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महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है
महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है- महावीर जयंती जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह महावीर स्वामी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है जो जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से एक थे। उनके जीवन और उपदेशों का महत्व जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जैन धर्म का मूल तत्त्व अहिंसा और अनेकांतवाद है, जो एक समझदार और सामान्य व्यक्ति को जीवन के लिए उपयोगी समझाते हैं। महावीर स्वामी ने भी इन्हीं मूल तत्त्वों को अपने उपदेशों में जोड़ा था। वे अपने जीवन के दौरान अहिंसा और सत्य को प्रचारित करने के लिए प्रयासरत रहे थे। इसलिए महावीर जयंती का उत्सव जैन समाज के लोगों के लिए उनके जीवन और उपदेशों को याद करने और उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
महावीर जयंती जैन समुदाय के लोगो के लिए एक महत्त्वपूर्ण पर्व है. इस जयंती के दिन को भगवान महावीर जी का जन्म हुआ था इसलिए और इस दिन महावीर स्वामी जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को एक उत्सव के रूप मनाया जाता है. महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थकार थे. हिंदू धर्म के अनुसार, चैत्र मास के 13वें दिन महावीर स्वामी का जन्म हुआ था.महावीर जी का जन्म बिहार के कुंडलपुर के राज परिवार में हुआ था.
भगवान महावीर जी को बचपन में ‘वर्धमान’ नाम से भी जाना जाता था. इनके पिता जी का नाम महाराज सिद्धार्थ और माता का नाम महारानी त्रिशला था. महावीर स्वामी ने 30 साल की उम्र में ही अपना घर-बार छोड़ दिया था और उसके बाद इन्होने 12 साल तपस्या की ।
इस वर्ष महावीर जयंती 17 अप्रैल को आ रही है . कई जगह ये पर्व को महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के नाम से भी जाना जाता है तथा महावीर जी की लोकप्रियता काफी अधिक है . इन दिन मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्ति की स्थापना की जाती है तथा उनका विशेष रूप से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद उनकी मूर्ति को रथ पर ले जाकर वह पर स्थापित किया जाता है. महावीर जी ने अपने जीवन में कठिन तपस्या करके अपने जीवन में विजय प्राप्त की थी इसलिए उनकी विजय को मानते हुए यह त्योहार मनाया जाता है.
महावीर स्वामी ने हमें हमारे जीवन में कई उपदेश दिए हैं और उनका मानना था कि मनुष्य को जीवन में कभी भी असत्य नहीं करना चाहिए और कभी भी किसी भी जीव-जंतु पर किसी प्रकार का कोई अत्याचार और हिंसा नहीं करनी चाहिए।
महावीर जयंती कब है
महावीर जयंती 2023 में 5 अप्रैल को है।
महावीर जयंती कैसे मनाते है
महावीर जयंती को जैन समुदाय द्वारा बहुत उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार समुदाय के सदस्यों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन कुछ लोग विशेष पूजा और उपवास करते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण तरीके दिए गए हैं जो महावीर जयंती मनाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
पूजा अर्चना: महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
उपवास: कुछ लोग महावीर जयंती के दिन उपवास रखते हैं।
समुदाय के साथ समय बिताना: यह एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका है जिससे लोग महावीर जयंती का जश्न मनाते हैं। समुदाय के सदस्यों के साथ समय बिताकर विभिन्न धर्मिक गतिविधियों में भाग लेना इस दिन को और भी खास बनाता है।
दान देना: लोग जो चाहते हैं, उन्हें दान देकर अन्य लोगों की मदद कर सकते हैं।
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महावीर जयंती का इतिहास
महावीर जयंती जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो महावीर स्वामी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं जिनका जन्म सम्प्रदाय के अनुसार लगभग 2500 वर्ष पहले हुआ था।
महावीर स्वामी का जन्म वर्ष 599 ईसा पूर्व के लगभग होने का विश्वास है। वे राजपूत क्षत्रिय जाति से संबंधित थे और उनके पिता का नाम सिद्धार्थ था। महावीर स्वामी के पूर्वजों ने बहुत समय तक धर्म शिक्षा प्रदान की थी जो उनके बड़े भाई नंदिवर्धन ने जारी रखी थी।
महावीर स्वामी ने अपने जीवन में बहुत से महत्वपूर्ण तत्वों का विकास किया जैसे अहिंसा, सत्य, असंयम आदि। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में समस्त अवशेषित असंयम और कषायों को दूर कर दिया था। वे निर्वाण को प्राप्त हुए थे जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है।