Monday, April 29, 2024
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संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi

संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi


संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi संतोषी माता” भारतीय जनजाति की एक पौराणिक देवी है, जिन्हें शक्तिस्वरूप माना जाता है। वे संतोषी माता के रूप में पूजी जाती हैं और उन्हें खुशियों और संतोष की देवी माना जाता है। संतोषी माता की कहानी भारतीय लोककथाओं और पौराणिक कथाओं में मिलती है। उनकी कथा के अनुसार, एक बार दक्षिण भारत में एक गरीब जैविक आदमी था जिसका नाम भगवान था। भगवान की धर्मपत्नी का नाम लक्ष्मी था और वह अपनी स्त्री से अत्यधिक संतुष्ट नहीं था क्योंकि उनके पास धन और संपत्ति नहीं थी। लक्ष्मी ने दिन-रात तपस्या करके संतोषी माता की कृपा प्राप्त की और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उन्होंने उन्हें याचना की।


पद देवी
पिता भगवान श्री गणेश
माता रिद्धि और सिद्धि
भाई शुभ और लाभ
अस्त्र [Weapon] तलवार, चांवल से भरा हुआ सोने का पात्र और त्रिशूल
सवारी शेर
आसन कमल का फूल

 

संतोषी माता ने लक्ष्मी की याचना सुनी और भगवान के घर में धन और संपत्ति की वर्षा की। इससे भगवान का धन बड़ा बढ़ गया और वह खुश हो गए। इस परिणामस्वरूप, संतोषी माता को खुशियों और संतोष की देवी माना जाने लगा। इसी तरह, संतोषी माता की पूजा और व्रत करने से लोग खुशियों और संतोष की प्राप्ति की कामना करते हैं। विशेष रूप से, उनकी पूजा करते हैं जब वे कोई विशेष इच्छा पूरी करने की कामना करते हैं।

माँ संतोषी के जन्म की कथा (Santoshi Mata janm katha / story) 

संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi

दक्ष प्रजापति और उनकी पत्नी विराणी की पुत्री के रूप में माँ संतोषी का जन्म हुआ था। दक्ष प्रजापति ने अपने कई पुत्रों को दिया हुआ धार्मिक कार्यों का पालन नहीं किया था, जिसके कारण महादेव (भगवान शिव) का उनसे विरोध हो गया था। एक बार, दक्ष यज्ञ का आयोजन करने का निर्णय लिया, जिसमें वे सभी देवताओं को आमंत्रित करने वाले थे, केवल महादेव को नहीं। यज्ञ के महत्व को नजरअंदाज करने के लिए और महादेव के प्रति उनके द्वेष को दर्शाने के लिए दक्ष ने उनको यज्ञ में नहीं बुलाया। यज्ञ के अवसर पर, दक्ष और विराणी ने अपने घराने को सभी देवताओं के लिए खाना-पीना और आदर से आतिथ्य दिखाया, लेकिन महादेव को वे स्वागत नहीं करने के कारण उनकी आत्मा दुखित हो गई।

इस पर महादेव के प्रति संतोषी देवी की कृपा हुई और वे अपने पिता दक्ष के यज्ञ में प्रवेश करने लागीं। वहाँ पर, उन्होंने दक्ष की निंदा की और विरोध किया कि महादेव को यज्ञ से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए था।

माँ संतोषी के स्वरुप का वर्णन (Santoshi Mata Swaroop)

संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi माँ संतोषी का आकार आमतौर पर बच्चों के समान होता है, जिससे वे बालकों की माँ के रूप में पूजी जाती हैं। उनकी चेहरे पर प्रसन्नता और मुस्कान दिखती है, जिससे उन्हें “संतोषी” कहा जाता है, जिसका मतलब ‘संतोषित’ होता है।माँ संतोषी को आमतौर पर लाल वस्त्रों में विशेष रूप से पूजा जाता है। वे अपने लाल वस्त्रों और सुंदर आभूषणों में प्रस्तुत होती हैं, जो उनकी श्रृंगारिकता को बढ़ाते हैं।माँ संतोषी को आमतौर पर एक बच्चे को खिलाने वाली माँ के रूप में पूजा जाता है, जो आदिशक्ति का प्रतीक होता है। उनके स्वरूप में खुशी, संतोष और प्रसन्नता का आदान-प्रदान होता है।माँ संतोषी की पूजा विशेष रूप से बच्चों के जीवन में खुशियों और संतोष की कामना करने के उद्देश्य से की जाती है। उन्हें बच्चों की सुरक्षा और खुशियों की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है।भक्त लोग माँ संतोषी के व्रत और पूजा करके उनसे बच्चों के लिए संतोष और खुशियों की प्राप्ति करने की कामना करते हैं। इस पूजा में लाल फूल, मिश्री, व्रत की प्रसाद और बच्चों की खिलोने आदि को चढ़ाया जाता है। संतोषी माता व्रत कथा

माता संतोषी की पूजा के रीति – रिवाज़ (Santoshi Mata Pooja Rituals] 

माता संतोषी की पूजा विशेष रूप से बच्चों के लिए की जाती है, इसलिए बच्चों के जन्मदिन या किसी खास मौके पर इस व्रत की शुरुआत की जा सकती है।व्रत की शुरुआत आमतौर पर किसी मंदिर या पूजा स्थल में होती है, जहाँ पर भक्त ध्यान और श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। माता संतोषी की पूजा में आमतौर पर भक्त लाल वस्त्र पहनते हैं और सुंदर आभूषणों से सजते हैं, जिससे उनकी प्रसन्नता की आदर्श तस्वीर बनी रहे। व्रत के दौरान भक्त लाल फूल, मिश्री, और व्रत की प्रसाद (आमतौर पर चावल, दूध, गुड़ आदि) को माता संतोषी के चरणों में चढ़ाते हैं। संतोषी माता व्रत कथा

इस पूजा में बच्चों को खास महत्व दिया जाता है। वे अपनी प्रिय खिलोने और खेलने के सामग्री को भी चढ़ाते हैं, जिससे माता संतोषी उनके संतुष्ट और खुश रहने की कामना करें।व्रत के दौरान आरती और भजनों का आयोजन किया जाता है, जिनमें माता संतोषी की महिमा गाई जाती है और भक्त उनकी पूजा करते हैं।व्रत के दौरान माता संतोषी की कथा सुनाने का परंपरागत अभियांतरण होता है, जिसमें भक्त उनकी महिमा और शक्तियों का वर्णन करते है संतोषी माता पूजन विधि

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री (Santoshi Mata Pooja Samagri)-:

  • माँ संतोषी का फोटो
  • कलश,
  • पान के पत्ते
  • फूल
  • प्रसाद के रूप में चना और गुड़
  • आरती के लिए कपूर
  • अगरबत्ती
  • दीपक
  • हल्दी
  • कुमकुम
  • पीले चावल

संतोषी माता की कृपा 

संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi माँ संतोषी की कृपा उनकी भक्तों के जीवन में खुशियों, संतोष और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीक मानी जाती है। उनकी कृपा से भक्तों के मनोकामनाएं पूरी होती हैं  माँ संतोषी की कृपा से उनके भक्तों के जीवन में खुशियाँ और संतोष आता है। उनकी पूजा करने और उनकी कृपा की प्राप्ति के बाद, लोग आत्मा की शांति और आनंद की अनुभूति करते हैं। माँ संतोषी की कृपा से भक्तों के जीवन में आर्थिक समृद्धि आ सकती है। उनके व्रत और पूजा से लोग वित्तीय समस्याओं से राहत पा सकते हैं और विपत्तियों से बच सकते हैं। संतोषी माता व्रत कथा और पूजन विधि- Santoshi Mata 2023 vrat, katha, puja vidhi in hindi

माँ संतोषी की कृपा से भक्तों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। उनके पूजा और भक्ति से लोग तनाव, चिंता और बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। माँ संतोषी की कृपा से परिवार में समृद्धि और आनंद प्राप्त हो सकते हैं। उनके पूजन से परिवार के सदस्यों के बीच में सख्तियाँ कम होती हैं और परिवार में शांति बनी रहती है। माँ संतोषी की कृपा से भक्तों को मानव सहायता मिल सकती है। उनके व्रत और पूजा से लोग सामाजिक और मानविक कार्यों में सहायता करने का संकल्प लेते हैं और दूसरों की मदद करते है


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