चेहल्लुम क्यों मनाया जाता है मुहर्रम महीने के दसवें दिन, जिसे आशुरा (Ashura) भी कहा जाता है, को शीया मुस्लिम समुदाय में चेहल्लुम (Chehallum) नामक एक धार्मिक उत्सव का आयोजन किया जाता है। यह उत्सव इमाम हुसैन और उनके साथियों की करबला में शहादत की याद में मनाया जाता है।
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चेहल्लुम क्या है
चेहल्लुम के दौरान, शीया मुस्लिम समुदाय के लोग इमामबाड़ों (मज़ारों) में इकट्ठे होते हैं और इमाम हुसैन की कहानी सुनते हैं, जिसमें उनकी शहादत और वीरता की कहानी शामिल होती है। वे उनके बलिदान की महत्वपूर्णता पर बातचीत करते हैं और उनकी प्रेरणा से लाभ उठाते हैं। चेहल्लुम के दौरान, भक्त अक्सर अपनी श्रद्धा और आवाज़ उठाकर मातम करते हैं। वे खुद को कटे हुए वस्त्र पहनते हैं, अपने सिर पर अश्फ़र रखते हैं और मातम की एक विशेष प्रक्रिया को पालते हैं जिसमें वे धार्मिक गीत गाते हैं और आपसी सहानुभूति का संकेत देते हैं। यह त्योहार एक गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल के साथ आता है और इसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धांजलि और भक्ति के साथ इमाम हुसैन की याद में लोगों को जोड़ना होता है।
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चेहल्लुम क्यों मनाया जाता है?
चेहल्लुम क्यों मनाया जाता है चेहल्लुम एक पारंपरिक भारतीय मुस्लिम त्योहार है जो मुहर्रम महीने के दसवें दिन को मनाया जाता है। यह त्योहार शीया मुस्लिम समुदाय में मुहर्रम के आखिरी दिन को आता है और इसे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है, जो इमाम अली के पोते और प्रेरणा स्रोत थे।
चेहल्लुम के दौरान, मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रम के दसवें दिन यानी इमाम हुसैन की शहादत के दिन को उनके स्थानीय मस्जिदों और इमामबाड़ों में इकट्ठा होते हैं। वहां उन्हें इमाम हुसैन की क़िस्से सुनाई जाती हैं, जो उनकी शहादत के पीछे की कहानी होती है। इसके साथ ही, लोग अपने आवाज़ उठाकर मातम करते हैं और उनकी याद में रुवाने और अपने दर्द को व्यक्त करने के लिए रोते हैं।
यह त्योहार भक्ति, सैन्य और धर्मिक माहौल के साथ आता है और लोग इसे आदर और श्रद्धांजलि का माध्यम मानते हैं। चेहल्लुम के दौरान भक्तों के बीच सैलाब, मातम जुलूस और जुलूसियाँ निकाली जाती हैं जो इमाम हुसैन की शहादत की याद में होती हैं।
भारत में चेहल्लुम कब है 2023
त्यौहार | Chehlum (Arbaeen) |
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तारीख | 04 September, 2023 |
हिजरी तारीख | 20 Safar 1445 |
पाकिस्तान में चेहल्लुम कब है 2023
त्यौहार | Chehlum (Arbaeen) |
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तारीख | 05 September, 2023 |
हिजरी तारीख | 20 Safar 1445 |
इस्लाम में चेहलुम का क्या महत्व है?
इस्लाम में चेहल्लुम का महत्व बहुत अधिक होता है, खासकर शीया मुस्लिम समुदाय में। चेहल्लुम का महत्व मुहर्रम महीने के दसवें दिन को मनाने के पीछे इमाम हुसैन और उनके साथियों की करबला में शहादत की कहानी और धर्मिक महत्व के कारण होता है। चेहल्लुम का मुख्य उद्देश्य इमाम हुसैन की और उनके साथियों की करबला में शहादत की याद में मनाना है। यह उनके बलिदान को समर्पित है और मानवता के लिए न्याय और सच्चाई की बड़ी मिसाल मानी जाती है।
FAQ
Q:- क्या पाकिस्तान में चेहलुम पर सार्वजनिक अवकाश है?
चेहलुम एक वैकल्पिक अवकाश है।
Q:-इस्लाम धर्म में कितनी शादी जायज है?
इस्लाम में 4 शादी करना जायज नहीं है, बल्कि कुछ खास हालात में एक से अधिक लेकिन अधिकतम चार शादियां करने की इजाजत दी गई है।