(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको मैडिटेशन के बारे में बताने जा रहा हु। आजकल लोगों की दिनचर्या ऐसी हो गई है कि उनके पास खुद के लिए समय ही नहीं होता है. वे हमेशा अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, जिसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है. इस कारण उन्हें आगे जाकर तनाव जैसी बीमारी का सामना भी करना पड़ सकता है. किन्तु यदि वे अपनी रोज की दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करेंगे, तो यह उनके लिए सेहतमंद हो सकता है. इसके लिए सुबह कुछ समय निकाल कर मैडिटेशन करना बहुत अच्छा विकल्प होगा. कुछ साल पहले मैडिटेशन को विश्व स्तर पर शुरु किया गया था. जिस दिन इसकी शुरुआत की गई थी, उस दिन को लोग विश्व मैडिटेशन दिवस के रूप में मनाते हैं. यह कैसे मनाया जाता है और इसका इतिहास एवं अन्य जानकारी जानने के लिए नीचे देखें.
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ध्यान मैडिटेशन दिवस की महत्वपूर्ण जानकारी
नाम | विश्व मैडिटेशन दिवस |
विश्व मैडिटेशन दिवस | 15 मई |
राष्ट्रीय मैडिटेशन दिवस | 31 मई |
अंतर्राष्ट्रीय पीस दिवस | 21 सितम्बर |
मनाने का तरीका | सामूहिक मैडिटेशन करके |
विश्व एवं राष्ट्रीय ध्यान मैडिटेशन दिवस कब मनाया जाता है
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –वैसे तो विश्व मैडिटेशन दिवस 15 मई को मनाया जाता है, किन्तु कुछ लोग इसे 13 मई को गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के जन्मदिन के दिन, तो कुछ लोग 6 अगस्त को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से मनाते आ रहे हैं. इस तरह इसे लोग अलग – अलग दिन मनाते हुए इस दिवस को अलग – अलग इतिहास के साथ जोड़ते हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर अर्थात भारत में राष्ट्रीय ध्यान दिवस 31 मई को मनाया जाता है।
मैडिटेशन ध्यान दिवस 2021 (World Meditation Day 2021)
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –सन 2021 में विश्व मैडिटेशन दिवस 15 मई को विश्व स्तर पर मनाया जायेगा, जिसमें कुछ कार्यक्रमों का आयोजन कर सामूहिक रूप से मैडिटेशन किया जायेगा. 31 मई को संपूर्ण भारत में ध्यान दिवस मनाया जातााा है। इसी दिन देश के सभीीी लोगों को ध्याान के प्रति आकर्षित कियाााा जाता है ताकि ध्यान के महत्व को समझ सके।
ध्यान दिवस का इतिहास
विश्व मैडिटेशन दिवस के इतिहास के बारे में कई लोगों द्वारा अलग – अलग जानकारी दी गई है जैसे-
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –कुछ लोग कहते हैं कि मैडिटेशन की शुरुआत लगभग 1500 ईसा पूर्व में की गई थी. और यह दुनिया भर के कई धर्मों विशेष रूप से बौद्ध धर्म और अन्य पूर्वी धर्मों में प्रमुख भूमिका निभाता था. लेकिन यह सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि, यह उन लोगों द्वारा भी किया जाता था, जो न तो आध्यत्मिक हैं और न ही धार्मिक हैं. वे लोग केवल अपने तनाव को कम करना और अपने दिमाग को शांत एवं साफ रखना चाहते हैं
कुछ लोगों का मानना है कि विश्व मैडिटेशन दिवस 13 मई को गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. और यह इसलिए मनाया जाता है क्योकि इसी दिन उन्होंने एक आध्यात्मिक तकनीक ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ जैसे कार्यक्रम की आधारशीला रखी थी, जोकि हर दिन अनगिनत जीवन को ठीक करने और उन्हें आशा देने में मदद करता है. दरअसल पिछले 37 वर्षों में आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम के माध्यम से मैडिटेशन के लिए कई देशों से लाखों लोगों को इकठ्ठा किया गया, उन्हें तनाव से मुक्त किया गया और उन्हें अपने लिए बेहतर भविष्य की तलाश करने में मदद की गई. और यह सारा श्रेय रवि शंकर जी को जाता है.
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –कुछ लोग इसे 6 अगस्त के दिन भी मनाते हैं, क्योकि ऐसा माना जाता है कि 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम जिसे मानव जाति के द्वारा बनाया गया था, जापान के हिरोशिमा में गिराया गया था. यह उस समय का सबसे शक्तिशाली परमाणु बम था. जब यह बम गिराया गया था उस दौरान द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था. द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप अत्यधिक विनाश और अत्याचार ने दुनिया को युद्ध से काफी प्रभावित कर दिया था. लोग युद्ध के मौहोल को भूल नहीं पा रहे थे. ऐसे विनाश से उभरने के लिए एवं लोगों को जागृत करने के लिए दुनिया भर में मैडिटेशन शुरू करने का फैसला लिया गया. इसके लिए दुनिया में शांति बनाये रखने के उद्देश्य से एवं एक सामूहिक प्रयास के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र नामक एक संगठन बनाया गया.
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –फिर बौद्ध युवा (डब्ल्यूएफबीवाई) समिट मीटिंग की एक विश्व फेल्लोशिप के दौरान इस समिति ने मैडिटेशन का अभ्यास करने के महत्व और लाभ की घोषणा की. मैडिटेशन एक ऐसा अभ्यास था, जिसे किसी के भी द्वारा किया जा सकता था.
मैडिटेशन ध्यान का महत्व, उद्देश्य
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –विश्व मैडिटेशन दिवस हर किसी के जीवन में सबसे उत्कृष्ट दिनों में से एक है. आज के समय में इस दिन को मनाना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि रोजमर्रा की जिन्दगीं में लोगों को अपने काम से फुरसत नहीं मिलती है. आज लोगों की जिंदगी में ठहराव की कोई जगह ही नहीं बची है. लोग केवल भागते रहते हैं. अतः उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से शांत करने के लिए मैडिटेशन बहुत आवश्यक है.
इसमें केवल लोगों को सुबह 20 मिनिट के लिए खुद को ध्यान में लीन करना होता है, जिससे वे अपने दिमाग को शांत कर पाते हैं. बौद्ध धर्म के लोगों का मानना है कि भगवान बुद्ध मैडिटेशन के भगवान हैं. उन्होंने ही मैडिटेशन की शुरुआत की थी. इसलिए बौद्ध धर्म में इसका बहुत अधिक महत्व है.
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –इसके महत्व एवं इसके लाभ को लोगों तक पहुँचाने एवं उन्हें इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है. जब सभी लोग एक साथ इस दिन मैडिटेशन कर खुद को शांत करते हैं. इससे न केवल उनका मन एवं दिमाग शांत होता है बल्कि इससे वातावरण भी शांत हो जाता है. दुनिया के कोई भी नागरिक चाहे कहीं भी हो, मैडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं. आज इसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी घोषित किया जा सकता है, क्योकि विश्व शांति केवल तभी हासिल की जा सकती है, जब हर इंसान खुद को शांत रखें. मैडिटेशन के माध्यम से अपना मन एवं दिमाग शांत रखना ही सच्ची आंतरिक शक्ति है
मेडिटेशन ध्यान दिवस कैसे मनाया जाता है
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –मैडिटेशन दिवस मनाने के लिए लोग अपना दिमाग शांत करते हुए एवं अपनी भागती हुई जिंदगी को आराम देने के लिए कुछ समय के लिए मैडिटेशन करते हैं. मैडिटेशन अलग – अलग व्यक्तियों द्वारा अलग – अलग शारीरिक गतिविधि द्वारा भी किया जाता है. कुछ लोग इसे योग या अन्य व्यायाम गतिविधियों के माध्यम से करते हैं तो कुछ लोग जमीन पर पालथी मार कर बैठना पसंद करते हैं, उन्हें जो आसान लगता है वे उस तरह की गतिविधि से मैडिटेशन करते हैं. इसके अलावा वे मैडिटेशन करने के लिए एक ऐसी जगह का चयन करते हैं जहाँ वे शांति एवं आराम महसूस कर सकें. भले ही वह जगह स्नानघर हो, जिम हो या समुद्र या जंगल जैसी प्राकृतिक वातावरण वाली जगह हो. इसके बाद वे अपने आप को एक आरामदायक स्थिति में रखकर, अपनी आंख बंद करते हैं और लंबी साँस लेते हुए अपने दिमाग में चल रहे सभी विचारों को दिमाग से निकालने की कोशिश में लग जाते हैं.
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –यह काम शुरुआत में चुनौतीपूर्ण होता है. क्योकि अपने दिमाग से विचारों को निकालना आसान नहीं होता है, और हमारा दिमाग भी अपने दैनिक जीवन में ऐसी मानसिक शांति का आदी नहीं होता है. लेकिन यदि हम इसका अभ्यास करते रहें तो हमें इसके लाभ का आनन्द जरुर मिलेगा. बहुत से लोगों का कहना होता है कि एक वाक्य पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उन्हें अपने दिमाग को फोकस करने एवं खाली रखने में मदद मिलती है, वहीँ कुछ लोग यह भी मानते हैं कि बैकग्राउंड में सॉफ्ट संगीत सुनने से भी दिमाग शांत होता है.
इस प्रकार इस एक दिन लोग अलग – अलग तरह की गतिविधि के माध्यम से मैडिटेशन करते हुए इस दिन को मनाते हैं.
ध्यान दिवस पर कार्यक्रम
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –विश्व मैडिटेशन दिवस के दौरान बड़ी संख्या में विशेष कार्यक्रम होते हैं. मैडिटेशन सत्रों के लिए जिम, मनोरंजन केंद्र और लोकप्रिय स्थान, यहाँ तक कि कई योग स्टूडियो भी निर्देशित मैडिटेशन सत्र आयोजित करते हैं. प्रतिष्ठित लन्दन नाईट क्लब फैब्रिक, विश्व मैडिटेशन दिवस 2019 के दौरान इस तरह के आयोजन करने जा रहा है. लंदन में अधिकांश पार्कों को कुछ स्पॉट्स में बदल दिया जायेगा, ताकि लोग उसमें एक समूह में बैठ कर एक साथ मैडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं. किन्तु यह जरुरी नहीं है कि आप विश्व मैडिटेशन दिवस 2019 के इस तरह के निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल हो कर ही इसका लाभ उठायें. आप जहाँ रहते हैं वहीँ आसपास इस तरह का शांत वातावरण देखते हुए समूह में या अकेले ही मैडिटेशन कर सकते हैं.
इस तरह इस दिन लोग एक साथ इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर या अपने स्थानीय जगह में ही मैडिटेशन करते हुए अपने दिल और दिमाग दोनों को शांत करते हैं. अतः आपको भी अपने दिमाग को शांत रखने के लिए इस एक दिन ही नहीं बल्कि प्रतिदिन कम से कम 20 मिनिट मैडिटेशन करना चाहिए, यह आपके लिए काफी लाभकारी साबित होगा.
ध्यान मेडिटेशन दिवस पर नारे / सुविचार
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –मैडिटेशन आपके दिमाग को शांत करने का एक तरीका नहीं है, यह एक औसत व्यक्ति के दिमाग में पहले से ही हर दिन चल रहे कम से कम 50,000 विचारों को शांत करने का एक तरीका है.
हम जो सोचते हैं, वह निर्धारित करता है कि हमारे साथ क्या होता है, इसलिए यदि हम अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो हमें अपने दिमाग को फ़ैलाने की आवश्यकता है.
यदि आप जीवन की चिंता को जीतना चाहते हैं तो हर पल में जीयें, हर सांस में जीयें.
जितना अधिक व्यक्ति अच्छे विचारों का ध्यान करता है उसकी दुनिया उतनी ही अधिक बेहतर और बड़ी होगी.
(मैडिटेशन) दिवस 2023 का निबंध –अपने दिमाग को खाली करो वह पानी की तरह बिना किसी आकार एवं प्रकार का होना चाहिए. आप एक कप में पानी डालें, यह कप बन जाता है. आप पानी को एक बोतल में डालें तो यह बोतल बन जाती है. आप इसे एक चाय के बर्तन में डालें तो वह चाय का बर्तन बन जाता है. अतः जिस तरह पानी को जिस चीज में डालों वह उसका रूप ले लेता हैं आप भी इसी तरह बनें.
मैडिटेशन के दौरान आपका मेटाबोलिज्म और आपकी साँस दर आराम के स्तर पर जाती है, और यह गहरी नींद से दोगुनी होती है.
मन की ऊर्जा जीवन का सार है.
एक आदमी का दिमाग कई सारे विचारों से भरा होता है वह जो सोचता है वह बन जाता है.
आपमें वह परिवर्तन होना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.
अगर हम एकाग्रता की दिव्य कला को जानते हैं, और हम मैडिटेशन की दिव्य कला को जानते हैं, तो आसानी से और निश्चित ही हम आंतरिक दुनिया को एकजुट कर सकते हैं
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