क्या है ‘यशोभूमि’ – दोस्तों जैसा की आप लोग जानते है की हमारे प्रधानमंत्री जी ने अपने जन्मदिन के दिन यानि 17 सितम्बर 2023 को समस्त देशवासियो को ये तीन बड़ी सौगाते दी। पहली द्वारक सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक मेट्रो की सुविधा शुरू की। दूसरी यशोभूमि इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन व् प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को भी लांच किया। आज हम जानेगे यशोभूमि की विशेषतओं के बारे में। तोह चलिए शुरू करते है
दोस्तों आपको जानकर बहुत ख़ुशी होगी की ‘यशोभूमि’ दुनिया की सबसे बड़ी मीटिंग, कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिशन फैसिलिटी है। भारत में स्तिथ है।
कितनी लगत में बन के तैयार हुआ ‘ यशोभूमि ‘
क्या है ‘यशोभूमि’ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन (PM Modi Birthday) के मौके पर देश को एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में ‘यशोभूमि’ के पहले चरण का उद्घाटन किया. यह सबसे बड़ा इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (IICC) है. यशोभूमि प्रोजेक्ट की कुल लागत 25,703 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले फेज की लागत 5400 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
कितने लाख वर्ग में बना हुआ है ‘ यशोभूमि ‘
क्या है ‘यशोभूमि’ – इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर कई माईनों में काफी खास है. यह बहुत ही विशाल और भव्य है. इसका कुल परियोजना क्षेत्र 8.9 लाख वर्ग मीटर का है. जिसमें कन्वेंशन सेंटर क्षेत्र 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक में है. इस कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 11,000 लोग आसानी से बैठ सकेंगे. 73 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा में बने कन्वेंशन सेंटर में मेन हॉल, ग्रैंड बॉलरूम समेत 8 मंजिला कॉन्वेंशन सेंटर है.
इसमें 15 कन्वेंशन रूम और 13 मीटिंग रूम शामिल हैं. इस कन्वेंशन सेंटर में बड़ी बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनियां आयोजित की जा सकेंगी. इसका मुख्य सभागार 73 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है. मुख्य सभागार में 6000 लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके साथ ही यशोभूमि में अनोखी पंखुड़ी वाला भव्य वॉल रूम है. जिसमें 2500 लोगों के बैठने की क्षमता है.
यशोभूमि में भारतीय संस्कृति की दिखेगी झलक
यशोभूमि में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, क्योंकि इसे बनाने में भारतीय संस्कृति से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल किया गया है. इसके छत पर सौर पैनल लगाया गया है. यशोभूमि को बनाने में जल संरक्षण पर खास जोर दिया गया है. ‘यशोभूमि’ में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों जैसी सुविधा मौजूद होगी.
सम्मेलन केंद्र भवन का वास्तुशिल्प डिजाइन भारतीय परंपराओं से प्रेरित है। इमारत का आकार शंख के जैसा है। ‘जीरो टू इसरो’ यह अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि को दर्शाता है। वहीं, पंचमहाभूत आकाश, वायु, अग्नि, जल व पृथ्वी तत्व के सार्वभौमिक आधार को भी रेखांकित किया गया है।
1.07 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में बने इन प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, बिजनेस मेलों और बिजनेस कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा. इसकी छत को तांबे से खास रूप से डिज़ाइन किया गया है. इसमें रोशनी के लिए जगह-जगह रोशनदान बनाए गए हैं. यहां मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज,टिकटिंग जैसे बहुत से हेल्पिंग एरिया होंगे.
इसी के साथ में आज के इस लेख समाप्त करना चाहूंगा आशा करता हूँ आपको मेरा ये लेख पसंद आया होगा।
धन्यवाद।
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