Thursday, May 2, 2024
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ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से फातिहा करने का तरीका- Khwaja Garib Nawaz Ki Fatiha Ka Tarika

ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से फातिहा करने का तरीका- सब से पहले अपने सामने शिरनी रख के बैठ जाइये और अगरबत्ती जलाये इसके बाद सब से पहले 5 से 7 बार दरूद शरीफ पढ़े जो आपको याद हो उसके बाद कोई भी एक सूरत पढ़े जो इसके बाद एक बाद कुल या अय्योहल काफेरून पढ़े

इस्लाम को कबूल करे और हमसे जुड़े 🤲




ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से फातिहा करने का तरीका

कुल या अय्योहल काफेरून हिंदी

कुल या अय्युहल काफिरुन
ला आअबुदू मा ताअबुदून
वला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद
वला अना आबिदुम मा अबत्तुम
वला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद
लकुम दीनुकुम वलि यदीन

इसके बाद तीन बार कुल हुव्वल लाहू अहद यानी सुरे इखलास पढ़े

सुरे इखलास हिंदी

बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम

कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाहुस समदलम यलिद वलम यूलद
वलम यकूल लहू कुफुवन अहद ।

  • इसके बाद तीन बार कुल हुव्वल लाहू अहद यानी सुरे इख्लाश पढ़े
  • इसके बाद एक बार कुल आऊजु बी रब्बिल फलक यानी सुरे फ़लक पढ़े
  • इसके बाद कुल आऊजु बी रब्बिन नाश यानी सुरे नाश एक बार पढ़े
  • इसके बाद एक बार अल्हम्दुलिल्लाह यानि सुरे फातिहा पढ़े
  • एक बार सुरे बकरा अलिफ़ लाम मीम से मुफ्लेहून तक पढ़े
  • इसके बाद एक बार आयते खमसा पढ़ना है

आयते खामशा हिंदी

व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद, लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम । इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन । वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन । मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा । इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा


इसके बाद आपको दरूद शरीफ पढ़े कोई भी दरूद शरीफ पढ़े आपको निचे हिंदी में दरूद शरीफ दिया उसे पढ़े
दरूद शरीफ हिंदी

सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज्जति अम्मा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलीन वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन.

इसके बाद अल फातिहा कहते हुए हाथ उठायें और कहें: या अल्लाह मैंने जो कुछ भी पढ़ा चंद सूरते पढ़ी आयते पढ़ी और उसके बाद आप जो आप कुरान ,पारा या सुरे बखसना चाहते हैं उसका भी नाम लें मान लीजिये आप 5 पारा बखसना चाहते है तो यू कहना है या अल्लाह पांच पारा पढ़ा गया इन सब के पढने में अगर कही गलती हो गई हो तो इसे आपने रहमो करम से मुआफ फरमा दे और इन सब चीज़ों का सवाब सब से पहले हमारे आका हजरत मुहम्मद मुश्तफा सल्लाहु अलैहि वसल्लम को कबूल अता फरमा

आपके सदके तुफैल से तमाम अम्बिया ए कराम शहाबा ए अजाम उम्माहतुल मुस्लेमीन तमाम औलिया उलमा सोह्दा सुवालेहीन और सोह्दाये क़र्बोबाला में जो 72 लोग शहीद हुए इमाम हसन और हुसैन रजि० को नजर करता हूँ और कबूल फरमा साथ ही साथ आदम अलैहिस्सलाम से लेकर अब तक जितने भी औलिया उलमा इस दुनिया में तशरीफ़ लाये हैं सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा.

इसके बाद आप जीने फातिहा लगते है उनके नाम के आगे बिल्खुसुस लगाते है और इन सब चीज़ों का सवाब हजरत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिस्ती अजमेरी रजि० को नजर करता हूँ कबूल फरमा.

ख्वाजा गरीब नवाज का असली नाम क्या है?

ख्वाजा गरीब नवाज का असली नाम हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी है। वह 12वीं शताब्दी के एक सूफी संत और विद्वान थे। वे चिश्ती सूफीवाद के संस्थापकों में से एक थे और उन्हें “सुल्तानुल हिंद” के नाम से भी जाना जाता है।

उनका जन्म 1141 में ईरान के सिस्टन प्रांत में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्दुल हक और माता का नाम अमीनतुन्निसा था। उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में धार्मिक शिक्षा प्राप्त की और फिर सूफीवाद की शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने गुरु बाबा फरीदुद्दीन गंजशकर के साथ यात्रा की।


ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने 1192 में भारत की यात्रा की और अजमेर में बस गए। उन्होंने अजमेर में एक दरगाह का निर्माण किया, जो आज भी उनकी याद में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती एक महान सूफी संत और विद्वान थे। उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया और उन्हें इस्लाम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्हें भारत में सूफीवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।

ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से फातिहा करने का तरीका- ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से उन्हें इसलिए जाना जाता है क्योंकि वह हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते थे। वह एक दयालु और करुणामयी व्यक्ति थे और उन्हें सभी धर्मों और जातियों के लोगों से प्रेम था।




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