नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताने वाली हूँ की Surrogacy क्या है? जैसा की कई लोग Surrogacy क्या है इसके बारे शायद जानकारी नहीं हो इसलिए यदि आप जानना चाहते है तो आज में आपको हमारे इस हिंदी ब्लॉग के जरिये पूरी जानकारी देने वाले है।तो आइए जानते है
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Surrogacy क्या है?
सरोगेसी एक विकल्प है जिसमें एक महिला दूसरी महिला के लिए गर्भधारण करती है। इस विधि का उपयोग वे महिलाएँ करती हैं जो अपने बच्चे को जन्म नहीं दे सकती हैं। सरोगेसी के तीन प्रकार होते हैं – तथा पूर्ण सरोगेसी, हांफ सरोगेसी और भागीदार सरोगेसी।
पूर्ण सरोगेसी में, गर्भवती महिला अपने विवेक और इच्छा के अनुसार उत्पन्न हुआ भ्रूण धारण करती है जो कि अन्य महिला या जोड़े के लिए होता है। हांफ सरोगेसी में, एक संगठित तंत्र का उपयोग करके गर्भ गांठ बनाई जाती है जो कि अन्य महिला या जोड़े के लिए होती है। भागीदार सरोगेसी में, गर्भवती महिला और दूसरी महिला दोनों गर्भ धारण करती हैं।
सरोगेसी क्यों जरूरी है
सरोगेसी कई मामलों में एक वैकल्पिक उपाय हो सकती है। जब कोई महिला अपने बच्चे को जन्म नहीं दे सकती है, जैसे कि अनुरोध पर सम्बन्ध नहीं बनाने के लिए या मेडिकल या गैर-मेडिकल समस्याओं के कारण, तब सरोगेसी एक विकल्प हो सकती है। अन्य मामलों में, जब कोई महिला गर्भवती होने के लिए उचित नहीं होती है, तब भी सरोगेसी एक विकल्प हो सकती है। सरोगेसी को अन्य उपयोगों में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि समलैंगिक जोड़ों के लिए बच्चे की प्राप्ति।
सरोगेसी का खर्च
सरोगेसी का खर्च बहुत ही विस्तृत हो सकता है और यह स्थान से स्थान भिन्न होता है। यह निर्भर करता है कि किस तरह की सरोगेसी आप चुनते हैं और देश के अनुसार इसमें क्या नियम होते हैं। संपूर्ण सरोगेसी का खर्च आमतौर पर 12-20 लाख रुपए से अधिक होता है। हांफ सरोगेसी का खर्च थोड़ा कम हो सकता है लेकिन यह भी लगभग 8-10 लाख रुपए हो सकता है। भागीदार सरोगेसी का खर्च संपूर्ण सरोगेसी से कम हो सकता है। यह खर्च मेडिकल खर्च, अनुभवी सरोगेट मदर से प्रतिफल और उसके साथ रहने के लिए लागतों से जुड़ा होता है।
सरोगेसी दो प्रकार की होती है
ट्रेडिशनल सरोगेसीः इसमें एक योनि से अनुवांशिक संबंध बनाया जाता है। इसमें संगम द्वारा उत्पन्न बच्चे के लिए एक महिला का गर्भ उतारा जाता है जिसे सरोगेट मदर कहा जाता है। इस प्रक्रिया में संगम द्वारा उत्पन्न बच्चे का जन्म होता है।
जेस्टेशनल सरोगेसीः इसमें संगम का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की सरोगेसी में उत्पन्न बच्चा के लिए एक अंडा और एक या दो बालक के अंडे का उपयोग किया जाता है। इसमें संगम का उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन उत्पन्न बच्चा जन्मदाता माता की वंशजता बनता है।
किन स्थितियों में सरोगेसी है बेहतर विकल्प
सरोगेसी एक विकल्प हो सकती है जब एक स्त्री अनुवांशिक तौर पर गर्भधारण नहीं कर सकती है। इसके अलावा, जब कुछ दोषों के कारण या आनुवंशिक विकारों के कारण जन्मदाता माता और बच्चे के बीच खतरा होता है, तब भी सरोगेसी एक बेहतर विकल्प हो सकती है। इसके अलावा, समलैंगिक जोड़ों के लिए या जिन लोगों की बायोलॉजिकल संतान उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है, उनके लिए भी सरोगेसी एक विकल्प हो सकती है।
कौन बनती हैं सरोगेट मदर?
सरोगेट मदर वह महिला होती है जो गर्भधारण और जन्म की प्रक्रिया के लिए तैयार होती है। वह महिला स्वस्थ होती है, उम्र कम से कम 21 वर्ष होती है और कम से कम एक संतान की मां होती है। सरोगेट मदर का चयन एक मुद्दे का मामला होता है और इसमें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सरोगेट मदर बनने से पहले, उसे शारीरिक और मानसिक जाँच से गुज़रना पड़ता है और उसे सभी आवश्यक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
FAQs
सरोगेसी क्या होती है?
सरोगेसी एक प्रकार का उपचार है जिसमें एक महिला दूसरी महिला के लिए गर्भधारण करती है और उसके लिए एक या एक से अधिक बच्चों को जन्म देती है।
सरोगेसी का उपयोग क्यों किया जाता है?
सरोगेसी का उपयोग विभिन्न कारणों से किया जाता है जैसे कि आनुवंशिक विकार, खतरनाक जन्म प्रक्रिया, बायोलॉजिकल संतान उत्पन्न करने की क्षमता न होना आदि।
सरोगेसी के लिए कौन उपयुक्त होती है?
सरोगेसी के लिए उपयुक्त महिलाएं जो गर्भधारण नहीं कर सकती हैं या जो अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए इसे उपयोगी मानती हैं जैसे कि आनुवंशिक विकार, खतरनाक जन्म प्रक्रिया, बायोलॉजिकल संतान उत्पन्न करने की क्षमता न होना आदि।
निष्कर्ष
सरोगेसी एक विकल्प होता है जो कुछ महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है जो गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। इसे अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए उपयोगी माना जाता है, जैसे कि आनुवंशिक विकार, खतरनाक जन्म प्रक्रिया और बायोलॉजिकल संतान उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होना। सरोगेसी एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है जिसमें स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के लिए सम्पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।