Monday, October 7, 2024
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क्या आप भी सेल्फी एडिक्शन बीमारी से ग्रसित है, जाने इसके उपाय Selfie Addiction in hindi

क्या सेल्फी एडिक्शन एक दिमागी बीमारी है इससे कैसे बचें? (सेल्फी सिंड्रोम के लक्षण) (Selfie Side Effects, Selfie Addiction in hindi)





सेल्फी एडिक्शन एक दिमागी बीमारी है इससे कैसे बचें?- आज के समय में हर कोई मोबाइल फोन चलाता है चाहे वह 2 साल का बच्चा हो या फिर कोई बड़ा व्यक्ति आज के समय में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना एक आम बात हो गई है पर हम बात करे  फोन में सेल्फी की तो आप लोगों को इतना तो पता होगा कि छोटे से बच्चे को पता कि फोन मे सेल्फी कैसे ली जाती है और किस तरीके से मुंह बना कर सेल्फी के Pose दे सकते हैं ऐसे में आप लोगों ने इस बात पर तो बिल्कुल गोर किया होगा

आजकल की युवा पीढ़ी व्यक्ति एक सेल्फी के पीछे भागता है आप कहीं भी जाए उसके लिए आपको सेल्फ़ी लेना आम बात हो गई है परंतु उससे क्या आप लोग जानते हैं कि इससे आपके बच्चों को आपके बड़ों को कई सारे मानसिक तनाव तथा कई सारी बीमारी है या फिर अन्य परेशानियां हो सकती हैं अब क्या नुकसान है वह आज आपको इस पोस्ट में आपको बतायेगे तो आइए जानते हैं

सेल्फी एडिक्शन क्या है?

सेल्फी एडिक्शन (Selfie Addiction) एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति अधिकतर समय अपने सेल्फी लेने और सोशल मीडिया पर अपलोड करने में लगातार रुचि रखता है। इसमें व्यक्ति के सेल्फी लेने और अपलोड करने की आवश्यकता या मान्यता प्राप्त करने के लिए अभिभावकों, मित्रों या सोसायटी के दबाव का महत्वपूर्ण योगदान होता है। व्यक्ति की दैनिक जीवन और सामाजिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।



सेल्फी सिंड्रोम के लक्षण

व्यक्ति अपनी दैनिक गतिविधियों और महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़कर सेल्फी लेने में अधिक समय बिताता है। यह उनके सेल्फी एडिक्शन एक दिमागी बीमारी है इससे कैसे बचें जीवन के अन्य पहलुओं पर असामयिक प्रभाव डाल सकता है। व्यक्ति की सेल्फी लेने और साझा करने की उत्सुकता से उन्हें सेल्फी विश्वास प्राप्त हो सकता है, जिसमें उनकी आत्मा की मान्यता केवल उनकी सामाजिक मीडिया प्रतिष्ठा पर निर्भर होता है

सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) कई अलग-अलग लक्षणों के साथ जोड़े जा सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सेल्फी लेने की आदत और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने की इच्छा में बहुत प्रभावित हो जाता है।

बॉर्डर लाइन सेल्फिटिस 

इसका मतलब यह है कि जिस बच्चे को एक बार सेल्फी लेने की आदत पड़ गई और वह कम से कम खुद की फोटो दिन में 4 या 5 बार क्लिक कर लेता है




अपनी फोटो को सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं करता तो उन्हें बॉर्डर लाइन सेल्फीटिस का नाम किया जाता है जो कि यह पहला लक्षण है

एक्यूट सेल्फीटिस

 हम बात करें इसका मतलब यह है कि जो व्यक्ति अपनी पूरे दिन में कुछ बेहतरीन फोटोस click कर लेता है वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड करता है आप जैसे इस मानसिक बीमारी को एक्युत सेल्फीटीस नाम से जाना जाता है

क्रॉनिक सेल्फीटीस

उन कैटेगरी में शामिल किया जाता है जो अपने पूरे दिन में कुछ अलग अलग तरीकों से फोटो क्लिक करवाते हैं यानी कि में सरल तरीके से बताऊ तो वह कभी कबार अपने ग्रुप के साथ या फिर खुद की अकेले में कम से कम 6 बार फोटो क्लिक कर लेते हैं और अपनी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं और लोगों को अपलोड की गई फोटो उस पर कॉमेंट पेनिस पर उठाते हैं जिसे सेल्फी सिन्डॊम की यह लक्षण आजकल के कई युवाओं में होते हैं

सेल्फी सिंड्रोम की वजह से होने वाली मानसिक बीमारी

सेल्फी सिंड्रोम के कारण होने वाली मानसिक बीमारियों की कई संभावित वजहें हो सकती हैं व्यक्ति में अधिकतर आत्मसंघर्ष या आत्म-अभिव्यक्ति की समस्या हो सकती है।

यह उन्हें अपनी आवाज़ या व्यक्तित्व को समायोजित करने में असमर्थ बना सकता है, जो अवसाद, उदासी, तनाव, और अन्य मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं और साझा करने की संख्या एक मानसिक अंकगणित की तकनीक बन सकती है। इसमें व्यक्ति की मान्यता और आत्मसम्मान सीमित हो सकती है, और उन्हें नकारात्मक भावनाओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यक्ति को सामाजिक मीडिया पर अधिकतर समय बिताने की आदत होती है

नार्सिसिस्ट के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

Waywardness और Self-glorification:

Narcissistic व्यक्ति में अत्यधिक Waywardness और Self-glorification की भावना होती है। वे अपनी महत्वता और उत्कृष्टता को अधिक महत्व देते हैं और अन्य लोगों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

Power और spell की इच्छा:

Narcissistic व्यक्ति को अपनी Power और spell की इच्छा होती है। वे अन्य लोगों को अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश करते हैं और उन्हें अपनी इच्छानुसार काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।

Proud और Ignore:

Narcissistic व्यक्ति में अत्यधिक Proud होता है और वे अन्य लोगों को Ignore कर सकते हैं। वे अपने आप को सबसे श्रेष्ठ मानते हैं और दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

निष्कर्ष

यह तक दोस्तों आपने सीखा की सेल्फी एडिक्शन एक दिमागी बीमारी है इससे कैसे बचें उम्मीद है आपको मेरा बताया गया तरीका अच्छा लगा होगा यदि आप ऐसे ही और हिंदी ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही वेबसाइट पर आये है में अपने ऑडियंस को हिंदी में और फ्री में जानकारी देती हूँ यदि आप मेरी इस वेबसाइट के साथ ऐसे बने रहते है तो आपको टेक्नोलॉजी से जुड़े या अन्य जानकारिया ऐसे हिंदी हिंदी में जानने को मिलेगी इसके लिए आपको सबसे पहले JUGADME को सब्सक्राइब करना होगा जिससे आप तक मेरे बनाये गए पोस्ट आप तक आसानी से पहुंच जाये। और अपने रिश्तेदारों को जरूर शेयर करे। मुझे आपलोगो को सहयोग की अति आवश्यकता है।
धन्यवाद




 

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