Monday, April 29, 2024
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मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि

  1. हेलो मेरा नाम पारुल है और में अज्ज आप सब को मासिक कार्तिगाई के बारे में कुछ जानकारी दे सकती हु।

मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि



मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-दक्षिण के तरफ रहने वाले जितने हिन्दू हे जैसे;-  तमिल में रहने वाले हिन्दू केरला में रहने वाले हिन्दू  और श्रीलंका में रहने वाले हिन्दू इन सब का एक जोरो-शोरो से मनाये  जाने वाला त्योहार है ये त्योहार।  इस त्योहार को मासिक कार्तिगाई  के नाम से जाना जाता है। इसको पूर्णिमा में हर महीने मनाया जाता है। परन्तु हर महीने मनाये जाने के बाद भी कार्तिक महीने के पूर्णिमा में मनाई जाने वाली मासिक कार्तिगाई बड़े धूम-धाम और जोरो-शोरो से मनाई जाती है, और इस त्योहार को देखने के लिए इस दिन अलग अलग जगह से लोग आते है। यह दक्षिण का एक बोहोत ही बड़ा त्योहार है। वार्षिक कार्तिगाई दीपम का महत्वया एकदम ही हमारे हिन्दू के दीपावली के जितनी महत्वपूर्ण है।

मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-यह तमिल हिन्दुओ की सबसे पुराणी त्योहारो मेसे एक है। इस दिन सब अपने अपने घरो के तेल के डीओ से रोशन करते है। कार्तिगाई दीपम  यह नाम एक नक्षत्र के नाम पे रखा गया है।  इसका अर्थ यह है की जिस दिन कार्तिगाई दीपम मनाया जाता है उस दिन यह मन जाता है की यह नक्षत्र काफी प्रबल माना जाता है।


मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-ऐसा मन जाता हे की भगवान् शिव इस दिन भगवान् विष्णु और भगवान् ब्रम्हा के सामने एक ख़तम ना होने वाली डीप बनकर प्रकट होते है।  इस समय भगवान विष्णु और भगवान ब्रम्हा दोनों को यह जानने की बड़ी इच्छा थी की इनमेसे से सर्वश्रेष्ठ कोन है। तब भगवान शिव अंतहीन डीप बनकर प्रकट होते हे और और शिव जी के इस रुक का अंत ढूंढ ने में तूल जाते है।  और उनका अंत न मिलने पर उन दोनों को यह एहसास होता है की भगवान विष्णु और भगवान ब्रम्हा को यह पता चलता हे की वह दोनों सामान है सबसे सर्वश्रेष्ठ भगवान शिव है। इसीलिए इस दिन भगवान शिव के इस रूप की पूजा की जाती है।

मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-यह ज्योति का त्योहार है। इस दिन जलाये गए डिपो का बोहोत महत्व होता है।  ऐसा माना जाता है की उस दिन दीपक जलने से बुरी शक्तिया घर प्रवेश नहीं कर पति उससे हमारे जीवन में किसी बुरी शक्ति का प्रवेश करना भी असंभव होजाता है।  इससे साड़ी बुराइया ताल जाती है और जीवान में आचायो का प्रवेश हो जाता है।

यह दिन भाई बहेनो के लिए एक रक्षाबंधन और भैया दूज के तोर पर भी मनाया जाता है।  यह भाई बहेनो के रिश्ते के लिए काफी खास दिन भी मनाया जाता है।


मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्योहार के लिए ये सामान बोहोत ही ज़रूरी है

  1. मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-जैसे की ;- दीपक
  2. धागे/ बाती
  3. तेल और घीऔर सुपारी
  4.  केला
  5.  धुप और कपूर नारियल
  6. नैवेद्य:- पूरी, कचौड़ी और चावल
  7. काला गुड
  8. कच्चा चावल, और अप्पम बनाने के लिए आटा
  9.  नारियाल
  10. पायसम बनाने के लिए मूँग डाल और अरवा चावल

मासिक कार्तिगाई एवं कार्तिगाई दीपम त्यौहार 2023 महत्व कथा एवं पूजा विधि-यह पूजा कुल तीन दिनों तक चलती है। विधिवत पूजा करने के लिए नीचे दिए गये निर्देशों पर ध्यान दें। हर साल पूजा में एक नई कंदील खरीदने का परंपरा चलता आया है। पूजा से एक दिन पहले घर और घर के सामानो को अचे से साफ़ किया जाता है। पूजा वाली शाम को 5 से 7 दिए जलाये जाते है। और घर के सामने रंगोली भी बनाई जाती है।  इसके बाद डिपो को घर से बहार ले जाकर डीप को जलाया जाता है। इसके बाद देवी देवताओ के सामने बैठकर।  धुप अगरबत्ती और दियो से देवी देवताओ की पूजा की जाती है। उसके बाद सच्चे मन से उनसे आशीर्वाद मांगकर हमें सबकी शुभ कामनाओं की दया करनी चाहिए। अब्ब आरती ख़तम होने के बाद हमें घर के सभी को पैर चुकार प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

इस तरह से ये पूजा समाप्त होती है। हर महीने इस पूजा को छोटे रूप में भी किया जा सकता हे परन्तु कार्तिक के महीने ये बड़ा करके मनाया सुबह मानाजाता है।

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