के दौरान ब्लास्टोसिस्ट प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक कि एम्ब्र्यो यु रेट्स में दाखिल नहीं हो जाता. इस स्थिति में एम्ब्रियो को फ़ीटस कहा जाता है. यह प्रक्रिया गर्भकाल के 10 वें सप्ताह से आरम्भ हो जाता है और गर्भ में प्रारंभिक अवस्था में बच्चे के विभिन्न मुख्य अंगों का विकास आरम्भ हो जाता है.

स्टेम सेल की संरचना

कैसे करे आप भी स्टेम सेल प्रकार-किसी स्टेम सेल की उत्पत्ति या तो एडल्ट टिश्यू अथवा जाईगोट (युग्मनज) के विभक्त होने से बनता है, इसी आधार पर इसकी संरचना भी होती है. टेस्ट ट्यूब द्वारा निर्माण में वैज्ञानिक इसे इस स्थिति में रखते हैं कि यह आसानी से विभक्त हो सके. शोध के अनुसार कि किसी एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल में संख्याओं का विकास किसी एडल्ट स्टेम सेल की संख्या से बहुत अधिक होता है.

स्टेम सेल लाइन

एक बार किसी स्टेम सेल को विभक्त होकर संयमित रूप से विकसित होने का अवसर मिलता है, उस समय सभी स्वस्थ, विभक्त तथा अविभक्त सेल के समूह को स्टेम सेल लाइन कहा जाता है. विभिन्न शोध कर्ताओं ने ऐसे स्टेम सेल को खुद से संचालित करने का प्रयत्न किया है. एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल एडल्ट स्टेम सेल से अधिक मात्रा में विभाजित हो सकता है.

स्टेम सेल्स की प्रभावशालिता

स्टेम सेल को मुख्य तौर पर इनकी अन्य सेल में विभाजन क्षमता के आधार पर विभाजित किया जाता है. एम्ब्रियोनिक सेल को अधिक प्रभावशाली सेल कहा गया है, क्यों कि इसकी सहायता से बनने वाले सेल में विभिन्नतायें अधिक है.

टोटीपोटेंट (totipotent definition biology) टोटीपोटेंट किसी स्टेम सेल का वह गुण है, जिसके प्रयोग से यह सेल दो अन्य सेल में असमानता ढूंढ़ने का कार्य करता है. उदाहरण स्वरूप लैंगिक प्रजनन के द्वारा किसी एक जाइगोट का निर्माण और एक जाईगोट से विभिन्न कोशिकाओं का निर्माण.

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प्लुरीपोटेंट (pluripotent definition) लगभग सभी तरह के सेल में अंतर करने के गुण को प्लुरीपोटेंट कहा जाता है. उदारहण के तौर पर एम्ब्रोयोनिक स्टेम सेल तथा वैसे सेल जिनकी उत्पति मेसोडर्म, इंडोड्रम या एक्टोडर्म जर्म लेयर, जिसकी उत्पत्ति एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल विभाजन के आरम्भिक स्तर से हुई है.

मल्टीपोटेंट (multipotent stem cells) लगभग एक ही परिवार के दो सेल के बीच में फ़र्क करने की क्षमता को मल्टीपोटेंट कहा जाता है. उदाहरण के तरफ से हेमाटोपोईटिक, जो कि एडल्ट स्टेम सेल का ही एक रूप है, वह लाल अथवा श्वेत रक्त कणिका अथवा प्लेटलेट्स में परिवर्तित होती है.

ओल्गियोपोटेंट (oligopotent stem cells) इसमें भी दो सेल के बीच अंतर पता करने की क्षमता है. इस क्षमता का प्रयोग करके दो कोशिकाओं में अंतर करने वाले सेल में लिम्फोइड या माइलॉयड स्टेम सेल बेहद अच्छे उदाहरण हैं.


यूनीपोटेंट (unipotent stem cells) सिर्फ अपनी तरह की सेल्स की उत्पत्ति का गुण यूनीपोटेंट कहलाता है. हालांकि इस प्रकार के सेल में यह गुण होता है कि वह अपना पुनर्नवीनीकरण करती हैं और स्वयं को स्टेम सेल में भी परिवर्तित कर सकते हैं. उदाहरण मसल स्टेम सेल.

एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल को टोटीपोटेंट के स्थान पर प्लरीपोटेंट माना जाता है, क्योंकि इनके पास एक्स्ट्रा– एम्ब्रियोनिक सेल अथवा प्लेसेंटा में शामिल होने का गुण नहीं होता है.

स्टेम सेल की सहायता से उपचार

स्टेम सेल की सहायता से इन दिनों कई तरह के रोगो उपचार किये जा रहे हैं. उपचार की यह पद्धति एकदम अनोखी है. इस उपचार पद्धति का इस्तेमाल वर्ष 1960 से ही विभिन्न तरह के रोगों के इलाज हेतु करते है. ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के लिए पहली बार कॉर्ड ब्लड स्टेम का प्रयोग वर्ष 1980 में किया गया. युम्बिलिकल कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल का प्रयोग लगभग 10000 से भी अधिक ट्रांसप्लांटेशन में किया गया है. इसकी सहायता से जिन रोगों का उपचार हो सकता है, उनमें से मुख्य रोगों का नाम नीचे दिया जा रहा है.

इसकी सहायता से विभिन्न तरह के एक्यूट लयूकेमिया जैसे Acute Lymphoblastic Leukemia, Acute Myelogenous Leukemia, Acute Biphenotypic Leukemia, Acute Undifferentiated Leukemia आदि रोग का उपचार किया जाता है.

क्रोनिक ल्यूकेमिया के उपचार में सेल का इस्तेमाल करते आ रहे है, जैसे Chronic Myelogenous Leukemia, Chronic Lymphocytic Leukemia आदि. ‘

Myelodysplastic Syndromes का भी इलाज इस की सहायता से संभव किया जाता रहा है.

कई Histiocytic Disorders जैसे Familial Erythrophagocytic Lymphohistiocytosis, Histiocytosis-X आदि का भी इलाज इससे संभव  हो सकता है.

स्टेम सेल थेरेपी

कैसे करे आप भी स्टेम सेल प्रकार-स्टेम सेल थेरेपी इस समय लगभग सभी बड़े अस्पतालों में उप्लब्ध है. यह मेडिकल के रिजेनरेटिव मेडिसिन ब्रांच के अंतर्गत आता है. इस थेरेपी के दौरान शरीर का क्षतिग्रस्त भाग में अविभाजित सेल को इंजेक्ट करते है. यह अविभाजित सेल प्लुरीपोटेंट सेल होता है, जो अक्सर कई स्वस्थ मनुष्य के अंतर्गत पाया जाता है. इस थेरेपी की सहायता से Parkinson, Alzheimer, leukemia आदि का इलाज बेहद आसानी से किया जाता है.

स्टेम सेल से लाभ

कैसे करे आप भी स्टेम सेल प्रकार-स्टेम से सीधा सीधा लाभ यह प्राप्त है, कि इसकी सहायता से बड़े बड़े रोगों का निदान हो रहा है. और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन में ग्राफ्ट रिजेक्शन की संभावना बहुत कम होती है.

स्टेम सेल एक रिजेनरेटिव मेडिसिन है. यह एक बहुत ही अधिक सफल और प्रचलित उपचार पद्धति का अंश है. इसका उपयोग एक लम्बे समय से विभिन्न तरह के उपचार में किया जा रहा है.

एक ही वंश के कई लोगों में leukocytes antigen एक जैसे होते हैं. अतः किसी व्यक्ति को उपरोक्त रोगों में कोई सा भी होता है, तो अन्य परिवारवालों के शरीर से इसे लेकर उपचार किया जा सकता है.



आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इसे स्टोर करके भी रखा जाने लगा है, अतः जिस भी वक्त इसकी आवश्यकता होती है, इसे स्टेम सेल बैंक से पाया जा सकता है. ब्लड बैंक की ही तरह ही स्टेम सेल बैंक भी बनाए गये हैं

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