क्या है 5G नेटवर्क-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको 5G Network के बारे में बताने जा रहा हु। आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो इंटरनेट का इस्तेमाल ना करता हो। हमारे भारत देश में पहले के मुकाबले अब गांव में रहने वाले लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। हमारे देश की सरकार ने भी भारत को डिजिटल इंडिया का नाम दिया है और सरकारी दफ्तरों में भी सभी प्रकार के कार्य अब डिजिटल रूप में यानि कि इंटरनेट की सहायता से किए जा रहे हैं। वर्तमान समय में हम 4G तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब आगे हम धीरे-धीरे 5जी तकनीक के ओर अग्रसर हो रहे हैं। आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को 5G नेटवर्क से जुड़ी सारी जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
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5G में ‘G’ का अर्थ क्या है
क्या है 5G नेटवर्क-अब तक 1G से लेकर 5G टेक्नोलॉजी आ चुकी है। कई लोग सोचते हैं, कि आखिर “G” का क्या तात्पर्य होता है। तो दोस्तों हम आपको बता दें, कि 1G से लेकर 5G तक “G” का तात्पर्य जनरेशन से होता है, जनरेशन यानी की पीढ़ी। हम जिस भी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे होते हैं, उसके आगे “G” लग जाता है और यही “G” आधुनिक तकनीक के उपकरण को नई पीढ़ी के रूप में दर्शाने का कार्य करता है। हमारा देश धीरे-धीरे नई तकनीक की ओर अग्रसर होता जा रहा है और हमारे देश में भी नई-नई तकनीकों का निर्माण किया जा रहा है।
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी क्या है
क्या है 5G नेटवर्क5G की टेक्नोलॉजी दूरसंचार की टेक्नोलॉजी से संबंध रखती है। किसी भी तकनीक का इस्तेमाल वायरलेस तकनीक के जरिए किया जाता है। दूरसंचार की इस नई तकनीक में रेडियो तरंगे और विभिन्न तरह की रेडियो आवृत्ति का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक जितने भी टेक्नोलॉजी दूरसंचार के क्षेत्र में आ चुके हैं, उनके मुकाबले में यह तकनीक काफी नई और तीव्रता से कार्य करने वाली तकनीक है। इस नवीन तकनीक का अंतिम मानव का निर्धारण आईटीयू यानी कि इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के हाथों किया जाता है। 5G की तकनीक 4G तकनीक के मुकाबले नेक्स्ट जनरेशन की तकनीक है और यह अब तक आ चुकी सभी तकनीक से सबसे ज्यादा आधुनिक तकनीक मानी जा रही है।
नाम | 5 g नेटवर्क |
लांच | सन 2020 |
भारत में लांच | सन 2021 (दूसरी छमाही से) |
स्पीड | 20 gb प्रति सेकंड |
इंटरनेट स्पीड | 1 gb फाइल डाउनलोड प्रति सेकंड |
बैंडविड्थ | 3500 मेगाहर्ट्ज |
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी भारत में लांच
क्या है 5G नेटवर्क छठवें स्थान पर दुनिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी जी ने 5G तकनीक पर अपडेट देते हुए कहा है, कि इसे हमारे भारत देश में 2021 के दूसरी छमाही में ग्राहकों की सेवा के लिए 5 जी नेटवर्क को लांच कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में इससे जुड़े हुए सभी प्रकार के नवीन बदलाव एवं इससे जुड़ी हुई प्रक्रियाओं को एक बूस्ट प्रदान करने की आवश्यकता है। अंबानी जी ने कहा कि यह तकनीक सभी वर्गों के हाथों तक पहुंचे इसके लिए इसे आसान, सुलभ एवं सस्ता करने की बेहद आवश्यकता होगी। इसलिए इसे जल्द से जल्द लांच किया जायेगा.
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी फायदे
इस नई तकनीक मुख्य विशेषता यह है कि इसकी सहायता से ऑटोमोबाइल के जगत में औद्योगिक उपकरण एवं संसाधन यूटिलिटी मशीन संचार एवं आंतरिक सुरक्षा भी पहले के मुकाबले और विकसित एवं बेहतर होने के साथ-साथ इनके बीच में संबद्धता की वृद्धि होगी।
5G तकनीक सुपर हाई स्पीड इंटरनेट की कनेक्टिविटी प्रदान करने के साथ-साथ यह कई महत्वपूर्ण स्थानों में उपयोग में लाया जाएगा। इस टेक्नोलॉजी आ जाने से कनेक्टिविटी मे और भी ज्यादा विकास एवं शुद्धता प्राप्त होगी।
5G के तकनीक की वजह से ड्राइवरलेस कार, हेल्थ केयर, वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के क्षेत्र में नए-नए विकासशील रास्ते खुलते चले जाएंगे।
क्वॉलिकम के अनुसार अभी तक 5G की तकनीक ने करीब 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनामी को आउटपुट प्रदान कर दिया है। इसकी वजह से दुनिया भर में करीब 22.8 मिलियन के नए जॉब अवसर विकसित हो रहे हैं।
5G नेटवर्क स्पीड
क्या है 5G नेटवर्क इस नई तकनीक की स्पीड करीब एक सेकंड में 20gb के आधार पर इसके उपभोक्ताओं को प्राप्त होगी। इस तकनीक के आ जाने से टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए सभी कार्यों में तेजी से विकास होगा और सभी कार्य आसानी से काफी फास्ट स्पीड में किए जा सकेंगे।
इंटरनेट स्पीड में वृद्धि
अभी हम वर्तमान समय में 4G तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस तकनीक का इस्तेमाल करके हम 1 सेकेंड में करीब 1GB की फाइल को डाउनलोड करने की क्षमता रखते हैं, वही 5G की तकनीक में हमें 1 सेकेंड के अंदर करीब 10GB या इससे ऊपर की डाउनलोडिंग क्षमता वाली गति प्राप्त होगी।
डिजिटल इंडिया क्षेत्र में विकास
5G नेटवर्क के आ जाने से देश में डिजिटल इंडिया को एक अच्छी गति प्राप्त होगी और साथ ही में देश के विकास में भी तीव्रता आएगी।
जीडीपी बढ़ोतरी में तेजी
हाल ही में आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ने दावा देते हुए कहा है, कि देश में 5G के तकनीक के आ जाने से हमारे देश की जीडीपी एवं अर्थव्यवस्था में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी नुकसान
तकनीकी शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के अनुसार एक शोध में पाया गया कि 5G तकनीक की तरंगे दीवारों को भेदने में पूरी तरीके से असक्षम होती है। इसी के कारणवश इसका घनत्व बहुत दूर तक नहीं जा सकता है और इसी के परिणाम स्वरूप इसके नेटवर्क में कमजोरी पाई गई।
दीवारों को भेदने के अलावा इसकी तकनीक बारिश, पेड़ पौधों जैसे प्राकृतिक संसाधनों को भी भेदने में पूरी तरीके से असक्षम सिद्ध हुई है। 5G तकनीक को लॉन्च करने के बाद हमें इसके नेटवर्क में काफी समस्या देखने को मिल सकती है।
कई साधारण लोगों का मानना है, कि 5G तकनीक में जिन किरणों का उपयोग किया जा रहा है, उनका परिणाम काफी घातक सिद्ध हो रहा है और उसी का घातक परिणाम कोरोना वायरस है, परंतु अभी तक इस विषय में कोई साक्ष्य प्राप्ति नहीं हो सकी है।
5G नेटवर्क स्पेक्ट्रम बैंड
5G की नई तकनीक में millimeter-wave स्पेक्ट्रम अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका सर्वप्रथम विचार वर्ष 1995 में सबसे पहले जगदीश चंद्र बोस जी ने प्रस्तुत किया था और उन्होंने बताया था, कि इन वेब का इस्तेमाल करके हम कम्युनिकेशन को बेहतर बना सकते हैं। इस प्रकार की तरंगे करीब 30 से लेकर 300 गीगाहर्टज फ्रीक्वेंसी पर काम कर सकती हैं। ऐसी तरंगों का इस्तेमाल हम सैटेलाइट और रडार सिस्टम के अंदर भी इस्तेमाल करते हैं। 5G नेटवर्क की नई तकनीक करीब 3400 मेगाहर्ट्ज, 3500 मेगाहर्ट्ज और यहां तक कि 3600 मेगाहर्ट्ज बैंड्स पर काम कर सकती है। इस नई नेटवर्क तकनीक के लिए 3500 मेगाहर्ट्ज बैंड इसके लिए एक आदर्श बैंड कह सकते हैं, क्योंकि यह सबसे मध्य का बैंड है और इसके साथ ही यह काफी अच्छी कनेक्टिविटी भी प्रदान करता है।
5G नेटवर्क का कोरोना कनेक्शन
क्या है 5G नेटवर्क हाल ही में कई बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों ने कहां है, कि 5G तकनीक के टेस्टिंग के वजह से ही कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और कोरोना वायरस के उत्पत्ति का भी कारण 5G तकनीकी है। इस प्रकार की ख़बरें हर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 5G की तकनीक को लेकर फैल रही है। तो क्या सच में 5G के कारण हो रही है मौत आइये जानते हैं क्या है ये –
5G तकनीक से जुड़ी हुई ये खबरें एक भ्रांतियां मात्र है. इन भ्रांतियों के बारे में स्पष्टता से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी के डब्ल्यूएचओ ने एक अधिकारिक जानकारी लोगों के साथ साझा की है. उन्होंने कहा है, कि कोरोना वायरस का संक्रमण मोबाइल फोन नेटवर्क या फिर किसी अन्य रेडियो तरंगों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकता है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि करोना वायरस का संक्रमण उन देशों में भी है, जहां पर अभी 5G की नेटवर्क टेस्टिंग तक नहीं की गई है और ना ही वहां पर अभी तक 5G का मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। फिर भी वहां पैर यह फ़ैल रहा है इसलिए 5g का कोरोना से कोई संबंध नहीं है
जब 5G की नई तकनीक पूरी तरीके से कार्य करने लगेगी तब संपूर्ण विश्व में एक अलग ही विकास की लहर दौड़ना प्रारंभ कर देगी। इस तकनीक के भारत में आ जाने से हमारे देश का विकास और भी तीव्रता से होगा और नए नए रोजगार के अवसर लोगों को प्राप्त होंगे।
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