सरस्वती वंदना और अर्थ – सरस्वती वंदना एक हिन्दू धार्मिक परंपरागत श्लोक है जो विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की स्तुति के लिए कहा जाता है। यह वंदना अक्सर विद्यालयों, कॉलेजों और सार्वजनिक सभाओं में पठित की जाती है ताकि विद्यार्थियों में उदार बुद्धि, ज्ञान, और सफलता की प्राप्ति हो सके।
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सरस्वती जयंती कब है- Saraswati jayanti 2024 Date
सरस्वती वंदना और अर्थ – 2024 में, सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी 14 फरवरी 2024, बुधवार को मनाई जाएगी। इस बार सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी 2024 बुधवार को सुबह 07:10 से लेकर 12 बजकर 22 मिनट पर होगा।
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सरस्वती वंदना की महत्ता – Importance of Saraswati Vandana
सरस्वती वंदना एक शक्तिशाली मंत्र है जो ज्ञान, संगीत, कला, वाणी, बुद्धी और विद्या की देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य में ज्ञान, बुद्धि और विद्या की वृद्धि होती है। साथ ही, इससे मनुष्य के अंदर कला और संगीत के प्रति लगाव भी बढ़ता है।
सरस्वती वंदना का पाठ हर दिन सुबह उठकर और शाम को सोने से पहले किया जा सकता है। इस मंत्र का जाप करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती है। केवल मन को एकाग्र करके इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
सरस्वती वंदना मंत्र- Saraswati Vandana Mantra
या कुंदेंदुतुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता |
या वीणावरदण्डमंडितकरा, या श्वेतपद्मासना ||
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता |
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा ||
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धाकारापाहां|
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदां||
सरस्वती वंदना मंत्र अर्थ- Saraswati Vandana Mantra Meaning
सरस्वती वंदना और अर्थ – जो विद्या देवी कुंद के पुष्प, शीतल चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह है और श्वेत वर्ण की है और जिन्होंने श्वेत वर्ण के वस्त्र धारण किये हुए है, और साथ ही जिनके हाथ में वीणा शोभायमान है और जो श्वेत कमल पर विराजित हैं और ब्रह्मा,विष्णु और महेश और सभी देवता जिनकी नित्य वन्दना करती है वह अन्धकार को दूर करने वाली माँ भगवती हमारी रक्षा करें
शुक्ल वर्ण वाली, सम्पूर्ण जगत में व्याप्त, महाशक्ति, आदिशक्ति परब्रहम के विषय में किये गये विचार और चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से मुक्त करने वाली और साथ ही अंधकार को नष्ट करने वाली सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, माँ भगवती शारदा को मैं वंदन करती हूँ सरस्वती वंदना और अर्थ
सरस्वती वंदना गीत
**ओम सरस्वती माता, ज्ञान की देवी। ज्ञान और बुद्धि का दान दो, माँ हमें।
वीणा और पुस्तक हाथ में, ज्ञान की धारा बहती रहती है। हम सब पर कृपा करो, ज्ञान की देवी सरस्वती।**